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वायु की गुणवत्ता से संबंधित लगेगा बोर्ड : मोदी
पटना : सेंटर फॉर इन्वायरमेंट एंड इनर्जी डेवलपमेंट (सीड) की ओर से मंगलवार को आयोजित वायु प्रदूषण पर राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में उपमुख्यमंत्री सह वन व पर्यावरण मंत्री सुशील कुमार मोदी ने एलान किया कि पटना, गया, मुजप्फरपुर में वायु गुणवत्ता प्रबोधन केंद्र की संख्या बढ़ाई जायेगी. शहर के महत्वपूर्ण […]
पटना : सेंटर फॉर इन्वायरमेंट एंड इनर्जी डेवलपमेंट (सीड) की ओर से मंगलवार को आयोजित वायु प्रदूषण पर राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में उपमुख्यमंत्री सह वन व पर्यावरण मंत्री सुशील कुमार मोदी ने एलान किया कि पटना, गया, मुजप्फरपुर में वायु गुणवत्ता प्रबोधन केंद्र की संख्या बढ़ाई जायेगी. शहर के महत्वपूर्ण स्थलों पर वायु की गुणवत्ता से संबंधित बोर्ड डिस्पले किये जायेंगे.
मोदी ने कहा कि पटना शहर में अक्तूबर से मार्च तक वायु प्रदूषण की स्थिति चिन्ताजनक हो जाती है.
इस दौरान वायु में छोटे कण पदार्थ की मात्र 100 से 300 माइक्रोग्राम घनमीटर तक पायी गयी है, जबकि 60 माइक्रोग्राम घनमीटर ही होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ईंट–भट्ठा वायु प्रदूषण के बड़े कारक है.
इसलिए राज्य के सभी ईंट–भट्ठा मालिकों को जिग–जैक तकनीक पर आधारित चिमनी लगाने का निर्देश दिया गया है. पटना शहर के निकटवर्ती पांच प्रखंडों में इस नयी तकनीक को अपनाए बिना ईंट–भट्ठों को संचालित करने की अनुमति नहीं दी जायेगी. उन्होंने कहा कि सभी नगर निगमों को निर्देश दिया गया है कि कचरा की ढुलाई तिरपाल से ढक कर करें. किसानों से उन्होंने अपील की कि वे अपने कृषि अवशिष्ट को जलाने से परहेज करें. आने वाले दिनों में वायु के साथ ध्वनि प्रदूषण भी बड़ी चुनौती बनने वाली है. गाडि़यों के हॉर्न और अनावश्यक शोर से परेशानी बढ़ रही है.
जल प्रदूषण की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार ने तय किया है कि सीवरेज के पानी को उपचार के बाद भी गंगा में बहाने के बजाय उसका उपयोग खेती में किया जायेगा. उन्होंने कहा कि पॉलीथिन बैग के प्रयोग को उसके निर्माण पर रोक लगा कर ही बंद किया जा सकता है.
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