पटना : शौचालय घोटाले को अंजाम देने के दौरान आरोपितों ने काफी चालाकी दिखायी थी. उनकी यह चालबाजी धीरे-धीरे पुलिस की जांच के बाद सामने आ रहा है. पुलिस ने जब लाभूकों की सारी लिस्ट की जांच की तो यह सामने आया कि लिस्ट में पहले चार-पांच लाभूकों के सही नाम व खाता संख्या थे […]
पटना : शौचालय घोटाले को अंजाम देने के दौरान आरोपितों ने काफी चालाकी दिखायी थी. उनकी यह चालबाजी धीरे-धीरे पुलिस की जांच के बाद सामने आ रहा है. पुलिस ने जब लाभूकों की सारी लिस्ट की जांच की तो यह सामने आया कि लिस्ट में पहले चार-पांच लाभूकों के सही नाम व खाता संख्या थे और उसके बाद की पूरी लिस्ट में फर्जी लाभूकों व उसके फर्जी खातों की जानकारी अंकित थी.
इन लोगाें ने यह इसलिए किया था ताकि अगर जांच भी हो तो ऊपर के लोगों की पहले जांच होगी और वह सही पाये जायेंगे, जिससे कोई उस पर शक नहीं करेगा. लेकिन पुलिस ने तमाम लिस्ट की जांच करायी और सभी में वैसी ही स्थिति सामने आयी कि कुछ लोगों के नाम सही और 90 फीसदी से अधिक फर्जी लाभूकों के नाम थे. खास बात यह है कि शौचालय घोटाले को आरोपितों ने काफी जल्दबाजी में अंजाम दिया, जिसके कारण वे गलती पर गलती करते चले गये. लाभूकों को पैसे देने के बजाये इन लोगों ने सीधे छह एनजीओ के खाते में पैसे डाल दिया और अब वह गलती पुलिस की पकड़ में आ गयी है.
एसआईटी को नहीं मिले हैं अभी भी कई दस्तावेज : शौचालय घोटाले के आरोपितों ने इस मामले को दबाने का पूरा प्रयास किया और उससे जुड़ी फाइलों को भी गायब कर दिया. इस मामले में जब तत्कालीन डीडीसी अमरेंद्र कुमार ने जांच की तो भी वे लोग दस्तावेज देने में टालमटोल करते रहे. पुलिस ने कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिन्हा व रोकड़पाल बिटेश्वर प्रसाद को रिमांड पर लेकर पूछताछ की. सूत्रों का कहना है कि अभी भी कई दस्तावेज एसआईटी को हाथ नहीं लगे है. यह दस्तावेज कई और राज को खोल सकता है.
मामले में तीन और को पुलिस ने उठाया
पुलिस ने इस मामले में तीन और लोगाें को शनिवार की देर रात उठाया है. इन तीनों के संबंध में फिलहाल सत्यापन किया जा रहा है कि शौचालय घोटाले में उनकी क्या भूमिका थी. पुलिस ने फिलहाल इन तीनों के नामों का खुलासा नहीं किया है. सूत्रों का कहना है कि शौचालय घोटाले व बिहार बोर्ड प्रकरण को लेकर एसएसपी की अध्यक्षता में बैठक भी हुई जिसमें सिटी एसपी मध्य अमरकेश डी के साथ ही उन दोनों ही केस से जुड़े पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे. एसएसपी ने इन दोनों ही केसों को जल्द से जल्द सुलझाने का निर्देश दिया और साक्ष्य को पुख्ता करने को भी कहा, ताकि आरोपित किसी भी स्थिति में लाभ लेकर जमानत नहीं ले लें या साक्ष्यों को छुपाने का प्रयास न करें.