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बिहार : गांवों के विकास से ही बचेगी पृथ्वी : नीतीश कुमार

द एसोसिएशन ऑफ जियोग्राफर्स के सम्मेलन में सीएम नीतीश कुमार बोले पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शहरीकरण से पृथ्वी का भविष्य ठीक नहीं होगा. पृथ्वी को बचाने के लिए प्रकृति-पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता के साथ-साथ गांवों का विकास भी जरूरी है. बिहार सरकार इस दिशा में सात निश्चय के तहत […]

द एसोसिएशन ऑफ जियोग्राफर्स के सम्मेलन में सीएम नीतीश कुमार बोले
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शहरीकरण से पृथ्वी का भविष्य ठीक नहीं होगा. पृथ्वी को बचाने के लिए प्रकृति-पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता के साथ-साथ गांवों का विकास भी जरूरी है.
बिहार सरकार इस दिशा में सात निश्चय के तहत काम कर रही है. रविवार को वह द एसोसिएशन अॉफ जियोग्राफर्स बिहार-झारखंड के दो दिवसीय 19वें वार्षिक सम्मेलन सह राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन में बोल रहे थे. सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के ज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि भूगोलवेत्ता सिर्फ शहरीकरण पर ही चर्चा नहीं करें, बल्कि पृथ्वी पर सोचें, ताकि हम सब का भविष्य बेहतर हो. प्रकृति के नियम के खिलाफ हमें नहीं चलना चाहिए अौर पृथ्वी को नष्ट होने से बचाना भी हमारा दायित्व है. आज विकास का मतलब सिर्फ निर्माण नहीं होता, बल्कि पर्यावरण व सामाजिक रूप से तरक्की असली विकास है.
नीतीश कुमार ने कहा कि शहरीकरण अच्छी बात है, लेकिन प्लांड सिटी बनने से इसके बाहर का इलाका कैसा होता है, यह मुंबई, चंडीगढ़, जमशेदपुर, बोकारो के बाहर जाकर देखा जा सकता है. उन जगहों पर भी कई तरह की समस्याएं हैं, जिनका समाधान नहीं हो पा रहा है. तकनीक बढ़ती जा रही है. लोग विदेशों तक वॉयस और वीडियो कॉल कर सकते हैं, लेकिन तकनीक के दुरुपयोग से भी प्रकृति से छेड़छाड़ हो रहा है. पर्यावरण के प्रति सामाजिक जागरूकता नहीं होगी, तब तक दिक्कत है. लोगों में प्रकृति के प्रति जागरूकता नहीं है.
लोग कुदरत की महत्ता को नहीं समझ रहे हैं. छोटी-छोटी कमाई के लिए कुदरत से खिलवाड़ कर रहे हैं. चीन के बीजिंग जाने पर मैं पक्षियों की चहचहाट के लिए तरस गया, जबकि पटना में सुबह जिस प्रकार पक्षियों की चहचहाट होती है, उससे लगता है कि पटना एक बड़ा गांव है. उन्होंने कहा कि गांवों में जब से सरकार ने बिजली पहुंचायी है, तब से टीवी, फ्रीज के साथ-साथ एसी भी लगने लगे हैं. प्रकृति से छेड़छाड़ कर हम आनंद तो पा रहे हैं, लेकिन इसके कई दुष्परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं.
महात्मा गांधी ने कहा था कि यह पृथ्वी हमारी जरूरतों को तो पूरा करने में सक्षम है, लेकिन हमारे लालच को पूरा करने में सक्षम नहीं है. ऐसे में भूगोलवेत्ता एकेडमिक बहस तक सीमित न हों. लोगों की सोच को बदलना होगा और हमें उसी रूप में ढलना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार सात निश्चय के तहत शहर से लेकर गांव तक हर घर बिजली, हर घर नल का जल, पक्की नली-गली, सड़कों का निर्माण करवा रही है. गांवों के अलावा करीब 5000 टोले, जो कनेक्टिविटी से छूट गये थे, उन्हें भी जोड़ा जा रहा है.
आर्सेनिक, फ्लोराइड व आयरन युक्त पानी से निजात दिलाने का काम हो रहा है. सीएम ने कहा कि पटना में सिवरेज के पानी को ट्रिटमेंट कर उससे सिंचाई की जायेगी. इससे जहां गंगा की अविरलता बरकरार रहेगी, वहीं, सिंचाई के लिए पानी मिल जायेगा. कृषि रोड मैप 2017-22 में आर्गेनिक केती को बढ़ावा दिया जायेगा. समारोह में मुख्यमंत्री ने एजीबीजे का सोवेनियर और जर्नल का भी विमोचन किया
इस मौके पर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पटना विवि के कुलपति रासबिहारी सिंह, अलीगढ़ मुस्लिम विवि की भूगोल विभाग की प्रो आभा लक्ष्मी सिंह, मगध विवि के प्रतिकुलपति प्रो केएन पासवान, द एसोसिएशन अॉफ जियोग्राफर्स बिहार एंड झारखंड के प्रेसिडेंट प्रो टुनटुन झा, पटना विवि के पूर्व कुलपति प्रो एलएन राम, एएन कॉलेज के प्राचार्य एसपी शाही ने भी संबोधित किया. धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम की संयोजिका प्रो पूर्णिमा शेखर सिंह ने किया. इस मौके पर मुख्यंमत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, बिहार-झारखण्ड के विद्वान भूगोलवेत्तागण समेत अन्य मौजूद थे.
घर के बार ही लोग फेंकते हैं कूड़ा, बदलनी होगी मानसिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता बहुत जरूरी है. इसके लिए सोशल कैंपेनिंग की जरूरत है. छठ पूजा आने वाला है. इस समय साफ-सफाई होगी.
लोग अपने घरों के बाहर, सड़कों और किनारों की सफाई करेंगे, लेकिन उगते सूरज को अर्घ देने के बाद फिर से गंदगी फैलाना शुरू कर देंगे. लोग अपने घर कूड़ा अपने घर के बाहर फेंक देते हैं, जो उन्हीं के घर चला जाता है. मुख्यमंत्री ने कहा 1, अणे मार्ग स्थित मेरे आवास में भी काम करने वाले मजदूर बोतल में पानी पीकर उसे इधर-उधर फेंक देते हैं. मॉर्निंग वाक के समय मेरी नजर पड़ने पर उसे वे हटाते हैं.
ऐसे में लोगों की मानसिकता बदलनी जरूरी है. उन्होंने कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन हो रहा है. बिना जनसहयोग के यह संभव नहीं है. जब तक लोग नहीं समझेंगे कि कचरा इस तरह नहीं फेंकना चाहिए तब तक यह संभव नहीं है. सिर्फ कानून बना देने से भी यह नहीं रुकेगा, आत्मचिंतन की जरूरत है.
शहरीकरण के साथ पृथ्वी के बारे में भी सोचें भूगोल के विशेषज्ञ पृथ्वी को बचाना भी हमारा दायित्व
प्रकृति के लिए लोगों में नहीं है जागरूकता, छोटी-छोटी कमाई के लिए करते हैं पर्यावरण से छेड़छाड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में सेंटर ऑफ जियोग्राफी खुलेगा. इसमें देश-दुनिया में भूगोल के क्षेत्र में जितनी बातें हो रही हैं, उन्हें एक जगह संकलित किया जायेगा और उससे जोड़ कर विकास किया जायेगा.

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