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रैंप पिट के बिना या कम जगह में अब नहीं हो सकेगी फिटनेस जांच
पटना : राजधानी में इस समय चार फिटनेस सेंटर चल रहे हैं. इनमें तीन प्राइवेट हैं जबकि एक सरकारी. तीनों प्राइवेट फिटनेस सेंटर में से किसी के पास बड़े व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस जांच के लिए जरूरी जगह और उपकरण नहीं है. यहां तक कि रैंप पिट भी नहीं बना है. रैंप पिट के बिना […]
पटना : राजधानी में इस समय चार फिटनेस सेंटर चल रहे हैं. इनमें तीन प्राइवेट हैं जबकि एक सरकारी. तीनों प्राइवेट फिटनेस सेंटर में से किसी के पास बड़े व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस जांच के लिए जरूरी जगह और उपकरण नहीं है. यहां तक कि रैंप पिट भी नहीं बना है. रैंप पिट के बिना वाहनों का फिटनेस निरीक्षण यहां किस तरह हो रहा होगा, सहज समझा जा सकता है.
सरकारी फिटनेस जांच फुलवारी स्थित पथ परिवहन निगम के कार्यशाला में होता है. वहां एक पुराना रैंप पिट तो है, लेकिन कई अन्य जरूरी सुविधाओं की कमी है. कुछ समय पहले तक ट्रांसपोर्ट नगर में भी वाहनों की फिटनेस जांच होती थी, लेकिन वहां कोई रैंप पिट नहीं है.
ऐसे में किस तरह जांच होती होगी, सहज समझा जा सकता है. पर अब छोटे कमरे या गुमटीनुमा जगहों में वाहनों की फिटनेस जांच नहीं हो सकेगी और न ही ऐसे केंद्रों से फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जा सकेगा. नये मोटर वाहन कानून में वाहनों की फिटनेस जांच में ढिलाई और अनफिट वाहनों को भी पास कर देने की बार बार मिल रही शिकायतों को ध्यान में रखते हुए अब फिटनेस टेस्टिंग सेंटर के लिए निर्धारित जगह को एक एकड़ से बढ़ा कर दो एकड़ कर दिया गया है.
निजी वाहनों को भी अब हर तीन साल पर फिटनेस जांच कराना होगा. अल्पव्यस्कों (कम उम्र के बच्चों) द्वारा गाड़ी चलाने की स्थिति में अब उनके पिता या अभिभावक के ड्राइविंग लाइसेंस को भी रद्द किया जा सकेगा.
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