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बिहार : चंद्रग्रहण का दिखा असर, शाम चार बजते ही बंद हो गये मंदिरों के कपाट
पटना : बुधवार शाम चार बजे का वक्त. पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर के साथ ही पंचमुखी हनुमान मंदिर, पटना सिटी की बड़ी और छोटी पटन देवी मंदिर समेत राजधानी के अन्य सभी मंदिरों में कपाट बंद कर दिये गये. शाम पांच बजकर अठारह मिनट से लगने वाले चंद्रग्रहण को लेकर जहां घरों में रसोई […]
पटना : बुधवार शाम चार बजे का वक्त. पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर के साथ ही पंचमुखी हनुमान मंदिर, पटना सिटी की बड़ी और छोटी पटन देवी मंदिर समेत राजधानी के अन्य सभी मंदिरों में कपाट बंद कर दिये गये.
शाम पांच बजकर अठारह मिनट से लगने वाले चंद्रग्रहण को लेकर जहां घरों में रसोई घर बंद थे, खाना पीना हो रहा था ताकि पौने नौ बजे के बाद ही स्नान कर अन्य कार्यों में लग जाएं.
वहीं मंदिरों में ग्रहण के बाद धुलाई हुई आैर उसके बाद नौ बजे से कपाट खोल दिये गये. मंदिरों में शाम सात-साढ़े सात बजे की आरती शयन आरती के दरम्यान 10-10.30 के वक्त हुई. साल के पहले चंद्र ग्रहण पर बुधवार शाम माघ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को लगने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण पर राजधानी में धार्मिक गतिविधियां चलती रही. लोगों ने मान्यताओं के अनुसारदान पुण्य किया.
5:18 बजे शाम ग्रहण का हुआ स्पर्श
भारतीय समय के अनुसार शाम सवा पांच से पौने नौ के बीच इसका स्पर्श 5:18 शाम को और मध्य शाम के 7 बजे वहीं मोक्ष 8 बजकर 42 बजे हुआ. ग्रहण का स्पर्श पुष्य नक्षत्र में हुआ जो श्लेषा नक्षत्र में समाप्त हुआ. पुष्य एवं श्लेषा दोनों नक्षत्रो के जातकों को और कर्क राशि वालों को प्रभावित करेगा. ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले सुबह 8 बजकर 35 मिनट से लग गया था. यह चंद्रग्रहण विशेष संयोगों से युक्त था. पुष्य और अश्लेषा नक्षत्र के जातकों के साथ ही कर्क राशि वाले को प्रभावित किया. आचार्य पं श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि ग्रहण के दौरान भक्तगणों ने दान-पुण्य किया.
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