पटना: राज्य के विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव को राजभवन की हरी झंडी मिल गयी है. कुलाधिपति सह राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विश्वविद्यालयों को 15 जनवरी, 2018 तक छात्र संघ का चुनाव करा लेने का निर्देश दिया है. राजभवन में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक में कुलाधिपति ने विश्वविद्यालयों को मार्च 2018 तक हर हाल में एकेडमिक और परीक्षा कैलेंडर बनाने का भी निर्देश दिया है. साथ ही अब विश्वविद्यालयों के शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी अौर शोध करने वालों का अटेंडेंस बायोमैट्रिक मशीन के जरिये लिया जायेगा.
इसके लिए कुलाधिपति ने विश्वविद्यालयों को मार्च महीने तक इसकी प्रक्रिया पूरी करने को कहा है. इसके अलावा विश्वविद्यालयों में चल रहे पाठ्यक्रमों में बदलाव या संशोधन करने, सभी विवि-कॉलेज के हर बिल्डिंग में छात्राओं व महिलाओं के लिए अलग शौचालय की भी व्यवस्था करने के लिए मार्च 2018 तक का अल्टीमेटम दिया गया है. राजभवन में सात घंटे तक चली मैराथन बैठक में हर महीने के तीसरे बुधवार को राजभवन में कुलपतियों की बैठक करने का भी निर्णय लिया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के कामों की समीक्षा की जायेगी.
विवि में शैक्षणिक माहौल बनाने में मिलेगी हर मदद : शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसरों में शांति-व्यवस्था और शैक्षणिक माहौल बनाने में राज्य सरकार हर संभव मदद देगी. उच्च शिक्षा में बेहतरी के प्रयासों को तेज किये जाने की जरूरत है. वर्तमान में उच्च शिक्षा में बिहार के बच्चों के जाने का प्रतिशत बहुत कम है, उसे बढ़ाना ही सरकार का लक्ष्य है. बैठक में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने पावर प्रेजेंटेशन के जरिये बताया कि विश्वविद्यालयों के लिए नये पदों के सृजन और किसी भी तरह की नियुक्ति के लिए राज्य सरकार की स्वीकृति अनिवार्य है. विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे अपना बजट बनाकर ससमय शिक्षा विभाग को उपलब्ध करा दें, ताकि वास्तविक बजटीय प्रावधान तैयार करने में असुविधा नहीं हो. उन्होंने कोर्ट के आदेशों के अनुपालन और एलपीए ससमय दाखिल करने पर भी जोर दिया और स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का प्रचार-प्रसार कराने को भी कहा.
उच्च शिक्षा में सुधार के ठोस कदम उठाये जायेंगे
राजभवन में कुलपतियों की बैठक में कुलाधिपति सत्यपाल मलिक ने कहा कि एकेडेमिक ऑडिट के जरिये विश्वविद्यालय की आवश्यकताओं का मूल्यांकन किया जायेगा और उच्च शिक्षा में सुधार के ठोस कदम उठाये जायेंगे. दृढ़ इच्छाशक्ति, सीमित संसाधनों के बल पर भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. विश्वविद्यालयों में एकेडमिक व परीक्षा कैलेंडर का पालन करते हुए उच्च शिक्षा के हालात को तेजी से सुधार सकते हैं. जिन विश्वविद्यालयों के सत्र और परीक्षाएं काफी समय से देरी से चल रही हैं, वहां के कुलपति सत्र को नियमित करने की दिशा में ठोस कार्रवाई करें.कुलाधिपति ने विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में ‘स्वच्छता अभियान’ चलाने पर जोर दिया और कहा कि गर्ल्स कॉमन रूम के साथ विवि-कॉलेजों में छात्राओं व महिलाओं के लिए शौचालय की अलग से व्यवस्था करनी चाहिए. साथ ही जिन एफ्लीएटेड कॉलेजों में शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो, उनकी मंजूरी के प्रस्ताव नहीं भेजे जाये. उन्होंने विश्वविद्यालयों को ‘छात्र संघों’ का चुनाव 15 जनवरी 2018 से पहले कराने के लिए शिड्यूल तैयार करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि छात्र संघों के जरिये छात्रों के व्यक्तित्व का पूरा विकास होता है और विश्वविद्यालयीय समस्याओं के चर्चा का भी एक उचित फोरम मिल जाता है.
कुलाधिपति ने शोध के कामों में गुणवत्ता और नियमितिता दोनों में सुधार की आवश्यकता बतायी. साथ ही सेवांत लाभ के मामलों को तेजी से निबटाने, शिकायत निवारण कोषांग को सुदृढ़ और सक्रिय करने, विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनुशासन बहाल रखने, नैक की मान्यता समय पर लेने और मैनेजमेंट इंफोरमेशन सिस्टम को मजबूत करने पर जोर दिया. साथ ही विश्वविद्यालयों में नये प्रयोगों को प्राथमिकता देते हुए एक दूसरे के अच्छे कामों को भी अपनाने का सुझाव दिया. विवि-कॉलेजों के पुस्तकालयों, प्रयोगशालाओं का भी मॉर्डेनाइजेशन करने, एफलीएटेड कॉलेजों की लिस्ट, पाठ्यक्रमों और उसकी निर्धारित सीटों को अखबारों में प्रकाशित कराने का भी निर्णय लिया गया, ताकि कोई छात्र-छात्रा दिग्भ्रमित नहीं हों. साथ ही नैक की मान्यता समय पर मिल जाये, ताकि रूसा की फंडिंग मिलने में परेशानी न हो. इसके अलावा कुलाधिपति ने विश्वविद्यालयों में निर्माण कामों सहित सभी गतिविधियों में पूरी ईमानदारी व पारदर्शिता पर जोर दिया और कहा कि हर हालत में भ्रष्टाचार को नियंत्रित किया जाना चाहिए.
सांस्कृतिक व स्पोर्ट्स कैलेंडर भी होगा तैयार
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कुलपतियों को ‘सांस्कृतिक व स्पोर्ट्स कैलेंडर’ तैयार करने का भी निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में खेलकूद व सांस्कृतिक प्रतियोगिता का आयोजन हो. विश्वविद्यालयों में खेलकूद और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं को अनिवार्य किया जाये. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पदक हासिल करने वाले खिलाड़ियों और कलाकारों को नामांकन में सुनिश्चित प्रतिशत का वेटेज मिलना चाहिए. उन्होंने विश्वविद्यालयों में विभिन्न खेलों के सुयोग्य प्रशिक्षकों की व्यवस्था करने का भी सुझाव दिया.
उच्च शिक्षा के विकास पर चला मंथन
राजभवन में आयोजित कुलपतियों की बैठक में विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के विकास पर गंभीरता से मंथन हुआ. बैठक में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति सर्वनारायण झा ने स्वच्छता अभियान, पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रासबिहारी प्रसाद सिंह ने एकेडमिक और परीक्षा कैलेंडर, तिकला मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नलिनीकांत झा ने छात्र संघ चुनाव, जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति प्रो हरिकेश सिंह ने नये कार्यों, नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रवींद्र कुमार सिन्हा ने अंतर्विश्वविद्यालय खेलकूद प्रतियोगिता पर प्रेजेंटेशन दिया.
वहीं, एलएन मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एसके सिंह ने नामांकन और परीक्षा प्रक्रिया के कंप्यूटरीकरण, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एके अग्रवाल ने शोधकार्य, बीएन मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अवधकिशोर राय ने विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनुशासन, मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कमर अहसन ने विश्वविद्यालयों में निर्माण कार्य और वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सैयद मुमताजुद्दीन ने पुराने पाठ्यक्रमों के संशोधन पर अपना प्रेजेंटेशन दिया. इससे पहले बैठक में सभी का स्वागत राज्यपाल के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने किया.