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संविदा पर बहाल नर्सो को नहीं दिया जाता है मातृत्व अवकाश

पटना : मेडिकल कॉलेजों में नियमित व संविदा पर बहाल नर्सो के लिए अलग-अलग नियम हैं. नियमित बहाल नर्सो को छह माह का मातृत्व अवकाश दिया जाता है, जबकि इसी अवकाश के लिए संविदा पर बहाल नर्सो का वेतन काट लिया जाता है. ऐसे में खास कर उन गर्भवती नर्सो की परेशानी बढ़ जाती है, […]

पटना : मेडिकल कॉलेजों में नियमित व संविदा पर बहाल नर्सो के लिए अलग-अलग नियम हैं. नियमित बहाल नर्सो को छह माह का मातृत्व अवकाश दिया जाता है, जबकि इसी अवकाश के लिए संविदा पर बहाल नर्सो का वेतन काट लिया जाता है. ऐसे में खास कर उन गर्भवती नर्सो की परेशानी बढ़ जाती है, जिनका घर उनके वेतन से चलता है.
इस दोहरे नियम को समाप्त करने के लिए लिए कई बार नर्सो ने पीएमसीएच प्रशासन से बात की, आवेदन भी दिया, लेकिन हर बार उनकी बातें अनसुनी कर दी जाती हैं. यही नहीं, नर्से अपनी मांग को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी पहुंचीं, लेकिन वहां से उन्हें बस आश्वासन मिला. बाद में फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
दोबारा कराया जाता है ज्वाइन
पीएमसीएच के मैट्रोन के मुताबिक, हर माह दो दिन का नेचुरल अवकाश दिया जाता है, वह भी सिर्फ पीएमसीएच में लागू है. बाकी जगहों पर बहाल नर्सो को यह अवकाश भी नहीं मिलता है. हालांकि, नेचुरल अवकाश को लेकर हमसे विभाग ने स्पष्टीकरण मांगा था. बाद में तत्कालीन अधीक्षक डॉ ओपी चौधरी द्वारा अवकाश को लेकर जारी पत्र की जानकारी देने पर मामला क्लियर हुआ. मैट्रोन ने कहा कि संविदा पर बहाल नर्सो को मातृत्व अवकाश के अलावा सरकारी छुट्टी भी नहीं दी जाती है. ये नर्से जब मातृत्व अवकाश से आती हैं, तो इनको दोबारा से अधीक्षक के निर्देश पर ज्वाइन कराया जाता है, जिसके लिए उनको कई दिनों तक इंतजार भी करना पड़ता है.
अब तेज होगी मांग
ए ग्रेड नर्स एसोसिएशन की महासचिव प्रमिला कुमारी का कहना है कि मातृत्व अवकाश के लिए हमने लंबी लड़ाई लड़ी है. पीएमसीएच से लेकर स्वास्थ्य विभाग एवं मुख्यमंत्री तक को आवेदन दिया गया है. इसके बाद भी कोई विचार नहीं किया गया है. मजबूरी में नर्से प्रसव काल के दौरान भी काम करती हैं.
काम नहीं करने पर वेतन काट लिया जाता है. चुनाव के बाद हमलोग अपनी मांग को लेकर दोबारा लड़ाई लड़ेंगे. वहीं इस संबंध में पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ अमर कांत अमर कहते हैं कि मातृत्व अवकाश को लेकर नर्सो ने मांग की थी. उनकी इस मांग को सरकार तक पहुंचायी गयी थी, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है. जहां तक संविदा पर बहाल नर्सो के मातृत्व अवकाश की बात है, यह मिलना चाहिए. एक ही काम के लिए दो तरह के नियम सही नहीं हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
प्रधान स्वास्थ्य सचिव दीपक कुमार कहते हैं कि नर्सो को मातृत्व अवकाश तो मिलना ही चाहिए. अगर उन्हें नहीं मिल रहा है, तो हम देखेंगे कि मामला क्या है. इस मामले में चुनाव के बाद कुछ ठोस निर्णय लिया जायेगा.

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