पटना: नगर आवास विकास विभाग ने बहुत उम्मीद के साथ पटना नगर निगम को इ-म्युनिसिपलिटी बनाने की योजना बनाया थी, लेकिन साल भर बीत जाने के बाद भी इसको लेकर कोई सुगबुगाहट नजर नहीं आ रही है.
इस बाबत चयनित एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने जहां फोन काट दिया, वहीं इ-गवर्नेस के नोडल अधिकारी ने दो टूक कहा कि ऑनलाइन सुविधाएं कब से शुरू होंगी, इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है. बताया जाता है कि इस योजना के तहत निगम की 11 नागरिक सुविधाओं को ऑनलाइन किया जाना था. इस योजना की नींव विभागीय सचिव ने एक वर्ष पहले धूमधाम से रखी थी. मुंबई की निजी कंपनी एबीएम नॉलेजवेयर लिमिटेड को कार्य आवंटन किया गया. लेकिन, अब तक यह योजना अधर में ही लटकी हुई है.
बैठक-पर-बैठक हुई
डीएफआइडी द्वारा नगर निगम, जिला परिषद और नगर पंचायतों को ई-गवर्नेस की सुविधा से लैस किया जाना था. नगर आवास विकास विभाग ने छह माह पहले एजेंसी चयनित कर समय-समय पर कई बैठकें कीं. इसके बाद भी यह योजना एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी. मालूम हो कि नगर निगम में सरवर रूम बनाया गया, जहां आइटी की पूरी व्यवस्था की गयी. हालांकि इससे नगर निगम की वेबसाइट अप टू डेट रहने लगी है. लेकिन, इ-म्युनिसिपलिटी योजना कब पूरी की जायेगी या इस पर कितना काम हुआ है, इसे बताने वाला कोई नहीं है.
इस संबंध में कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर नितिन लबडी के मोबाइल नंबर 08108105306 पर संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन काट दिया और पांच बार प्रयास करने के बाद भी प्रोजेक्ट मैनेजर ने कॉल रिसीव नहीं किया. नागरिक सुविधाओं को ऑनलाइन करने के साथ-साथ निगम कार्यालय को भी पेपरलेस किया जाना था. इसके तहत निगम कार्यालय में कंप्यूटर पर ही योजनाओं की फाइल बनती और जूनियर इंजीनियर से लेकर नगर आयुक्त तक उन पर टिप्पणी करते और मंजूर देते.