लखीसराय: सात स्थलों की खुदाई को लेकर प्लान तैयार कर लिया गया है. इसको अब धरातल पर उतारा जायेगा. लखीसराय में पुरातात्विक धरोहरों की भरमार है. यहां के पुरातात्विक अवशेष देख मैं चकित हूं. लाली पहाड़ी के गर्भ से निकलने वाले पौराणिक अवशेषों के संग्रह करने की जरूरत है.
लखीसराय बौद्ध सर्किट से जुड़ेगा. उक्त बातें सीएम नीतीश कुमार ने लखीसराय की लाली पहाड़ी पर शनिवार को खुदाई कार्य का शुभारंभ करते हुए कहीं. सीएम ने लाली पहाड़ी पर स्थित शिवलिंग के पास मौजूद एक संकीर्ण गुफा को देखा. पास ही मौजूद काले पत्थर की प्रतिमाओं को भी देखा़ गुफा को देख मुख्यमंत्री आश्चर्यचकित रह गये़ सीएम ने कहा कि वे कई बार लखीसराय पहुंचे लेकिन इतनी संभावनाओं पर ध्यान नहीं दिया़ उन्होंने कहा कि यहां से निकलने वाली मूर्तियों एवं धरोहरों को सहेजने की जरूरत है़.
उनके साथ चल रहे विश्व भारती विश्वविद्यालय शांतिनिकेतन के प्रोफेसर अनिल सिंह व बिहार विरासत विकास समिति के कार्यपालक निदेशक विजय कुमार चौधरी उन्हें पहाड़ी के उत्तरी भाग की ओर ले गये, जहां से कई पौराणिक लिपि वाले पत्थरों के मिलने की जानकारी दी तथा वहीं से सीएम को बिछवे व घोषीकुंडी पहाड़ी को दिखाया़ वहां से लौटने के बाद सीएम ने पहाड़ी पर नगर परिषद के द्वारा बनाये गये रंगमंच के ठीक सामने चिह्नित खुदाई स्थल पर फावड़ा चलाकर खुदाई कार्य का शुभारंभ किया तथा बाद में उक्त स्थल पर बने शिलापट्ट के पास नारियल फोड़ उत्खनन कार्य का शुभारंभ किया़.
इससे पहले सीएम का हेलीकॉप्टर अपने नियत समय 12.40 बजे से महज 05 मिनट विलंब से 12.45 बजे पहाड़ी के पश्चिम छोर पर बने हेलीपैड पर उतरा़ मुख्यमंत्री के साथ सूबे के जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह पहुंचे थे़ लाली पहाड़ी पर अपने एक घंटे के कार्यक्रम के दौरान सबसे पहले पुलिस विभाग की ओर से मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया़ इस दौरान सीएम ने कार्यक्रम स्थल पर मौजूद बिहार विरासत विकास समिति के द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया़ इसमें जिले के विभिन्न जगहों से मिले पौराणिक अवशेषों को दर्शाया गया है. मौके पर जल संसाधन मंत्री ललन सिंह, जिले के प्रभारी मंत्री सह ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, कला संस्कृति एवं युवा विभाग मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, मुंगेर संसदीय क्षेत्र की सांसद वीणा देवी, सूर्यगढ़ा से राजद के विधायक प्रह्लाद यादव, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के अपर सचिव आनंद कुमार सहित भागलपुर प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुशील खोपड़े, मुंगेर के प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार, मुंगेर प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक विकास वैभव, जिलाधिकारी अमित कुमार, एसपी अरविंद ठाकुर सहित अन्य उपस्थित थे.
किराये पर मकान लेकर संग्रहालय खोलने का निर्देश
पुरातात्विक महत्व को दर्शाती चित्रों की प्रदर्शनी के अवलोकन के दौरान संग्रहालय नहीं होने का मामला जोरदार ढंग से उठाया गया. पुरातत्ववेता डॉ अनिल कुमार द्वारा सन् 1984 तक लखीसराय में किराये के मकान में संग्रहालय स्थापित रहने की बात बताया गया तो मुख्यमंत्री ने तपाक से कहा कि क्या कर रहे हैं पुन: किराये पर मकान लिया जाये. यहां खुदाई के दौरान मिले अवशेषों, महत्वपूर्ण चीजों को संग्रहित कर रखने की सहूलियत होगी. फिलहाल अशोक धाम परिसर में इसकी व्यवस्था किये जाने को लेकर सहमति बनी.
… और मुख्यमंत्री चलाने लगे फावड़ा
लखीसराय. धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध लखीसराय शहर के जयनगर लाली पहाड़ी के उत्खनन कार्य का शुभारंभ करने पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने उद्घाटन स्थल को देखते ही दंग रह गये. लाली पहाड़ी के मध्य में किले का आधार स्तंभनुमा अवशेष मिला है. इसके दो दिशा में पानी बहने वाला अरघानुमा नाला बना हुआ है. मुख्यमंत्री का ज्यों ही ध्यानाकृष्ट नाला की ओर कराया गया, बरबस उनके मुंह से निकला- वाह यह तो नाला बना हुआ है. यह कहते हुए सीएम नीतीश कुमार ने फावड़ा उठा लिया और काम करने लगे. बड़े-बड़े साइज के पत्थरों के बने स्तंभ पर मुख्यमंत्री गड्ढे में फावड़ा चलाने के बाद राज मिस्त्री का करनी भी कुछ देर तक चलाते रहे. उन्होंने कहा कि इसे यादगार बनाना चाहता हूं. इसी तरह उद्घाटन एवं शिलापट्ट के अनावरण के उपरांत जब पुरातात्विक महत्व वाले अवशेषों के चित्रों का अवलोकन कर रहे थे, तो बार-बार राजगीर, नालंदा, विक्रमशिला आदि की चर्चा कर रहे थे. डीएम अमित कुमार को सीएम ने कहा कि सड़क की व्यवस्था कहीं भी की जा सकती है. अगर पुरातात्विक महत्व की चीजें निकल पाती हैं, तो अविलंब जानकारी प्राप्त कर रिपोर्ट करें. मुख्यमंत्री को कृमिला नदी वर्तमान में किऊल नदी से शुरू बालगुदर, उरैन, घोसीकुंडी आदि कई पहाड़ी स्थानों एवं गांवों में प्राप्त बौद्ध धर्म से जुड़े अवशेषों को चित्रों के माध्यम से अवलोकन कराया गया. मुख्यमंत्री इतने ध्यान से चित्रों का वृतांत सुन रहे थे कि देखते ही देखते उनके पटना जाने का समय हो गया. इसका आभास होते ही प्रदर्शनी स्थल से सटे स्टेज को बिना झांके वापस हेलीपैड की ओर रवाना हो गये. रास्ते में कला संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद से मुख्यमंत्री ने पूछा कि खुदाई कार्य को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से अनुमति ली कि नहीं. पुन: लौटने के क्रम में संकीर्ण गुफा को झांकते हुए कहा कि लखीसराय में भी काफी कुछ रहस्य छिपा है. इसे उजागर किये जाने की जरूरत है.