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बिहार : पटना में 16 लाख लोगों ने 613 किमी तक बनायी मानव शृंखला
पटना : बाल विवाह और दहेज प्रथा के उन्मूलन और जीवंत समाज के लिए अभिशाप बन चुकी इन सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान से रविवार को मानव शृंखला की शुरुआत हुई. इसमें आधा घंटा तक आम और खास, छोटे-बड़े, आदमी-औरत, बच्चे और बूढ़े सभी लोगों ने एक दूसरे के हाथ थामे […]
पटना : बाल विवाह और दहेज प्रथा के उन्मूलन और जीवंत समाज के लिए अभिशाप बन चुकी इन सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान से रविवार को मानव शृंखला की शुरुआत हुई. इसमें आधा घंटा तक आम और खास, छोटे-बड़े, आदमी-औरत, बच्चे और बूढ़े सभी लोगों ने एक दूसरे के हाथ थामे रखा.
अकेले पटना जिले के 15 लाख 37 हजार 650 लोगों ने अपने घरों से निकलकर सामाजिक क्रांति के इस सरकारी प्रयास पर अपने समर्थन की मुहर लगा दी. दहेज की बुराई से लड़ रहीं और छोटी-सी उम्र में बाल विवाह का विरोध करनेवाली तमाम बेटियां भी पहुंचीं और इसके बाद जिले में बुराइयों के खिलाफ करीब 613 किमी लंबी लक्ष्मण रेखा खींच दी गयी, जिसकी डोर समूचे बिहार में भी खींची गयी.
सेल्फी का रहा क्रेज
मानव शृंखला के दौरान स्कूली बच्चों में काफी जोश व उत्साह दिखा. इस दौरान बच्चे अपने साथियों के साथ सेल्फी लेते भी नजर आये. इनके अलावा शिक्षक-शिक्षिकाएं भी सेल्फी व फोटो लेने में पीछे नहीं थे. उन्होंने अपने स्कूल के बच्चों के साथ भी फोटोग्राफी की.
– उड़ाये गये गुब्बारे
गांधी मैदान के चारों कोने पर चार विशालकाय हाईड्रोजन बैलून लगाये गये हैं, जिन पर बाल विवाह व दहेज प्रथा के उन्मूलन संबंधी स्लोगन अंकित थे. इनकाे मानव शृंखला शुरू होते ही परिसर के विभिन्न कोनों से उड़ाये गये.
सभी बैलूनों
पर स्लोगन लिखे गये थे. इसके अलावा कई स्टॉल परिसर के भीतर और बाहर लगाये गये थे, जहां लोगों ने हस्ताक्षर कर अपनी भावनाओं को शब्दबद्ध किया.
बाल विवाह व दहेज उन्मूलन के लिए रविवार को गांधी मैदान से शुरू मानव शृंखला में एक साथ पंडित, मौलवी और पादरी एक साथ आधा घंटा तक एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर खड़े रहे. इसी लाइन में आगे की ओर समाज के थर्ड जेंडर का एक ग्रुप भी खड़ा रहा और सभी ने इस अभियान में सहयोग देते हुए शपथ ली कि कहीं भी बाल विवाह व दहेज की मांग उठेगी, वे उस शादी में शामिल नहीं होंगे और इसकी सूचना थाने तक पहुंचायेंगे. गांधी मैदान का यह बेहतरीन नजारा काफी निराला था, जहां सभी लोग एक साथ एक ही लक्ष्य को पूरा करने के लिए खड़े थे.
से अधिक लोग गांधी मैदान में जुटे
गांधी मैदान में मानव शृंखला के दौरान 4400
लोगों ने एक दूसरे का हाथ पकड़े प्रदेश में बाल विवाह को खत्म करने और दहेज मुक्त समाज बनाने का आह्वान किया. शृंखला में छात्र, नौजवान के साथ कई सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के लोग शामिल हुए. सभी को अलग-अलग सेग्मेंट में बांटा गया था. मैदान में ‘ए’ से लेकर ‘पी’ तक का सेग्मेंट बनाया गया था. इस लोगों के लिए प्रवेश के लिए अगल-अलग गेट भी निर्धारित किये गये थे. शृंखला में शामिल लोगों की लिस्ट के मुताबिक मैदान में 4400 लोग थे, लेकिन माना जा रहा है कि मैदान में इससे अधिक लोग मौजूद थे. विभिन्न संस्थान, स्कूल, कॉलेज और ऑफिस के लोगों के अलावा बहुत से ऐसे लोग भी शामिल हुए, जिनकी गिनती लिस्ट में नहीं थी. इसमें ट्रांसजेंडर भी शामिल हुए.
– सबसे छोटे कद वाली अनीमा भी
सबसे छोटी कद की अनीमा भी गांधी मैदान के मानव शृंखला में शामिल हुईं. डीएम ऑफिस में काम करने वाले अनामी की कद-काठी काफी छोटी है. वह अपने बच्चों के साथ इस शृंखला में शामिल हुईं. इन्होंने कहा कि समाज से कुप्रथा को हटाना होगा. सामाजिक परिवर्तन जरूरी है.
किन्नर कला जत्था दोस्ताना सफर की ओर से किन्नर समुदाय के कुछ लोग गांधी मैदान समारोह स्थल पर जागरूकता के लिए खड़े थे. उनका कहना था दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसे कुरीतियां समाज से खत्म होनी चाहिए. ये महिलाएं किन्नर समुदाय की भलाई के लिए काम करती हैं और अपने अधिकारों के लिए लड़ती हैं.
अपने पारंपरिक काम के अलावा इनमें कुछ ब्यूटीशियन हैं तो कुछ कुक, कुछ गायक. इन्होंने कहा कि हम अपने अलावा समाज का उत्थान भी चाहते हैं और इसी से खड़े हैं. दहेज व बाल विवाह रूकना चाहिए.
गांधी मैदान में बिगुल बजते ही एक हाथ से जुड़ते गये सैकड़ों हाथ
पटना : गांधी मैदान में माउंट कारमेल व कृष्णा निकेतन के साथ बीएमपी का एक बैंड मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्वागत किया. गांधी मैदान में बाहर बजने के पूर्व ही सभी लोग बिहार के बने नक्शे की लाइन में खड़े हो गये और 12 बजते ही जैसे ही बिगुल बजाया गया. लोग एक दूसरे की हाथों में हाथ जोड़ते हुए खड़े हाे गये और दोबारा से 12:30 में जब दोबारा से बिगुल बजाया गया, तो उस मानव शृंखला की लाइन से लोग खुशी-खुशी निकल गये.
गांधी मैदान में बने मानव शृंखला में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मुख्य सचिव सहित सभी विभाग के प्रधान सचिव व सचिव, आंगनबाड़ी, जिला स्वास्थ्य समिति, पुलिस विभाग के महिला व पुरुष जवान, स्कूल के छात्र-छात्राएं, जीविका की महिलाएं शामिल हुई. मानव शृंखला में जिला प्रशासन की ओर से डीएम कुमार रवि, डीडीसी डॉ आदित्य प्रकाश, परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल सहित जिले के सभी वरीय अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे.
चार गेटों से निकली शृंखला
गेट नंबर एक से फ्रेजर रोड, डाकबंगला रोड, बेली रोड, सगुना मोड, दानापुर कैंट होते हुए भोजपुर जिले की सीमा तक गयी. गेट नंबर सात से मानव शृंखला अशोक राजपथ, फतुहा, बख्तियारपुर, बाढ़, मोकामा होते हुए राजेंद्र पुल तक गयी. गेट नंबर पांच से दीघा रोड होते हुए आरा गोलंबर दानापुर कैंट तक शृंखला बनायी गयी. गेट नंबर दस से एक्जीबिशन रोड फ्लाईओवर से कंकड़बाग, पुराना बाईपास होते हुए जीरो माईल तक व वहां से महात्मा गांधी सेतु पाया नंबर 36 तक गयी.
कौन शामिल
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय के नेतृत्व में भाजपा के नेता व कार्यकर्ता आयकर गोलंबर के पास मानव शृंखला में शामिल हुए. राज्य के विभिन्न भागों में पार्टी के पदाधिकारी एवं मोर्चा, प्रकोष्ठसे जुड़े कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए.
भाजपा सांसद डाॅ सीपी ठाकुर ने फ्रेजर रोड में पूर्वोत्तर से बिहार दर्शन के लिए आये हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों और अपने समर्थकों के साथ मानव शृंखला में शामिल हुए. डाॅ ठाकुर ने कहा कुप्रथा का जल्दी अंत होगा.
मानव शृंखला में करीब 20 लाख लोजपा कार्यकर्ता भी शामिल हुये. पार्टी के नेताओं ने पटना के डाकबंगला चौराहा, आयकर गोलंबर और लोजपा प्रदेश कार्यालय में मानव शृंखला बनायी. सांसद रामचन्द्र पासवान ने समस्तीपुर में नेतृत्व किया.
कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार अपनी पत्नी डा. अल्पना के साथ हड़ताली मोड़ पर लगे थे. कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मी हड़ताली मोड़ पर ही शृंखला में शामिल हुए. कृषि निदेशक डाॅ हिमांशु राय, उद्यान निदेशक अरविंदर सिंह आदि भी थे.
कांग्रेस के विधान पार्षद रामचंद्र भारती इको पार्क के समीप अपने समर्थकों के साथ मानव श्रृंखला के अंग बने. उन्होंने बताया कि राजनीतिक दलों के नेताओं को पार्टी से ऊपर उठकर इसमें भाग लेना चाहिए. नीतीश कुमार का काम सराहनीय है.
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सदस्यों ने मानव शृंखला में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. चैंबर के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने वाट्सएप से उद्यमियों व व्यवसायियों से अपील की कि बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ आगे आएं.
मानव शृंखला के समर्थन में आम लोगों के साथ डॉक्टर व दवा व्यवसायियों का उत्साह उमड़ पड़ा. बिहार केमिस्ट एवं ड्रग एसोसिएशन के सचिव संतोष कुमार, अमरकांत वर्मा और पीके सिंह के नेतृत्व में व्यापारियों ने मानव शृंखला बनायी.
ये बोले
बाल विवाह व दहेज प्रथा के खिलाफ बनी मानव शृंखला में पांच करोड़ लोग शामिल हुए. मुख्यमंत्री के आह्वान पर बिहार के लगभग 5 करोड़ लोगों ने मौसम की चिंता न करते हुए स्वेच्छा से भाग लिया. 13 हजार किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी मानव शृंखला का निर्माण कर सामाजिक बदलाव के अभियान का समर्थन लोगों ने किया. करोड़ों लोग बधाई के पात्र हैं.
अच्छा होता कि राजद, कांग्रेस भी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ मानव शृंखला में शामिल होकर अपना समर्थन देते. पिछले साल जो लोग शराबबंदी के पक्ष में मुख्यमंत्री के साथ खड़े थे वे आज विरोध कर अभियान का मजाक उड़ा रहे हैं. पिछले साल विपक्ष में होने के बावजूद भाजपा ने जहां मानव शृंखला में हिस्सा लिया था वहीं शराबबंदी का भी पुरजोर समर्थन किया था. मानव शृंखला को सफल बनाने के लिए तमाम बिहारवासियों को हार्दिक धन्यवाद देते हुए कहा कि दहेज और बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है जिसका खात्मा केवल कानून से संभव नहीं है. दहेज प्रथा बाल विवाह की मूल वजह है.
सामाजिक कुरीतियों की खात्मा कानून के साथ–साथ ऐसे ही जागरूकता अभियान से संभव है. कानून दंडित तो कर सकता है मगर हृदय परिवर्तन नहीं, लेकिन जब समाज जाग उठता है, तो किसी भी प्रकार का सुधार व बदलाव संभव हो जाता है. सती प्रथा जैसी कुरीति का अंत भी सामाजिक जनचेतना से ही संभव हो पायी थी.
सुशील कुमार मोदी, उप मुख्यमंत्री
मानव शृंखला ने एक नये इतिहास की रचना की है. उन दलों और उनके नेता इतिहास के इन पन्नों में अपना नाम दर्ज कराने में पूरी तरह विफल रहे, जो अपनी कुत्सित मानसिकता का परिचय देते हुए शृंखला का विरोध करते हुए सामाजिक कुरीतियों के पक्ष में खड़े थे. कि सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ राज्य सरकार का अभियान आगे भी चलता रहेगा. अब इसका विरोध करने वाले लोगों और दलों का चेहरा स्वत: बेनकाब होता रहेगा.
नंदकिशोर यादव
मानव शृंखला को देश के लिए मिशाल बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार और लोगों का यह प्रयास ऐसी कुरीतियों को जड़ से उखाड़ फेंकने में प्रेरक सिद्ध होगा. मैं बिहारवासियों से सदियों से चली आ रही इस परंपरा के विरुद्ध लड़ने का संकल्प लेने की अपील करता हूं. यह कुरीतियां सामाजिक अभिशाप है, जिसे दूर करने की जिम्मेदारी हम सबों की है. तेजस्वी यादव और राजद को नकार कर आम लोगों का इस कार्यक्रम में भाग लेना स्पष्ट करता है कि वे भी भविष्य में अप्रासंगिक हो जायेंगे.
मंगल पांडेय
सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ बनी ऐतिहासिक मानव शृंखला ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके कुनबे को एक बार फिर करारा झटका दिया है. बिहार की जनता ने दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ अपार समर्थन देकर नीतीश कुमार के फैसले को सही करार दिया है.
मानव शृंखला की सफलता का सीधा श्रेय बिहार की जनता और उनके सहयोग को है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने लाख विरोध किया, लेकिन बिहार की जनता हर बार की तरह इस बार भी उन्हें पटखनी दी. उन्होंने कहा कि एक बार फिर सामाजिक अभियान के लिए बिहार ने इतिहास रचा है, जो कि हमेशा से याद रहेगा. बिहार के लोग दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ है, इसका प्रमाण मानव शृंखला की सफलता है.
संजय सिंह
शृंखला अभूतपूर्व : बशिष्ठ
पटना. जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के आह्वान पर बनी मानव शृंखला अभूतपूर्व रही. नीतीश कुमार ने राजनीति को जिस तरह समाज से जोड़ा है, वह अनोखा है और उसका असर मानव शृंखला के लिए घर से बाहर निकलने वाली बिहार की करोड़ों जनता की आंखों में देखा जा सकता है.
वर्तमान समय में पूरे देश में दूसरा कोई ऐसा राजनेता नहीं, जिसने समाज-सुधार को अपना एजेंडा बनाया हो. बिहार की जनता ने अपने नेता के आह्वान पर एक बार फिर उत्साह दिखाया है. ईको पार्क के निकट स्ट्रैंड रोड पर बनी मानव-श्रृंखला में प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह के नेतृत्व में जेडीयू के हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए. इसमें अवधेश नारायण सिंह, प्रो रामवचन राय, संजय कुमार सिंह (गांधीजी), रणवीर नंदन, चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, संजय सिंह प्रमुख थे.
लोग संकल्प लेें : कुशवाहा
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा आयकर गोलंबर पर अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ मानव शृंखला में एक दूसरे का हाथ पकड़ कर खड़े रहे.
शृंखला की समाप्ति के बाद आयकर गोलंबर पर उन्होंने कहा कि सामाजिक कुरीतियों को जड़ से मिटाने के लिए व्यक्ति को मन में संकल्प लेना होगा कि दहेज न लेना न देना है. समाज के ओहदेदार व बड़े राजनेता दूसरे को नसीहत देने के बदले स्वयं संकल्प लें कि न दहेज लेंगे न दहेज देंगे. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आज समाज में दहेज व बाल विवाह जैसी कुरीतियां मौजूद हैं, इसका मुख्य कारण शिक्षा का अभाव है. मानव शृंखला में भूदेव चौधरी, श्रीभगवान सिंह कुशवाहा सहित अन्य नेता शामिल हुए.
सराहनीय कदम : मांझी
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपने दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ पटना स्थित अपने सरकारी आवास के सामने मानव शृंखला में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि दहेज से समाज कमजोर होती है. दहेज लेन देन के कारण नवयुवकों व युवतियों को बहुत से परेशानियों का सामना करना पड़ता है. समाज के अन्य लोगों को भी दहेज लेन देन की वजह से बाल विवाह के चपेट में आकर काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जागरूकता फैलाने का यह मानव शृंखला एक सराहनीय कदम है.
दहेज प्रथा ने मेरी दुनिया उजाड़ दी
मानव शृंखला में शामिल होने गांधी मैदान पहुंची सोनी कुमारी ने कहा कि दहेज प्रथा ने उसकी दुनिया उजाड़ कर रख दी है. 2012 में धनबाद की रहनेवाली सोनी की शादी राजेंद्र नगर, पटना में रहनेवाले विकास कुमार से हुई, जो कि एक आईआईटीएन है. शादी के बाद सोनी पति के साथ दुर्गापुर में रही.
उसके बाद वह पति के साथ कुबैत चली गयी, जहां उसके ससुरालवालों ने मारपीट की. जब सोनी ने भारत आने की बात कहीं, तो उसके पासपोर्ट तक छीन लिया गया. उसने किसी तरह से अपने वकील से बात की और इंडिया पहुंची. उसके बाद महिला हेल्प लाइन के माध्यम से वह अपनी शादी को अब भी बरकरार रखना चाहती है, लेकिन ससुरालवाले उसे नहीं रखना चाहते हैं. सोनी की एक पांच साल की बेटी भी है, जिसके साथ वह इस कुप्रथा के उन्मूलन के लिए बने मानव शृंखला में हिस्सा लिया.
7वीं में ही होने वाली थी शादी
दसवीं में पढ़ाई करनेवाली प्रियंका ने बाल विवाह का विरोध किया. जब वह सातवीं क्लास में थी, तो उसकी शादी की तैयारी कर ली गयी थी, जिसका उसने विरोध किया. काफी मुश्किलों के साथ इस कुप्रथा से लड़ी और उसने भी महिला हेल्प लाइन का सहयोग लिया और आज वह धनेश्वरी स्कूल में दसवीं की पढ़ाई कर रही है और उसने भी इस बाल विवाह के खात्मे के लिए बनी मानव शृंखला में हिस्सा लिया. उसने कहा कि बाल विवाह की शिकार अब भी कई लड़कियां हो रही है. इसलिए जागरूकता अभियान के साथ कड़ी कानून व्यवस्था के तहत लोगों को सजा मिलना चाहिए.
बच्चे, बुजुर्ग व महिलाओं ने लिया भाग
बाल विवाह व देहज उन्मूलन के पक्ष में रविवार को बनी मानव श्रृंखला ने जिले के इतिहास में एक और अध्याय जोड़ दिया है. बीते साल 21 जनवरी को शराबबंदी के पक्ष में मानव श्रृंखला की तरह ही स्कूली बच्चों व नौजवानों में गजब का उत्साह दिखा. कतार में महिलाएं व बुजुर्ग भी एक-दूसरे के हाथ थामे मानव श्रृंखला के गवाह बने हुए थे.
सुबह 11 बजे से ही शहर से लेकर गांव तक की सड़कों पर लोगों की चहलकदमी बढ़ गयी. घड़ी की सूई 12 पर जाते ही हाथ से हाथ जुड़ते गये और लंबी श्रृंखला बनती चली गयी. प्रशासनिक आंकडों के अनुसार जिले में 725 किलोमीटर में श्रृंखला बनायी गयी. इसमें 13 लाख 70 हजार 189 लोगों की मौजूदगी रही.
-मोतिहारी
19 लाख 72 हजार लोग मानव शृंखला में हुए शामिल: दहेज एवं बाल विवाह के खिलाफ मानव शृंखला में 19 लाख 72 हजार लोग शामिल हुए. मुख्य मार्ग 295 किलोमीटर व उपमुख्य मार्ग 248 किलोमीटर रहा.
-बेतिया
झांकियों से दिया गया बाल विवाह व दहेज के खिलाफ संदेश: ऐतिहासिक कुड़ियाकोठी मैदान में बाल विवाह व दहेज प्रथा के खिलाफ मानव शृंखला के साथ-साथ झांकी के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया गया.
-समस्तीपुर
दोपहर 12 से 12.30 बजे तक आधे घंटे में 16 लाख 11 हजार 287 लोगों ने सरकार के सामाजिक अभियान को अपना समर्थन दिया.
सुबह की ठंड के बाद भी भीड़ में नहीं आयी कोई कमी कोसी-पूर्व बिहार मेंबाल विवाह व दहेज प्रथा के विरुद्ध रविवार को
बनी मानव शृंखला में लाखों लोगों ने भाग लिया. प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि, विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता एवं छात्र व युवाओं ने एक दूसरे का हाथ पकड़ कर इस सामाजिक कुरीति
के विरुद्ध अपनी सहमति दी.
सहरसा में मुख्य कार्यक्रम स्थल स्टेडियम में लघु सिंचाई एवं आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव भी शामिल हुए.
सुपौल में जिले के प्रभारी मंत्री डॉ रमेश ऋषिदेव, विधान परिषद के प्रभारी सभापति मो हारूण रशीद सहित कई विधायक, जनप्रतिनिधि में शामिल हुए.
मधेपुरा जिले में 250 किमी मार्ग पर आठ लाख छियासी हजार चार सौ आठ प्रतिभागियों ने भाग लिया.
पूर्णिया जिले के विभिन्न मार्गों पर करीब 390 किमी लंबी मानव शृंखला बनायी गयी.
अररिया में जिले के मुख्य व सहायक मार्गों पर बनी शृंखला की कुल लंबाई 394 किलोमीटर रही.
कटिहार में जिला प्रभारी मंत्री रामनारायण मंडल एनएच-31 गेड़ाबाड़ी चौक शामिल हुए.
मुंगेर जिले में कुल 207 किलोमीटर की मानव शृंखला बनायी गयी. महिलाओं ने 2018 बनाकर इसके विरुद्ध संकल्प लिया.
दहेज के खिलाफ दिया संदेश
गांधी मैदान स्थित गांधी मंडप के पास रविवार को सूबे के शिक्षा, विधि सह जिले के प्रभारी मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, सांसद हरि मांझी, मगध प्रमंडल के आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव सहित अन्य पदाधिकारियों व शहर के गण्यमान्य लोगों ने मिल कर गुब्बारे उड़ा मानव शृंखला की शुरुआत की. मंत्री ने कहा कि सामाजिक कुप्रथाओं को मुक्त कराने के लिए पूरे राज्य में एक साथ ऐतिहासिक मानव शृंखला बनायी गयी.
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