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बिहार : बगैर लाइसेंस नहीं बेच सकेंगे तंबाकू उत्पाद

आदेश लागू. स्वास्थ्य मंत्रालय के सुझाव को लागू करने वाला पहला शहर बना पटना तंबाकू बेचने वाली दुकानों पर टॉफी, कैंडी, चिप्स, बिस्कुट, पेय पदार्थ आदि की बिक्री पर रहेगी रोक पटना : पटना शहर में नगर निगम के लाइसेंस या अनुमति के बगैर अब से तंबाकू उत्पादों की बिक्री नहीं होगी. नगर आयुक्त अभिषेक […]

आदेश लागू. स्वास्थ्य मंत्रालय के सुझाव को लागू करने वाला पहला शहर बना पटना
तंबाकू बेचने वाली दुकानों पर टॉफी, कैंडी, चिप्स, बिस्कुट, पेय पदार्थ आदि की बिक्री पर रहेगी रोक
पटना : पटना शहर में नगर निगम के लाइसेंस या अनुमति के बगैर अब से तंबाकू उत्पादों की बिक्री नहीं होगी. नगर आयुक्त अभिषेक कुमार सिंह ने भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के सुझाव को पटना नगर निगम क्षेत्र में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है. इसके साथ ही पटना यह आदेश लागू करने वाला देश का पहला शहर बन गया है.
खास बात यह है कि तंबाकू बेचने वाले दुकानदार बच्चों को प्रभावित करने वाले खाद्य सामग्रियों जैसे टॉफी, कैंडी, चिप्स, बिस्कुट, पेय पदार्थ आदि की बिक्री भी अपने प्रतिष्ठान से नहीं कर सकेंगे. ऐसा करने पर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी. कोटपा के प्रावधानों के तहत उनको सात साल की कैद एवं एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
लाइसेंस के लिए करना होगा आवेदन
बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 342 की अनुसूची 324 के तहत भी प्रावधान है कि तंबाकू उत्पादों की बिक्री, भंडारण या पैकेजिंग बिना नगर निगम के लाइसेंस या अनुमति के नहीं की जा सकती. इस प्रावधान का उल्लेख करते हुए पटना नगर निगम ने लाइसेंस या अनुमति की अनिवार्यता कर दी है.
अनुमति प्राप्त करने के लिए दुकानदारों को तत्काल अपने क्षेत्र के नगर निगम के अंचल कार्यालय में आवेदन करना होगा. इसके बाद उनको लाइसेंस निर्गत किया जायेगा. लाइसेंस लेते समय विक्रेता को यह घोषणा करनी होगी कि वे अपने दुकान से बच्चों से जुड़े टॉफी, कैंडी, चिप्स, कोल्ड ड्रिंक आदि की बिक्री नहीं करेंगे.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया था सुझाव
अव्यस्क एवं कम उम्र के बच्चों तक तंबाकू उत्पादों की उपलब्धता पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य मंत्रालय ने 21 सितंबर 2017 को सभी राज्यों को यह सुझाव दिया था. इसका मुख्य उद्देश्य कोटपा अधिनियम के माध्यम से अव्यस्कों, कम उम्र के युवाओं एवं जनसमूह द्वारा तंबाकू उत्पाद के उपयोग को रोकना, तंबाकू की हानिकारक लत से बचाना तथा तंबाकू उत्पादों के प्रचार-प्रसार पर प्रतिबंध लगाना है.
क्यों है जरूरी : विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक देश मेंप्रतिवर्ष 12 लाख लोगों कीमौत तंबाकू जनित रोगों जैसे कैंसर, स्ट्रोक व हृदय रोग से होती है. बिहार में भी 53.5 प्रतिशत लोग (66% पुरुष तथा 40% महिलाएं) किसी न किसी रूप में तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं.
पटना. तंबाकू व उससे संबंधित उत्पादों को बेचने के लिए लाइसेंस लेने का आदेश लागू तो हो गया है, लेकिन इसे प्रभावी ढंग से लागू करने से पहले तंबाकू विक्रेताओं को 15 दिन की छूट दी जायेगी.
नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने बताया कि पूरे शहरी क्षेत्र में यह नियम लागू हो गया है. पंद्रह दिन बाद अंचलवार टीम का गठन कर कार्रवाई शुरू होगा. उन्होंने बताया कि नियम के अनुसार तंबाकू बेचने वालों को केवल इसका ही लाइसेंस दिया जायेगा. बाकी किसी अन्य प्रकार की वस्तु बेचने का अधिकार नहीं दिया जायेगा.
तंबाकू के अलावा अन्य वस्तुओं के दुकानदारों को भी नगर निगम से ट्रेड लाइसेंस लेने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इसमें क्षेत्र के अनुसार किसी भी दुकान को ट्रेड लाइसेंस दिया जायेगा. मास्टर प्लान 2031 के अनुसार एक बेहतर शहरी निकाय बनाने के लिए नगर निगम ने ऐसी पहल शुरू की है. सशक्त स्थायी समिति व बोर्ड में पहले से पारित कर दिया गया है.
कैसे मिलेगा लाइसेंस : दुकानदारों को तंबाकू उत्पाद बेचने का ट्रेड लाइसेंस टर्न ओवर के अनुसार दिया जायेगा. इसमें न्यूूूनतम शुल्क सौ रुपये से लेकर पांच हजार तक लिया जायेगा. निगम दुकानदारों को एक सप्ताह से लेकर दो सप्ताह के भीतर दिया जायेगा. लाइसेंस अंचल कार्यालय स्तर से दिया जायेगा. निगम ने आदेश की प्रति नगर विकास व आवास विभाग को भेज दी है. यहां से अधिसूचित होने के बाद ही लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू होगी.
पाबंदी संबंधी मंत्रालय के पत्र पर विक्रेता नाराज
पटना. तंबाकू और गैर तंबाकू उत्पाद बेचने संबंधी प्रस्तावित कानून के विरोध में बिहार राज्य व्यापारी संघ ने शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इसमें बड़ी संख्या में फुटकर पान दुकानदारों ने भाग लिया. संघ के अधिकारियों ने पटना के डीएम को एक ज्ञापन दिया. संघ के अध्यक्ष प्रदीप कुमार गुप्ता ने कहा कि अगर इस प्रस्ताव को वापस नहीं लिया जाता है तो राष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन होगा.
प्रदर्शन के बाद संवाददाता सम्मेलन में संघ के अध्यक्ष प्रदीप कुमार गुप्ता ने कहा कि हाल में समाचार पत्रों में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राज्य के मुख्य सचिव को लिखे उस पत्र के बारे में जानकर हैरानी हुई, जिसमें कहा गया है कि ऐसी फुटकर दुकानें जिन पर तंबाकू उत्पाद बेचे जाते हैं, उन्हें गैर तंबाकू उत्पाद बेचने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए. इस प्रस्तावित कानून के लागू हो जाने के बाद सूबे के चार लाख से अधिक फुटकर दुकानदारों के समक्ष भुखमरी की समस्या पैदा हो जायेगी.

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