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ऋण देने में कोताही तो बैंकों में सरकारी पैसा जमा नहीं: सुशील कुमार मोदी

पटना: उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने ऋण देने में कोताही बरतने वाले बैंकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि उनके रवैये में सुधार नहीं आया तो सरकारी राशि ऐसे बैंकों में जमा नहीं होगी. उन्होंने कहा कि नये सिरे से बैंकों की ग्रेडिंग और रेटिंग तय की जायेगी. शनिवार को […]

पटना: उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने ऋण देने में कोताही बरतने वाले बैंकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि उनके रवैये में सुधार नहीं आया तो सरकारी राशि ऐसे बैंकों में जमा नहीं होगी. उन्होंने कहा कि नये सिरे से बैंकों की ग्रेडिंग और रेटिंग तय की जायेगी. शनिवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक में उन्होंने कहा कि रबी मौसम में पंद्रह लाख नये किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जायेगा. उपमुख्यमंत्री ने बैंकों को भ्रष्टाचार खत्म करने की नसीहत भी दी.

कहा कि लोगों में यह धारणा है कि कमीशन दिये बिना बैंकों से ऋण नहीं मिल सकता. शिकायत है कि इंदिरा आवास के लिए 10 फीसदी तक कमीशन लिए जाते हैं. इसमें सरकारी कर्मचारी और बैंक मैनेजर मिलकर गरीब का शोषण करते थे. सृजन और पीएचईडी घोटाले में बैंकों की भूमिका रही. निश्चित समयावधि में हर बैंक को शाखा स्तर पर मॉनिटरिंग करनी चाहिए. चेतावनी भरे लहजे में कहा कि बैंकों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए इसकी शिकायत निगरानी विभाग, सीबीआई आदि को करने का सिस्टम बना हुआ है. पीड़ित वहां शिकायत कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि बैंक खातों के माध्यम से गड़बड़ियों की शिकायत मिली है.

बैंकों में खुलेंगे आधार केंद्र
बैंक खातों को आधार से जोड़ने की समय सीमा के बारे में कहा कि इस साल यह 31 दिसंबर तक है. ऐसा नहीं होने पर खाते बंद भी किये जा सकते हैं. लोगों की सहूलियत के लिए बैंक की 10 शाखाओं पर एक में आधार केंद्र लगाने की योजना थी. इस तरह 542 शाखाओं में बैंक के भीतर आधार केंद्र खोले जायेंगे. मनरेगा मजदूरों के 32 लाख खाते आधार से जोड़ना है.

बैंक क्यों नहीं लेते सिक्के : सिक्के जमा करने से इन्कार वाले मसले पर सुशील मोदी ने बैंक अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा. रिजर्व बैंक के आदेश का हवाला देते हुए बताया गया कि एक हजार रुपये तक के सिक्के एक बार में बैंक जमा ले सकते हैं. इससे ज्यादा सिक्कों को लौटाया जा रहा है. इस उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यदि ऐसा है तो अखबारों में विज्ञापन के जरिए आमलोगों को जानकारी दें.
6 महीने में 43% ऋण
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 2017-18 में ‍Rs 1,10,000 करोड़ का ऋण देने का लक्ष्य था, सभी बैंकों ने छह महीने में Rs 46,816 करोड़ ऋण वितरित किये. यह लक्ष्य का करीब 43% है. उन्होंने कहा कि 6,90,000 समूह बने. इनमें से पांच लाख का खाता खुला. इन्हें Rs 3700 करोड़ का ऋण दिया गया जिसमें से 98% वापस भी हो गया.

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