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61400 हथियार होंगे अवैध!

नेशनल डाटाबेस तैयार करने के लिए 8600 शस्त्रधारकों ने ही दी जानकारी आलोक द्विवेदी पटना : आपके आर्म्स लाइसेंस को निरस्त किया जा सकता है. इससे आपका लाइसेंसी हथियार अवैध हो जायेगा. नेशनल डाटाबेस बनाने के लिए शस्त्र धारकों से नवंबर में सूचना मांगी गयी थी. लेकिन, समय सीमा समाप्त होने के बाद भी अधिकांश […]

नेशनल डाटाबेस तैयार करने के लिए 8600 शस्त्रधारकों ने ही दी जानकारी

आलोक द्विवेदी

पटना : आपके आर्म्स लाइसेंस को निरस्त किया जा सकता है. इससे आपका लाइसेंसी हथियार अवैध हो जायेगा. नेशनल डाटाबेस बनाने के लिए शस्त्र धारकों से नवंबर में सूचना मांगी गयी थी. लेकिन, समय सीमा समाप्त होने के बाद भी अधिकांश शस्त्रधारकों ने मांगी गयी सूचना प्रशासन को उपलब्ध नहीं करायी. हालांकि प्रशासन ऐसे लोगों को एक अवसर और देने के पक्ष में है. पटना में कुल 70 हजार में से 8600 शस्त्रधारकों ने जानकारी उपलब्ध करायी है.

अगले साल तक तैयार करना है डाटाबेस : शस्त्रधारकों के संबंध में डाटाबेस तैयार करने के लिए प्रशासन ने समय सीमा निर्धारित की है. इसके तहत जिले के सभी लाइसेंसी शस्त्रधारकों का एक अक्तूबर, 2015 तक डाटाबेस तैयार करना है. इसके लिए डीएम ऑफिस में अधिकारियों की एक टीम लगातार काम कर रही है. उनके बारे में जानकारी जुटा रही है. यही नहीं, टीम शस्त्रधारकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के बारे में भी जानकारी एकत्रित कर रही है.

वेबसाइट पर उपलब्ध है प्रपत्र : लाइसेंस के संबंध में डाटाबेस तैयार करने के लिए चार तरह के फॉर्म पटना जिले की वेबसाइट डब्ल्यू. डब्ल्यू. डब्ल्यू.बीआइएच.एनआइसी. इन पर जारी किये गये थे. यहां से फॉर्म को डाउनलोड करने की सुविधा दी गयी है. इसके बाद फॉर्म को भर कर संबंधित विभाग में जमा किया जायेगा.

किस फॉर्म में क्या है : पटना जिले से जारी किये गये शस्त्र लाइसेंस के लिए प्रपत्र-1 जमा करना है. ऐसे लाइसेंस जो पटना से बाहर बनाये गये हैं, लेकिन धारक यहां रहते हैं, वे प्रपत्र-2 भर कर जमा करेंगे. प्रपत्र-3 में स्पोर्ट्स शस्त्रों का विवरण देना है, जबकि बैंक, सुरक्षा एजेंसी समेत अन्य संस्थाओं के लिए जारी किये गये शस्त्र का विवरण प्रपत्र-4 में जमा करना है. फॉर्म को जमा करने के बाद जिला शस्त्र कार्यालय से धारकों को कोड नंबर मिलेगा. इसी कोड नंबर के आधार पर आपके शस्त्र का पूरा विवरण नेशनल डाटाबेस में अंकित किया जायेगा.

क्या होगा फायदा : नेशनल डाटाबेस से किसी भी थाना क्षेत्र को शस्त्र लाइसेंस की पूरी सूचना कंप्यूटर पर नाम, पता, थाना के अनुसार सुलभ होगा. यह अल्फाबेटिक होगा. इससे समय पर नवीकरण नहीं करानेवाले धारकों को आसानी से पहचान कर नोटिस दिया जा सकता है. सालाना शस्त्र सत्यापन नहीं करानेवाले की सूचना ऑनलाइन मिलेगी. वृद्ध, लाचार और मृत व्यक्तियों के नाम आर्म्स कहां-कहां हैं, इसकी सूचना भी तत्काल मिल सकेगी.

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