28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

टैक्स सेविंग के लिए बचे हुए समय में ऐसे करना होगा निवेश

पटना : वित्तीय वर्ष 2017-18 बस अब कुछ दिनों का ही मेहमान है. फरवरी का महीना आते ही समय आ जाता है हमारे टैक्स प्लानिंग का, क्योंकि अपने टैक्स सेविंग के लिए जो भी निवेश करना है, वह सब इस वित्तीय वर्ष के समय में ही करना होगा. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में टैक्स […]

पटना : वित्तीय वर्ष 2017-18 बस अब कुछ दिनों का ही मेहमान है. फरवरी का महीना आते ही समय आ जाता है हमारे टैक्स प्लानिंग का, क्योंकि अपने टैक्स सेविंग के लिए जो भी निवेश करना है, वह सब इस वित्तीय वर्ष के समय में ही करना होगा. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में टैक्स प्लानिंग करने के कुछ विशेष नियमों के बारे में वरीय चार्टर्ड एकाउंटेंट राजेश कुमार खेतान से की गयी बातचीत.
-सबसे पहले तो यहां यह जानना आवश्यक है कि इस साल टैक्स स्लैब क्या कहता है
छूट के लिए निम्न तरीके से गणना करें
-धारा 80 सी के तहत
निवेश की सीमा अधिकतम 150000 (जीवन बीमा, पीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना इत्यादि)
-धारा 80 डी के तहत
स्वयं का मेडिकल बीमा प्रीमियम – 25000 तक पेरेंट्स का मेडिकल बीमा प्रीमियम – 30000 तक
-धारा 80 सीसीडी
एनपीएस में निवेश – 50000 तक
-धारा 80 टीटीए के तहत
सेविंग अकाउंट पर ब्याज से आय 10000 तक. इसके अलावा भी अन्य कई धाराओं के अंदर कंडीशनल छूट के प्रावधान किये गये हैं. आप अपने निवेश की सही प्लानिंग कर के टैक्स में काफी बचत कर सकते हैं.
कर की गणना के लिए अपनी आय को पांच भागों में करें विभाजित
अपने आय पर कर की गणना करने के लिए सबसे पहले अपनी आय को पांच भागों में विभाजित कर लें जैसे- वेतन से होनेवाली आय, किराया आदि से होने वाली आय, व्यवसाय या पेशा से होने वाली आय, पूंजीगत लाभ और अन्य साधन से होने वाली आय. वेतन से होने वाली आय में आप हाउस रेंट अलाउंस, कोन्वेयांस अलाउंस, मेडिकल रेइम्बर्सेमेंट और अन्य करमुक्त प्राप्ति को घटा लें .इसके बाद आप प्रोफेशनल टैक्स के रूप में चुकाये गये पैसे को भी घटा लें. बची हुई कुल आय आपकी सैलरी से होने वाली आय होगी. अगर आप अपने मकान में रहते हैं या आप अपना मकान किराया पर दे रखा है तो किराया की आमदनी को 30 फीसदी स्टैंडर्ड कटौती कर के कर योग्य आय में ले सकते हैं.
काॅरपोरेशन टैक्स के रूप में चुकाये गये रुपये भी आप घटा लें. अगर आप मकान बनाने के लिये लोन लिया हुआ है तो आप चुकाये गये ब्याज को भी अपनी आय में से घटा सकते हैं , परन्तु घटाये जाने वाले ब्याज की अधिकतम सीमा 200000 ही है.इसी तरह आप व्यवसाय से होनेवाली आय और कैपिटल गेन की भी गणना कर लें और आखिरी में बैंक ब्याज व अन्य प्रकार की आय को जोड़ लें. सभी पांचों प्रकार की आय को जोड़आप अपनी कुल आय निकाल लें.
– ऐसे समझें टैक्स का गणित (सालाना)
वेतन से होने वाली आय 600000 900000
हाउस लोन पर दिया गया ब्याज -200000 -200000
सेविंग अकाउंट पर ब्याज से आय 10000 10000
कुल आय 410000 710000
धारा 80 सी के तहत छूट 150000 150000
धारा 80 डी के तहत छूट 55000 55000
धारा 80टीटीए के तहत छूट 10000 10000
कर योग्य आय 195000 495000
आय कर शून्य 12618

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें