पटना : बिहार सरकार द्वारा सूबे को टीबी जैसी बीमारी से पूरी तरह निजात दिलाने के लिए सरकार कई तरह के प्रयास कर रही है. इसके तहत मरीजों को जागरूक किया जा रहा है, साथ ही मरीजों को दवा के लिए नकदी रुपये भी दिये जाने का प्रावधान किया गया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इस बीमार की रोकथाम और लोगों में इसके प्रति जागरूकता लाने के लिए आज आठ वीडियो और 9 ऑडियो क्लिप जारी किया है. उन्होंने इस मौके पर मीडिया से कहा कि टीबी से देश को मुक्त करना है. उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 205 तक इस बीमारी को देश से खत्म करने का संकल्प लिया है और इसे हम सबों को साथ मिलकर पूरा करना है.
इससे पूर्व बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 31 जनवरी को घोषणा करते हुए कहा था कि बिहार में टी बी के करीब 2.5 लाख मरीज है और राज्य सरकार ने फैसला किया है कि इन सभी टी बी मरीजों को मुफ्त दवा के साथ-साथ पौष्टिक आहार के लिए 500 रुपए प्रति महीने दिए जाएंगे. मोदी ने ऐलान किया कि टीबी के मरीजों का इलाज करने वाले प्राइवेट डॉक्टर को भी प्रति मरीज 100 रुपये दिये जायेंगे. मोदी ने कहा था कि गरीबों के हित को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 886 दवाओं की कीमतों में 75 फीसदी तक की भारी कमी कर दी है वहीं हृदय में लगने वाले स्टेंट की कीमत में 85 फीसदी तक की कटौती की गई है. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में जन औषधि की दुकानों के जरिये गरीबों को सस्ती दवाएं उपलब्ध करायी जा रही है जो कि प्रधानमंत्री मोदी और उनके सरकार की बड़ी उपलब्धि है.
इस दौरान सुशील मोदी ने यह भी कहा था कि बिहार सरकार और केंद्र सरकार के स्तर पर दवा दुकानदारों की परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार पूरी तरीके से तैयार और प्रतिबद्ध है. साथ ही मोदी ने चेताया कि किसी भी सरकारी अधिकारी द्वारा तंग और परेशान किये जाने की गोपनीय सूचना मिलने पर उनके खिलाफ अभिलंब कार्रवाई की जायेगी. मिलावट और फर्जी दबाव के कारोबार करने वाले लोगों को भी सरकार नहीं बख्सेगी.
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