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बिहार : बोधगया विस्फोटक मामले में NIA ने सौंपी रिपोर्ट, इस्तेमाल ऑटो की हुई पहचान, ड्राइवर से पूछताछ

पुलिस महकमे के दो एडीजी ने महाबोधि मंदिर का किया सुरक्षा ऑडिट पटना : महाबोधि मंदिर के आसपास के इलाके में मिले दो बैगों में विस्फोटक (आईईडी) मामले की जांच एनआईए (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी) कर रही है. इसमें एनएसजी (नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड) के विस्फोटक एक्सपर्ट भी हर तरह से सहयोग कर रहे हैं. 20 जनवरी […]

पुलिस महकमे के दो एडीजी ने महाबोधि मंदिर का किया सुरक्षा ऑडिट
पटना : महाबोधि मंदिर के आसपास के इलाके में मिले दो बैगों में विस्फोटक (आईईडी) मामले की जांच एनआईए (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी) कर रही है. इसमें एनएसजी (नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड) के विस्फोटक एक्सपर्ट भी हर तरह से सहयोग कर रहे हैं. 20 जनवरी से इस मामले की जांच एनआईए और एनएसजी संयुक्त रूप से कर रही है. मुख्य रूप से इस मामले को एनआईए की विशेष टीम ही देख रही है.
इससे संबंधित शुरुआती रिपोर्ट एनआईए ने पुलिस मुख्यालय को सौंप दी है. अभी यह शुरुआती रिपोर्ट होने के कारण इसमें इस घटना को लेकर कोई ठोस खुलासा नहीं किया गया है. इसकी अंतिम या फाइनल रिपोर्ट जब आयेगी, तभी पूरी तरह से यह स्पष्ट हो पायेगा कि किस आतंकी संगठन या किसके स्लीपर सेल ने इन दोनों बैग को रखा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अभी तक जमा की गयी इस रिपोर्ट में फिलहाल पूरी घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है.
हालांकि इसमें इन दोनों बैग को रखने के पीछे किसी आतंकी संगठन के होने की बात स्पष्ट रूप से कही गयी है. अभी तक की जांच में इंडियन मुजाहिद्दीन की हरकत ही इसके पीछे सामने आ रही है. जांच पूरी होने के बाद ही यह पूरी तरह से स्पष्ट हो पायेगा कि इसके पीछे कौन थे. फिलहाल इस घटना से जुड़े पूरे मॉडस ऑपरेंडी का अध्ययन किया जा रहा है.
महाबोधि मंदिर के आसपास के इलाके में आइइडी की बरामदगी बेहद ही संवेदनशील मुद्दा है. इतनी सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बाद भी इस तरह की चूक की गहनता से जांच करने और पूरे मंदिर का सुरक्षा ऑडिट करने के लिए सूब के दो एडीजी ने वहां जाकर गहन जांच करके लौटी है.
इस टीम में एडीजी (मुख्यालय) एसके सिंघल और एडीजी (विशेष शाखा) जितेंद्र सिंह गंगवार शामिल थे. एडीजी (मुख्यालय) ने तो वकायदा वहां दो दिन का प्रवास करके तमाम सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा भी की. मंदिर परिसर के आसपास यह देखा गया कि कहां कितने फोर्स की जरूरत है, कितनी सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए और कितनी मौजूद है, कहां-कहां कितनी कमी है समेत तमाम पहलुओं पर सुरक्षा ऑडिट की गयी.
यह भी विचार किया गया कि एक कंपनी बीएमपी की तैनाती यहां स्थायी रूप से कर दी जाये. हालांकि इस सुरक्षा ऑडिट की पूरी रिपोर्ट तैयार होने के बाद ही यह पता चल पायेगा कि यहां कहां-कहां सुरक्षा बढ़ायी गयी. साथ ही कहां कमी रह जाने का फायदा आतंकी संगठन उठाने में कामयाब हो सके.
इस्तेमाल ऑटो की हुई पहचान, ड्राइवर से पूछताछ
बोधगया (गया) : पिछले 19 जनवरी को बोधगया में बम प्लांट करने पहुंचे पांचों युवकों की पहचान होने के बाद अब उस ऑटो की भी पहचान कर ली गयी है, जिस पर सवार होकर बम के साथ युवकों की टोली बोधगया पहुंची थी. पुलिस ने ऑटो पर की गयी कोडिंग के माध्यम से ऑटो को गया शहर से ढूंढ़ निकाला और उसके ड्राइवर को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी. सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि गांधी चौक के रास्ते लाल पत्थर तक पहुंचे दोनों युवकों ने महाबोधि मंदिर के मुख्य द्वार के पास काफी देर तक खड़े होकर किसी का इंतजार किया.
इसके बाद वे आगे बढ़े. हालांकि, ऑटो ड्राइवर ने अपनी याददाश्त के आधार पर युवकों की तो पहचान कर ली है, पर उन्हें केवल यात्री के रूप में ही समझते हुए बोधगया तक पहुंचाने की बात स्वीकार की है. वैसे युवकों की तस्वीर को अगले कुछ ही दिनों में सार्वजनिक किये जाने की तैयारी जारी है ताकि उसे देश के किसी भी कोने से ढ़ूंढ़ निकाला जा सके.

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