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बाढ़ कोर्ट ने लिया संज्ञान, एफआईआर का दिया आदेश
विक्षिप्त को बंधक बना जमीन लिखवाने का मामला मोकामा : प्रभात खबर में 22 सितंबर को विक्षिप्त से जबरन लिखवा ली तीन बीघा जमीन, हंगामा शीर्षक खबर पर बाढ़ कोर्ट ने संज्ञान लिया है. बाढ़ अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने मोकामा पुलिस को अविलंब एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया है. कोर्ट से पुलिस […]
विक्षिप्त को बंधक बना जमीन लिखवाने का मामला
मोकामा : प्रभात खबर में 22 सितंबर को विक्षिप्त से जबरन लिखवा ली तीन बीघा जमीन, हंगामा शीर्षक खबर पर बाढ़ कोर्ट ने संज्ञान लिया है. बाढ़ अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने मोकामा पुलिस को अविलंब एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया है. कोर्ट से पुलिस को भेजी गयी नोटिस में प्रभात खबर में छपी खबर की छायाप्रति भी संलग्न है. इसके बाद आनन-फानन में पुलिस चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई में जुट गयी है. यह मामला मोकामा थाना के मोर पूर्वी टोला का है.
दबंगों ने विक्षिप्त सुमन कुमार पांडे को बंधक बना कर उसकी सारी जमीन की रजिस्ट्री करवा ली थी. इस मामले में विश्वनाथ सिंह, संटु कुमार, कार्तिक सिंह व गौरी सिंह (सभी मोर निवासी) के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है.
इससे पहले विक्षिप्त की पत्नी रेणु देवी दबंगों पर कार्रवाई के लिए थाने का चक्कर लगा रही थी, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इन्कार कर दिया था. विवश होकर उसे अपने बच्चों के साथ बीच सड़क पर बैठ कर विरोध जताना पड़ा था. महिला के समर्थन में ग्रामीणों ने भी हंगामा किया था. बाद में सामाजिक कार्यकर्ता के सहयोग से पीड़ित महिला कोर्ट पहुंची. कोर्ट ने इस मामले को संज्ञान में होने की टिप्पणी की. वहीं, स्थानीय थाने को अविलंब कार्रवाई का आदेश दिया था.
कोर्ट के सख्त आदेश से हरकत में आयी मोकामा पुलिस आरोपितों पर एफआईआर दर्ज करते हुए मामले की छानबीन में जुट गयी है. ग्रामीणों से पूछताछ करने पर सारी सच्चाई सामने आने लगी है. इस संबंध में मोकामा थानाध्यक्ष संदीप कुमार सिंह ने बताया कि इसकी सूचना अंचल कार्यालय को दी गयी है. आरोपितों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
जमीन के दाखिल–खारिज पर रोक
विक्षिप्त से लिखवाई गयी जमीन की दाखिल–खारिज पर सीओ जयकृष्ण प्रसाद ने रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश पर आगे कार्रवाई की जायेगी. इधर, पीड़ित महिला रेणु देवी ने कहा कि उसे अदालत पर पूरा भरोसा है. उसने दबे -कुचले लोगों की आवाज उठाने के लिए प्रभात खबर को भी धन्यवाद दिया. महिला ने बताया कि उसके पति मानसिक रोग से पीड़ित हैं. वह अपने पति का इलाज कराने में असमर्थ हो गयी है.
उसके ससुर चंद्रभानू पांडे व देवर धीरज अलग रहते हैं. वह गौपालन कर किसी तरह पति व चार बच्चे का पेट पाल रही है. उसकी तकरीबन एक बीघा जमीन फोर लेन में गयी है. सरकार से मिलने वाले लाखों रुपये के मुआवजे की लालच में दबंग लोगों ने यह साजिश की. सामाजिक कार्यकर्ता कुमार नवनीत हिमांशु ने कहा कि इस घटना के बाद महिला व उसके बच्चे भयभीत हैं.
क्या है पूरा मामला : विक्षिप्त सुमन कुमार पांडे अचानक चार सितंबर, 2017 को लापता हो गया था. उसकी पत्नी रेणु देवी उसकी खोजबीन में जुटी थी. इसी बीच वह सात सितंबर की शाम घर आ गया.
उसके शरीर पर मारपीट के निशान थे. रेणु देवी का कहना है कि पति से पूछताछ करने पर सही जानकारी नहीं मिली. बाद में एक ग्रामीण ने दबंगों द्वारा उसके विक्षिप्त पति को बंधक बना कर तीन बीघा जमीन लिखवाने की बात कही. महिला ने निबंधन कार्यालय में जाकर पता लगाया तो उसके होश उड़ गये बात सच थी. सात सितंबर को जमीन की रजिस्ट्री हुई थी.
इससे पहले उसके पति को तीन दिनों तक बाढ़ स्थित एक मकान में बंधक बना कर रखा गया था. पीड़ित महिला ने कई दिनों तक थाने का चक्कर लगाया, लेकिन पुलिस उसे गुमराह करती रही. 21 सितंबर को महिला अपने बच्चों के साथ एनएच 31 पर बैठ गयी. रोती- बिलखती महिला ने ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी. इससे आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने हंगामा कर दबंगों पर कार्रवाई की मांग की थी.
शांत कराया था. लेकिन केस दर्ज नहीं होने पर महिला 23 सितंबर को बाढ़ कोर्ट पहुंची. एसीजेएम बाढ़ का आदेश तकरीबन दस दिनों बाद मोकामा थाना पहुंचा. वहीं, पुलिस ने छानबीन के बाद 30 अक्तूबर को चार लोगों पर केस दर्ज किया है.ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार की सुरक्षा की मांग की है.
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