पटना : राज्य में इस साल 444 हैक्टेयर नमी वाले इलाके में तालाब बनाया जायेगा. राज्य सरकार के कृषि रोड मैप के तहत मछली उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए यह निर्णय लिया गया है. मत्स्य पालन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार समग्र मत्स्य पालन कार्यक्रम के तहत राज्य में मत्स्यपालन को बढ़ावा देने के लिए तालाब खोदने के लिए किसानों को 60 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा. विभागीय अधिकारी ने बताया कि एक तालाब की खुदायी पर 3.88 लाख रुपये खर्च आयेगा.
राज्य सरकार इस राशि पर 2.328 लाख रुपये अनुदान देगी. इस योजना को लाभकरी बताते हुए अधिकारी ने कहा कि किसान को कम लागत में स्थायी तालाब से नियमित आमदनी होगा और राज्य मछली उत्पादन मामले में आत्म निभ्रर होगा. अधिकारी ने बताया कि इस योजना को 2012-13 में ही पूरा करना था लेकिन इसे पूरा नहीं किया जा सका.अधिकारी ने बताया कि इसे हरहाल में 2014-15 में पूरा किया जायेगा.
जिलावार तालाब की योजना की जानकारी देते हुए अधिकारी ने बताया कि इस योजना के पूरा होने से उत्तर बिहार के कई जिलों में मछली की आयात में कमी आयेगी.
फिलहाल बिहार में सालाना 456 लाख मीटरिक टन मछली की खपत है. राज्य में मछली उत्पादन में कमी के कारण दूसरे राज्यों से दो हजार 50 करोड़ से अधिक की सालाना मछली का आयात किया जाता है. बिहार में मछली उत्पादन के लिए पर्याप्त संसाधन हैं.
राज्य में 3200 किलामीटर नदी
चौर और जल जमाव वाला क्षेत्र-3878 हैक्टेयर
मौन-झील- 16172 हैक्टेयर
तालाब – 20103 हैक्टेयर
जलग्रहण क्षेत्र – 8512 हैक्टेयर