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बिहार : गुजरात में भाजपा को कोई खतरा नहीं, सफलता तय
नीतीश : जहां के नेता पीएम, लोग उनसे अलग नहीं देंगे वोट पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए कोई खतरा नहीं है. भाजपा को पूरी सफलता मिलेगी. जिस राज्य के नेता देश के प्रधानमंत्री हैं, वहां के लोग उनसे अलग वोट नहीं करेंगे. लोगों की भावना […]
नीतीश : जहां के नेता पीएम, लोग उनसे अलग नहीं देंगे वोट
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए कोई खतरा नहीं है. भाजपा को पूरी सफलता मिलेगी. जिस राज्य के नेता देश के प्रधानमंत्री हैं, वहां के लोग उनसे अलग वोट नहीं करेंगे. लोगों की भावना को तो समझना ही चाहिए. मुख्यमंत्री सोमवार को लोक संवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. 1, अणे मार्ग स्थित लोक संवाद में आयोजित कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात के प्रति उनकी दृढ़ धारणा है और इसमें तनिक भी कोई संदेह नहीं है.
जिस प्रकार उत्तर प्रदेश को लेकर पहले से ही उनकी धारणा थी और उनके मन में जो स्थिति स्पष्ट थी, उसी प्रकार गुजरात को लेकर भी उनका यही आकलन है कि वहां भाजपा को अच्छे से सफलता मिलेगी. गुजरात चुनाव पर सवाल उठा रहे लोग चुनाव परिणाम आने के बाद क्या कहेंगे, यह तो आने वाला समय ही बतायेगा. कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के चुनाव प्रचार पर उन्होंने कहा कि उनकेसाथ इतने दिनों तक काम किया है, उन्हें अच्छी तरह जान गये हैं. उन्होंने जब संसद में ऑिर्डनेंस फाड़ा था तो उनसे उम्मीद जगी थी, लेकिन फिर वह डाउन हो गये. मीडिया भी कब, किसको और कहां पहुंचा देती है, पता नहीं चलता है.
एक साथ हों पंचायत से लेकर लोकसभा तक के चुनाव
नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा कि लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय से लेकर पंचायत स्तर के चुनाव एक साथ होने चाहिए. इससे किसी भी सरकार को साढ़े चार साल काम करने का पूरा मौका मिल सकेगा, लेकिन वर्तमान परिस्थिति में यह संभव नहीं है. इस पर पहले डिबेट कर सबकी राय बनानी होगी, ताकि भविष्य में इसे लागू किया जा सके. इसके लिए कई प्रावधान करने होंगे. संविधान में संशोधन के साथ-साथ एक साल में होने वाले चुनाव के कैलेंडर भी तय करना होगा कि यह चुनाव इतने समय के लिए हो रहा है.
उन्होंने कहा कि हर साल किसी-न-किसी राज्य में चुनाव होता है. सरकार पांच साल के लिए चुनी जाती है. अगर अचानक कह दिया जाये कि सभी जगह एक साथ चुनाव होंगे तो यह सही नहीं है. जब तक यह स्थिति रहेगी हर राज्य के चुनाव को लोकसभा चुनाव के लिए सेमीफाइनल ही माना जाता रहेगा.
नारी सशक्तीकरण के लिए महिला आरक्षण जरूरी
सीएम ने कहा कि नारी सशक्तीकरण के लिए महिला आरक्षण जरूरी है. बिहार सरकार ने आधी आबादी के आधार पर 50% आरक्षण महिलाओं को दिया है. राज्यसभा में पहले ही यह विधेयक स्वीकृत हो चुका है. शरद यादव जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, उसी समय पार्टी ने राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन किया था. अब उसे लोकसभा में पेश करना चाहिए.
जदयू अपनी सीमित ताकत से इसका पूरा समर्थन करेगा. उन्होंने कहा कि पाटीदार के साथ-साथ जाट व मराठा को आरक्षण देने की वे मांग नहीं, बल्कि उनकी मांग का समर्थन कर रहे हैं. इसका पॉलिटिकल एलायंस से कोई मतलब नहीं है. देश में एग्रेरेरियन क्राइसिस (कृषि संकट) का दौर है. ऐसे लोग भी अब आरक्षण की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आरक्षण कानून के अनुसार होना चाहिए और आरक्षण पर कोई मतभेद नहीं होना चाहिए. बिहार सरकार ने सरकारी काम करने वाले सरकारी, कांट्रैक्ट या फिर बाहरी एजेंसी से बहाल होकर काम करने वाले के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है.
पाक के कब्जे वाला कश्मीर भी भारत का अभिन्न अंग
नीतीश कुमार ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला पर पलटवार करते हुए कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. अगर कोई इस पर अपनी राय रखता है तो वह लोकतांत्रिक देश में अपनी बात करने को स्वतंत्र है, लेकिन पाक के हिस्से में भी जो कश्मीर है, वह भी भारत का ही अंग है.
रामजन्म भूमि और धारा 370 के सवाल पर सीएम ने कहा कि पहले जो उनके विचार थे, आज भी उसमें कोई परिवर्तन नहीं आया है. जहां तक गोरक्षा के नाम पर गलत काम करने वालों का सवाल है तो इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी बात हुई है. उन्होंने विधि व न्याय संगत कार्रवाई करने को कहा है.
– राहुल ने ऑिर्डनेंस फाड़ जगायी उम्मीद पर िफर हुए डाउन
-एक साथ होने चाहिए लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय से लेकर पंचायत तक के चुनाव
-नारी सशक्तीकरण को महिला आरक्षण जरूरी, लोकसभा में पेश हो बिल, हम देंगे समर्थन
-पाटीदार के साथ-साथ जाट व मराठा को आरक्षण देने की मांग का हम करते हैं समर्थन
-आरक्षण कानून के अनुसार होना चाहिए और इस पर नहीं होना चाहिए कोई मतभेद
राजगीर में होने वाले ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन को अंतिम समय में स्थगित करना अव्यावहारिक
राजगीर में 10-11 नवंबर को होने वाले देश भर के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन के एक दिन पहले स्थगित किये जाने को मुख्यमंत्री ने अव्यावहारिक बताया है. उन्होंने कहा कि लास्ट मूवमेंट पर इसे स्थगित नहीं करना चाहिए था. यह अव्यावहारिक था. यह कार्यक्रम भारत सरकार का था और बिहार सरकार इसमें फैसिलेटर की भूमिका में थी. कई मंत्री और अधिकारी बिहार भी आ चुके थे, कई अपने राज्य से सम्मेलन में शामिल होने के लिए दिल्ली में एयरपोर्ट पहुंच गये थे.
ऐसे में रास्ते में बैठक स्थगित करने की सूचना दी गयी. इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने भी सम्मेलन में शामिल होने के लिए उन्हें भी पत्र दिया था. बहुत लोग खर्च पर बोल रहे हैं, लेकिन एक मेजबान के नाते स्वागत और सम्मानित तो बिहार सरकार करती. वहीं ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि इवेंट मैनेजमेंट, ठहरने और वाहन का खर्च केंद्र सरकार देती है, लेकिन बिहार सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाले ऊर्जा मंत्री, प्रधान सचिव अौर सचिवों को राजकीय अतिथि घोषित किया था.
उनके रहने, खाने, वाहन और सुरक्षा की जिम्मेदारी बिहार सरकार की थी. कार्यक्रम होता तो इसमें कुल 1.90 करोड़ खर्च होते. कार्यक्रम नहीं होने से बिहार का 15 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. इसमें खाना, मधुबनी पेंटिंग युक्त शॉल व पोस्टर रखे गये थे.
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