पटना: खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री विनोद कुमार सिंह ने कहा है कि करीब दो महीने बाद बालू-गिट्टी की खुदरा बिक्री की समीक्षा की जायेगी. इसके बाद बालू-गिट्टी बेचने के लिए जितने लोग लाइसेंस मांगेंगे, उन सभी को लाइसेंस दिया जायेगा. इसलिए इस बार लॉटरी में जिनका नाम नहीं आया है और जिन्हें लाइसेंस नहीं मिला है, उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि हर हाल में एक दिसंबर से बालू-गिट्टी सस्ते होंगे. अब इनकी बिक्री ऑनलाइन होगी. बिहार लघु खनिज नियमावली-2017 को विधानसभा और विधान परिषद में पटल पर लाया जायेगा. वह बुधवार को बालू-गिट्टी के खुदरा विक्रेताओं के राज्य स्तरीय सम्मेलन और प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने बालू-गिट्टी की बिक्री की ऑनलाइन प्रक्रिया के संचालन के लिए विभाग की नयी वेबसाइट भी लांच की.
मंत्री विनोद कुमार सिंह ने कहा कि 27 जुलाई, 2017 के पहले बालू-गिट्टी का अवैध खनन हो रहा था. इसके लिए विभाग बदनाम हो गया था. बालू का अवैध खनन करने वाले और पहाड़ तोड़ने वाले माफिया प्रकृति की संपत्ति का लूट-खसोट कर रहे थे. अब प्रदेश में नयी सरकार बनने के बाद विभाग के कामकाज में सुधार कर इस पर लगे धब्बे को मिटाने का काम किया जायेगा. माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए ही नयी उत्खनन नीति लायी गयी, लेकिन पटना हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगायी है. इसके आदेश की कॉपी नहीं मिली है. विभाग के अधिकारी भी हाईकोर्ट को भी सभी वस्तुस्थिति से अवगत कराने की तैयारी में हैं.
बालू-गिट्टी के निर्यात पर रहेगा प्रतिबंध
मंत्री ने कहा कि घर, शौचालय सहित केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं में निर्माण कार्य के लिए बालू की जरूरत है. खुदरा विक्रेताओं के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गिट्टी के आयात पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन बालू-गिट्टी के निर्यात पर अभी प्रतिबंध है. इसे दूसरे राज्यों में अभी नहीं भेजा जायेगा. उन्होंने लाइसेंसधारी खुदरा विक्रेताओं से पूरी व्यवस्था के संचालन में सहयोग और सुझाव देने की अपील की. साथ ही कहा कि इन सुझावों पर अधिकारियों के साथ विचार किया जायेगा. उचित पाये जाने पर उन्हें नयी नियमावली में शामिल किया जायेगा.
बालू अौर पत्थर के िनर्धारित
दाम लागू रहेंगे
पटना. बिहार लघु खनिज नियमावली-2017 पर हाईकोर्ट की अंतरिम रोक के बाद राज्य सरकार ने बालू व गिट्टी की 14 नवंबर को अधिसूचित की गयी कीमतें पुरानी नियमावली से ही जारी कर दी हैं. बंदोबस्तधारी इस तय कीमतों पर ही वहां बने बिक्री स्थल को बालू देंगे. इसमें उत्खनन खर्च, हैंडलिंग चार्ज, लोडिंग चार्ज, मिनरल डवलपमेंट फंड, रास्ते के लिए रैयत को देय राशि, रॉयल्टी और अन्य सभी देय शुल्क, टैक्स और जीएसटी सम्मिलित हैं. इसके तहत विभाग ने पीला या लाल बालू की कीमत 900 रुपये प्रति सौ सीएफटी और सफेद बालू की कीमत 500 रुपये प्रति सौ सीएफटी तय की है. विभाग ने पत्थर के भी दाम तय किये हैं. हालांकि इसके दाम विभिन्न जिले में अलग-अलग हैं.
जिले के अनुसार पत्थर के दाम (रुपये प्रति टन)
पत्थर शेखपुरा औरंगाबाद बांका गया नवादा
60 एमएम 588 625 550 700 600
40एमएम 613 663 575 988 650
20एमएम 663 738 625 963 775
10एमएम 363 438 325 450 400
पत्थर चूर्ण 140 115 105 200 163
जीएसबी 370 383 315 450 370
बोल्डर 448 463 425 513 488
मोरम 110 85 70 — 110
परिवहन शुल्क
बालू घाट से उपभोक्ता के बताये स्थल तक बालू के लिए Rs 20 प्रति 100 सीएफटी प्रति किमी और गिट्टी के लिए Rs 21 प्रति किमी लगेगा. इसका निर्धारण दोनों जगहों के पिनकोड के आधार पर बीच की दूरी निकालकर किया जायेगा.