पटना: बिहार मंत्री परिषद के निर्णय के आलोक में राज्य खाद्य निगम की पुनर्गठित संरचना शनिवार से लागू हो गयी. बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार राय ने इसकी विधिवत जानकारी दी. वह दारोगा प्रसाद राय पथ स्थित निगम मुख्यालय खाद्य भवन में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. नयी व पुनर्गठित संचरना के संबंध में उन्होंने बताया कि इसके तहत अभिप्राप्ति व वितरण को अलग किया गया है.
अब दोनों अलग-अलग विंग होंगे. नयी संरचना के तहत रात्रि प्रहरी, अनुसेवक समेत कई छोटे पदों को सरेंडर किया गया है. ऐसे पदों पर वर्तमान में जो कर्मी कार्यरत हैं, उनके सेवानिवृत्त होने के साथ ही पद स्वत: समाप्त होते चले जायेंगे. इस तरह निगम की संरचना अब 2700 से घट कर 1281 हो गयी है. संवाददाता सम्मेलन में विशेष सचिव भरत दुबे, खाद्य आपूर्ति विभाग के अपर सचिव चंद्रशेखर समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
खाद्यान्न उठाव व अनुश्रवण 24 घंटे
प्रबंध निदेशक ने बताया कि खाद्य निगम की पुनर्गठित संरचना में राज्य स्तर पर प्रबंध निदेशक के अंदर दो मुख्य महाप्रबंधक की नियुक्ति की गयी है. इनमें एक का काम भंडारण, जन वितरण प्रणाली, वित्तीय सलाहकार के तौर पर होगा. उनके अधीन हर विभाग में उप महाप्रबंधक की भी नियुक्ति की गयी है. दूसरे महाप्रबंधक का काम अधिप्राप्ति, आधुनिकीकरण, सामान्य प्रशासन, मुख्य सतर्कता और तकनीक का होगा. इसी आधार पर जिला स्तर पर भी प्रशासनिक संरचना का पुनर्गठन किया गया है. राज्य खाद्य निगम में बीसीईसीई के माध्यम से आईटी की जानकारी रखनेवाले 407 सहायक प्रबंधक और 50 सहायक लेखापाल की नियुक्ति की गयी है. खाद्य सुरक्षा कवच के अंतर्गत खाद्यान्न उठाव और वितरण का अनुश्रवण व पर्यवेक्षण के लिए 24 घंटे नियंत्रण कक्ष कार्यरत रहेगा. ई-चालान व जन वितरण प्रणाली की दुकान तक डोर स्टेप डिलीवरी के अलावा एसएमएस से खाद्यान्न से संबंधित दैनिक प्रतिवेदन का संप्रेषण होगा. धान अधिप्राप्ति के लिए नोडल एजेंसी, अधिप्राप्ति कार्य में सभी प्रकार का भुगतान पीएफएमएस पद्धति से तथा आवंटित खाद्यान्न का शत-प्रतिशत उठाव व वितरण तथा प्रोक्योरमेंट सॉफ्टवेयर पर अधिप्राप्ति संबंधित सभी कार्यों का निष्पादन किया जायेगा.
14.31 लाख मिटरिक टन क्षमता वाले भंडार का निर्माण : प्रबंध निदेशक ने बताया कि निगम मुख्यालय में खाद्य भवन का निर्माण भी किया जायेगा. इसकी 14.31 लाख मिटरिक टन भंडारण क्षमता होगी. भारतीय खाद्य निगम के उठाव में शत-प्रतिशत व डोर स्टेप डिलीवरी में 99 फीसदी जीपीएस, लोड सेल परिवहन व निर्धारित मार्ग से खाद्यान्न से लदे वाहनों के विचलन के कारण अभिकर्ताओं से 5.32 करोड़ रुपये की वसूली की जायेगी. भारत सरकार की ओर से अधिप्राप्ति कार्य के संपादन के लिए 5000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं. इससे पिछले सभी बकाया रकम का भुगतान कर दिया गया है.
धांधली व बिचौलियों पर लगेगा अंकुश : प्रबंध निदेशक ने कहा कि राज्य के 85 प्रतिशत लोगों तक खाद्यान्न पहुंचाने व किसानों से फसल खरीद के उद्देश्य की पूर्ति एक चुनौती है. इसी के लिए नयी संरचना लागू की गयी है. खाद्य आपूर्ति की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए पूरे तंत्र को डिजिटलाइज्ड कर दिया है, ताकि फसल अधिप्राप्ति व अन्य प्रक्रिया में धांधली न हो तथा बिचौलियों को निष्क्रिय किया जा सके.