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बिहार : टाल क्षेत्र का होगा विकास, सीएम ने जल संसाधन विभाग को दिया निर्देश

पटना : राज्य के टाल क्षेत्रों का विकास किया जायेगा. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल संसाधन विभाग को निर्देश दिये हैं. मुख्यमंत्री ने टाल क्षेत्र के विकास के लिए जो योजनाएं प्रस्तावित हैं, उसके लिए टाल क्षेत्र के लोगों के साथ इंटरेक्टिव मिटिंग कर लोगों की राय को भी जानने का भी निर्देश […]

पटना : राज्य के टाल क्षेत्रों का विकास किया जायेगा. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल संसाधन विभाग को निर्देश दिये हैं. मुख्यमंत्री ने टाल क्षेत्र के विकास के लिए जो योजनाएं प्रस्तावित हैं, उसके लिए टाल क्षेत्र के लोगों के साथ इंटरेक्टिव मिटिंग कर लोगों की राय को भी जानने का भी निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश गुरुवार ‘ड्रेनेज इम्प्रुवमेंट एंड बेस्ट इकोनॉमिक यूज ऑफ वाटर इन टाल एरिया’ का प्रजेंटेशन देखने के बाद दिया. 1, अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने टाल क्षेत्र के विकास और वहां की समस्या को दूर करने लिए तैयार इस प्रेजेंटेशन को दिखाया. प्रेजेंटेशन के जरिये बताया गया कि मोकामा टाल के जलजमाव को दूर करने और जल का बेहतर आर्थिक उपयोग कैसे हो, इसको विस्तृत तौर पर इस योजना में शामिल किया गया है.
इस योजना का मुख्य उद्देश्य टाल क्षेत्र के दक्षिण की ओर से आने वाली नदियों पर वीयर चेकडैम बनाकर इस जल का उपयोग फसल सिंचाई के लिए करना और गंगा नदी टाल क्षेत्र में आने वाली पानी को रोकने और सही समय पर टाल से पानी निकालने के लिए एंटी फ्लड स्लूइस का निर्माण करना है.
टाल के पानी को बर्बाद होने से रोकना होगा संभव
प्रेजेंटेशन में बताया गया कि बालगुदर घाट पर एंटी फ्लड स्लूइस के निर्माण से गंगा नदी का पानी लाने और टाल के पानी को बर्बाद होने से रोकना संभव हो सकेगा. वहीं, हरोहर नदी के उत्तरी भाग में बालगुदर घाट से बाढ़ सरमेरा रोड तक एंटी फ्लड स्लूइस के साथ 54 किलोमीटर लंबा बांध (इमबैंकमेंट) का निर्माण कर लगभग 3100 हेक्टेयर को जलजमाव से मुक्त किया जाना है.
टाल क्षेत्र के दक्षिणी भाग में जलजमाव के फैलाव को रोकने के लिए अशोक धाम (लखीसराय) से फतुहा भाया गोनावां और हरनौत तक बांध (इमबैंकमेंट) का काम किया जाना प्रस्तावित है. इसमें वर्तमान में उपलब्ध बांध और सड़क को एलाइनमेंट में शामिल किया जायेगा. जलस्तर में वृद्धि को नदी भाग में सीमित करने के लिए नदी की जैकेटिंग होगी. दोनों बांधों का उपयोग आवागमन के लिए उपलब्ध रहेगा. 73 जमींदारी बांधों का भी सुदृढ़ीकरण किया जाना प्रस्तावित है. टाल क्षेत्र में 2000 ट्यूबवेल का प्रावधान किया गया है.
टाल क्षेत्र में उपलब्ध पईन का जीर्णोद्धार कर इसका उपयोग सिंचाई में भी हो सकेगा. टाल में उपलब्ध जलजमाव वाले पोखर, तालाब को अधिक गहरा कर इसका उपयोग एक्वाकल्चर और पीसी कल्चर के लिए किया जाना भी प्रस्तावित है.
जल संसाधन विभाग के समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभागीय पदाधिकारियों को टाल क्षेत्र के विकास के लिए बनायी गयी योजनाओं के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश भी दिये. इस मौके पर जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा आदि मौजूद थे.

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