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आज से आमलोगों के लिए खुल गया बिहार म्यूजियम, दिखेगी विरासत
गर्व करने का एक और मौका, अब शान से देखिए बिहार की विरासत लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा चंद्रगुप्त का सिंहासन और बेशकीमती कलाकृतियां पटना : इतिहास के कई सुनहरे पन्नों और बिहार के विरासत को अपने में समेटे बहुप्रतीक्षित बिहार म्यूजियम मंगलवार से आम दर्शकों के लिए खुल जायेगा. ज्ञात हो कि […]
गर्व करने का एक और मौका, अब शान से देखिए बिहार की विरासत
लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा चंद्रगुप्त का सिंहासन और बेशकीमती कलाकृतियां
पटना : इतिहास के कई सुनहरे पन्नों और बिहार के विरासत को अपने में समेटे बहुप्रतीक्षित बिहार म्यूजियम मंगलवार से आम दर्शकों के लिए खुल जायेगा. ज्ञात हो कि इस म्यूजियम का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गांधी जयंती पर सोमवार को किया. हालांकि इस म्यूजियम के एक चिल्ड्रेन गैलरी का उद्घाटन पूर्व में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2015 में कर चुके हैं.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर का यह म्यूजियम कई मायनों में अनूठा और आकर्षक है. करीब पांच सौ करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ यह म्यूजियम बिहार की पहचान बनने वाला है. ज्ञात हो कि यह म्यूजियम सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है और यह कई मायनों में खास है.
1764 ई तक का इतिहास है इस म्यूजियम में : राज्य के लोगों के लिए बन तक तैयार यह म्यूजियम भव्यता और जानकारियों के मामले में बेहद खास है.
इस म्यूजियम में जहां एक ओर बिहार में मिली हजारों साल पुराने कलाकृतियां देखने को मिलेंगी, वहीं भारतीय इतिहास से संबंधित कई ऐसी जानकारियां होंगी, जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगी. इसमें सन 1764 तक की कलाकृतियों का अवलोकन लोग कर सकेंगे. इसमें राज्य के पारंपरिक विवाह का चित्रण से लेकर छठ पूजा का विवरण, गांधी से जुड़ी पेंटिंग व म्यूजियम का इतिहास देखने को मिलेगा. म्यूजियम के सूत्रों की माने तो सम्राट चंद्रगुप्त का सिंहासन भी लोगों के लिए खास अाकर्षण का केंद्र बनेगा.
प्रवेश के लिए देने होंगे 100 रुपये
अंतरराष्ट्रीय स्तर के बिहार संग्रहालय का दीदार करने के लिये सौ रुपये चुकाने होंगे. कला एवं संस्कृति विभाग के अपर सचिव आनंद कुमार ने बताया कि मंगलवार से आम जनता के लिए संग्रहालय खोल दिया जायेगा. पहले इंट्री फीस 50 रुपये हुआ करती थी. कुछ दिन पहले ही इंट्री फीस बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था, जिस पर सोमवार को निर्णय हो गया. अब इसे बढ़ाकर सौ रुपये कर दिया गया है. मंगलवार से सभी दीर्घाओं का दीदार किया जा सकता है.
म्यूजियम में हैं कई दीर्घाएं
म्यूजियम में कई दीर्घा बनायी गयी हैं. इसमें बाल दीर्घा के अलावा बिहार के विभूतियों पर आधारित बिहारी डायसोपोरा, गांधी जी पर आधारित टेंपररी गैलरी भी बनाये गये हैं, जबकि बाल दीर्घा में बनी कलाकृतियां न केवल बच्चों को आकर्षित करेंगी, बल्कि इससे उनका ज्ञानवर्धन भी होगा. बाल दीर्घा में जानवरों की एकदम सजीव दिखने वाली कलाकृतियाें को रखा गया है. इसके अलावा महापंडित राहुल सांकृत्यायन द्वारा तिब्बत से लाये गये विभिन्न दस्तावेजों को भी इस म्यूजियम में देखा जा सकता है.
म्यूजियम का हर दीर्घा अपने अाप में अनूठा है और इसमें तीन हजार से भी ज्यादा कलाकृतियों को रखा गया है. म्यूजियम में छात्र और एक्सपर्ट्स अध्ध्यन और रिसर्च भी कर सकेंगे. इसकी इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसका अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होना. म्यूजियम की एक और खास बात यह है कि इसमें हर तरफ हरियाली का ख्याल रखा गया है.
एक ही टिकट पर दर्शक पटना म्यूजियम और बिहार म्यूजियम में इंट्री कर सकेंगे. म्यूजियम के अंदर स्वाद के दिवानों के लिए भी खास व्यवस्था की गयी है. म्यूजियम के अंदर बने कैफेटेरिया में दर्शक विभिन्न प्रदेशों के भोजन का भी आनंद ले सकेंगे.
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