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बिहार : पूर्वा हवा पड़ी कमजोर, बढ़ा दिन-रात का तापमान, घटी ठंड

पटना : बिहार में पिछले तीन वर्षों से दिसंबर माह की शुरुआत होते ही सुबह में धुंध और दिन में ठंड बढ़ जाती है. ऐसा होने से अधिकतम पारे में काफी गिरावट दर्ज की जाती थी. इस वर्ष बंगाल की खाड़ी में लगातार बनने वाले सिस्टम से पूर्वा हवा कमजोर पड़ गयी है और दिन […]

पटना : बिहार में पिछले तीन वर्षों से दिसंबर माह की शुरुआत होते ही सुबह में धुंध और दिन में ठंड बढ़ जाती है. ऐसा होने से अधिकतम पारे में काफी गिरावट दर्ज की जाती थी. इस वर्ष बंगाल की खाड़ी में लगातार बनने वाले सिस्टम से पूर्वा हवा कमजोर पड़ गयी है और दिन व रात का तापमान बढ़ गया है.
शुक्रवार को मौसम में होने वाले बदलाव से अधिकतम तापमान 29.1 व न्यूनतम पारा 14.3 डिग्री तक चला गया है. ऐसे में दिन में लोगों को बेहद गर्मी महसूस हुई और रात में भी लोग आराम से हल्की चादर लेकर रात गुजार रहे हैं. आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है
कि 2016 में आठ दिसंबर को 21.7 डिग्री अधिकतम तापमान था. वहीं 2017 में आठ दिसंबर को अधिकतम तापमान 29.1 डिग्री रहा, जो पिछले साल के मुकाबले करीब आठ डिग्री ज्यादा रहा.
बंगाल की खाड़ी के पास अंडमान-निकोबार के पास लो प्रेशर सिस्टम बना हुआ है, जो शुक्रवार को ओडिशा तट तक पहुंच गया था. इस कारण से दो दिनों बाद बिहार के मौसम में हल्का बदलाव होने की संभावना है. फिलहाल ओखी बंगाल की खाड़ी होते गुजरात की ओर निकल गया है, जिसका असर बिहार पर नहीं पड़ा था. लेकिन ओखी के कारण पश्चिमी विक्षोभ जम्मू से आगे नहीं बढ़ पाया और जम्मू तक पहुंचने के बाद ही सिस्टम खत्म हो गया. इस सीजन में अभी तक पश्चिमी विक्षोभ यूपी-बिहार तक नहीं पहुंचा है.
अधिकतम तापमान
साल 8 दिसंबर 7 दिसंबर 6 दिसंबर
2017 29.1 29.6 27.0
2016 21.7 22.0 22.3
2015 25.9 25.8 21.1
2014 23.7 23.7 22.5
2013 26.9 27.1 27.1
2012 25.6 25.2 26.4
2011 22.0 26.5 27.5
इस बार न्यूनतम पारे में अधिक गिरावट की संभावना नहीं है, लेकिन खाड़ी में बार-बार बनने वाले सिस्टम को देख यह अनुमान है कि इस साल ठंड बहुत अधिक नहीं पड़ेगी, लेकिन ठंड अधिक दिन तक रहेगी. अगले दो दिनों तक सुबह में धुंध व उसके बाद दिन भर आसमान साफ रहने की संभावना है.
तापमान ज्यादा रहने से फ्लू का खतरा
अभी के मौसम में तापमान अपेक्षाकृत ज्यादा होने के कारण सबसे ज्यादा खतरा फ्लू का होता है. प्रसिद्ध फीजिसियन डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि इस मौसम के कारण फ्लू के वायरस एक्टिव हो जाते हैं. इसके कारण बच्चों और बुजुर्गों में फ्लू की संभावना बढ़ जाती है.
क्या करें?
– हृदय और किडनी रोग से ग्रसित फ्लू का वैक्सीन लगा लें. – गर्मी होने पर पंखा नहीं चलाएं. – रात में सोने के दरम्यान तापमान को मेंटेन कर रखें.
– बच्चे बुजुर्ग खास ध्यान रखें. – सुबह निकलें तो स्वेटर साथ में रखें.
आलू पर संकट
भरपूर बारिश नहीं होने से खेतों में गेंहू, मसूर एवं रबी की फसल देर से लगानी पड़ी और अब ठंड भी किसानों से नाता तोड़ रही है. अगर यही स्थिति रही, तो आलू की फसल भी खराब होने की संभावना बढ़ जायेगी. पटना में सबसे अधिक आलू की खेती होती है, लेकिन ठंड नहीं पड़ने से आलू मंजाय (छोटा रह जायेगा) हो जायेगा.

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