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नीतीश के 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद बिहार की कानून एवं व्यवस्था पूरी तरह से बदल गयी : सुशील मोदी

पटना / कोलकाता :कोलकाता के होटल आईटीसी सोनार के सभागार में एबीपी इनिसिएटिव की ओर से आयोजित इंफोकॉम-2017 के ‘बिहार सत्र’ को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार कोकहा कि साल 2005 में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से बदल गयी है. […]

पटना / कोलकाता :कोलकाता के होटल आईटीसी सोनार के सभागार में एबीपी इनिसिएटिव की ओर से आयोजित इंफोकॉम-2017 के ‘बिहार सत्र’ को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार कोकहा कि साल 2005 में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से बदल गयी है. उन्होंने कहा कि साल 2005 से पहले बिहार नकारात्मक चीजों के लिये जाना जाता था. पिछले 12 सालों से नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से बदल गयी है.

सुशील मोदी ने राजद कार्यकाल के दौरान बिहार के जंगलराज बनने और राज्य के अपराधों की ओर बढ़ने की ओर इशारा करते हुए कहा कि 2005 से जदयू के प्रमुख के रूप में पहली बार नीतीश कुमार द्वारा बिहार की कमान संभालने के बाद राज्य की स्थिति पूरी तरह से बदल गयी. एक वर्ष से भी कम समय की अवधि को छोड़ कर 2014 में संसदीय चुनाव और पार्टी की हार के बाद नीतीश कुमार ने पद छोड़ दिया था. इसके बाद जीतन राम मांझी को अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया और नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने.

बिहार की नयी आईटी नीति के तहत निवेशकों को कई प्रोत्साहन

सुशील मोदी ने आईटी क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों और निवेशकों से बिहार में पूंजी निवेश करने का आह्वान किया. साथ ही कहा कि बिहार की नयी आईटी प्रोत्साहन नीति के तहत निवेशकों को स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन व लैंड यूज कन्वर्जन फी से मुक्त कर दिया गया है.उत्पादन शुरू होने के बाद निवेशकों को बैंक लोन पर 10 प्रतिशत ब्याज अनुदान मिलेगा, जिसकी अधिकतम सीमा 20 करोड़ रुपये तक है. इसके अलावा स्वीकृत परियोजना लागत का 125 प्रतिशत राज्य जीएसटी का उन्हें पुनर्भुगतान कर दिया जायेगा.

रोजगार समर्थन के तौर पर नियोक्ता को बिहार के किसी सामान्य श्रेणी के व्यक्ति के नियोजन पर ईपीएफ और इएसआई का 50 प्रतिशत तथा एससी, एसटी और महिलाओं के नियोजन पर 100 प्रतिशत पुनर्भुगतान किया जायेगा. रिक्रूटमेंट ट्रेनिंग सपोर्ट के अंतर्गत सरकार बिहार के बिहार के किसी व्यक्ति को नियोजित करने पर प्रति कर्मचारी के लिए 20 हजार रुपया नियोक्ता को देगी.

उन्होंने कहा कि बिहार में आईटी क्षेत्र में काफी संभावना है. पटना के डाकबंगला इलाके के एक एकड़ में आईटी टॉवर, पटना के नजदीक बिहटा में 25 एकड़ में आईटी पार्क और राजगीर में 106 एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक सह आईटी सिटी का निर्माण प्रस्तावित है.

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