Advertisement
बिहार में डेंगू बन रहा महामारी, प्लेटलेट्स की मारामारी
ब्लड बैंक का हाल : कहीं सिर्फ नौ यूनिट, तो कहीं एक यूनिट भी नहीं बच रहा प्लेटलेट्स पटना : पटना सहित बिहार में डेंगू मरीजों की संख्या करीब 350 पहुंच चुकी है. अकेले पटना में 800 से अधिक संदिग्ध मामले सामने आ चुके हैं. एक मरीज की मौत भी हो चुकी है. शहर के […]
ब्लड बैंक का हाल : कहीं सिर्फ नौ यूनिट, तो कहीं एक यूनिट भी नहीं बच रहा प्लेटलेट्स
पटना : पटना सहित बिहार में डेंगू मरीजों की संख्या करीब 350 पहुंच चुकी है. अकेले पटना में 800 से अधिक संदिग्ध मामले सामने आ चुके हैं. एक मरीज की मौत भी हो चुकी है. शहर के ब्लड बैंकों में खून व प्लेटलेट्स का स्टॉक कम पड़ गया है. मारामारी की स्थिति बनी है. वहीं, प्लेटलेट्स की उपलब्धता को शहर में नौ ब्लड बैंक है. बावजूद प्लेटलेट्स की कमी हो गयी है.
प्लेटलेट्स की मांग में तीन गुना इजाफा : डेंगू मरीजों की बढ़ते तादाद से प्लेटलेट्स की मांग तीन गुना बढ़ गयी है. यह दावा ब्लड बैंकों का है. पीएमसीएच ब्लड यूनिट के कर्मचारियों ने बताया कि बैंक से प्रतिदिन चार से पांच यूनिट ही प्लेटलेट्स जारी किया जाता था, लेकिन हर रोज 20 यूनिट से अधिक प्लेटलेट्स मरीजों को दिया जा रहा है. शहर के तीन सरकारी व अन्य गैर सरकारी ब्लड बैंकों में भी प्लेटलेट्स व खून की कमी चल रही है.
रक्त की कमी से नहीं बन पा रहा प्लेटलेट्स
किस ब्लड बैंक में
कितना बचा है प्लेटलेट्स
पीएमसीएच : 9 यूनिट
जयप्रभा ब्लड बैंक : 21 यूनिट
कुर्जी ब्लड बैंक : 0 यूनिट
एनएमसीएच ब्लड बैक : 3 यूनिट
आईजीआईएमएस ब्लड बैंक
: 6 यूनिट
रेड क्राॅस : 43 यूनिट
पारस अस्पताल ब्लड बैंक: 36 यूनिट
महावीर कैंसर संस्थान ब्लड बैंक
: 23 यूनिट
मैक्स ब्लड बैंक : 16 यूनिट
आखिर क्यों न कम पड़ें प्लेटलेट्स
डेंगू के कारण पटना में प्रतिदिन 350 से 400 यूनिट प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ रही है. एक यूनिट खून से एक यूनिट प्लेटलेट्स तैयार होता है. खून से प्लेटलेट्स को अलग करने में करीब डेढ़ घंटे लगते हैं. ऐसे में प्लेटलेट्स का जितना उत्पादन है, उसकी तुलना में कंजप्शन डेढ़ से दोगुना है. एेसे में अधिक संख्या में रक्तदान कैंप लगे और रक्तदान के प्रति लोग जागरूक हों, तो प्लेटलेट्स की कमी दूर की जा सकती है.
उपलब्धता बढ़ाने पर जोर
पीएमसीएच में 24 घंटे प्लेटलेट्स देने की सुविधा है. ब्लड की कमी के कारण अभी प्लेटलेट्स की कमी है. रक्त की उपलब्धता के बाद ही प्लेटलेट्स की कमी दूर हो पायेगी. एनजीओ व सामाजिक संगठनों को आगे आकर रक्तदान शिविर लगाना होगा, ताकि जरूरतमंदों के लिए खून जुटाया जा सके.
डॉ यूपी सिंह, ब्लड बैंक अधिकारी, पीएमसीएच
इस संकट की घड़ी में सभी लोगों को आगे आना होगा. लोगों को जागरूक होकर ब्लड डोनेट करना होगा. तभी यह समस्या खत्म होगी. डेंगू का प्रकोप पटना में तेजी से बढ़ रहा है, यही वजह है कि प्लेटलेट्स की मांग बढ़ गयी है. ब्लड डोनेट करने से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं है.
मुकेश हिसारिया, मां वैष्णो देवी सेवा समिति के अध्यक्ष.
रक्तदान को आगे आएं लोग
क्या है प्लेटलेट्स
आईजीआईएमएस के डॉ रत्नेश चौधरी ने बताया कि यह खून का तत्व है जो खून का थक्का जमाने का काम करता है. इसकी संख्या सामान्य तौर पर डेढ़ लाख से चार लाख तक होती है.
10 हजार से कम या 10 लाख से ज्यादा प्लेटलेट्स होने पर नाक, छोटी और बड़ी आंत और त्वचा से ब्लीडिंग होने लगती है, जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है. डेंगू में बहुत तेजी से प्लेटलेट्स कम होती हैं. हालांकि, अन्य बीमारियों में प्लेटलेट्स कम होने की बात भी डॉक्टर मान रहे हैं.
5 दिनों में हो जाता है प्लेटलेट्स नष्ट
एक यूनिट खून से कई कंपोनेंट तैयार होते हैं. इसके लिए कंपोनेंट सेपरेटर मशीन की जरूरत होती है. इससे प्लेटलेट्स के अलावा प्लाज्मा, आरबीसी (रेड ब्लड कारपोसेल्स), क्रायो, फैक्टर आठ आदि तैयार किये जाते हैं. इनमें सबसे कम समय तक प्लेटलेट्स ठीक रहता है. यह पांच दिनों में नष्ट हो जाता है. इसलिए जरूरत के अनुसार ही प्लेटलेट्स तैयार कराया जाता है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement