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पटना : राज्य के सभी थाने और हाजत में लगेंगे सीसीटीवी
पुलिस मुख्यालय के स्तर पर तैयार कर ली गयी है कार्ययोजना, गृह विभाग की अनुमति का इंतजार पटना : राज्य के सभी 1064 थाने और हाजतों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना का प्रस्ताव तकरीबन तैयार हो गया है. इसके अनुसार, राज्य के सभी बड़े थानों में प्रति थाने 15 और सभी छोटे थानों में […]
पुलिस मुख्यालय के स्तर पर तैयार कर ली गयी है कार्ययोजना, गृह विभाग की अनुमति का इंतजार
पटना : राज्य के सभी 1064 थाने और हाजतों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना का प्रस्ताव तकरीबन तैयार हो गया है. इसके अनुसार, राज्य के सभी बड़े थानों में प्रति थाने 15 और सभी छोटे थानों में 10 कैमरे प्रति थाने लगाये जायेंगे.
इसी फॉर्मूला के आधार पर राज्य के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे. सीसीटीवी लगाने से संबंधित प्रस्ताव को पुलिस मुख्यालय के स्तर पर इसे अंतिम रूप दे दिया गया है. अब इस पर गृह विभाग की अंतिम मुहर लगनी है. इसके बाद इस योजना से संबंधित टेंडर निकाल दिया जायेगा. टेंडर निकालने से लेकर सीसीटीवी की खरीद करने समेत अन्य सभी स्तर के कार्य बेल्ट्रॉन के माध्यम से करवाये जायेंगे. इस योजना पर करीब 140 करोड़ का खर्च आ रहा है.
सभी थानों को मिलाकर करीब 20 हजार से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे. हालांकि, इनकी सटीक संख्या का अंतिम आकलन अभी तैयार किया जा रहा है. यह संख्या थानों की जरूरत, स्थान और उसके आकार या बनावट को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है.
इन सभी कैमरों को जिला स्तरीय कंट्रोल यूनिट और फिर राज्य स्तरीय सेंट्रल मॉनीटरिंग सेंटर से सीधे तौर पर जोड़ा जायेगा. सभी थानों में ये कैमरे स्थान और जरूरत के साथ-साथ सुरक्षा से जुड़ी बातों का समुचित समीक्षा करने के बाद ही लगाये जायेंगे. इसमें थानों में कुछ स्थान खासतौर से चिन्हित किये गये हैं, जहां कैमरे लगाना अनिवार्य होगा. यानी ये स्थान हमेशा कैमरे की निगरानी में रहेंगे. इसमें मुख्य स्थान या गेट, हाजत या बंदीगृह, थाना प्रभारी का कमरा, मालखाना समेत कुछ एक स्थान शामिल हैं.
कैमरों की रिकॉर्डिंग हमेशा ऑन रहेगी, इसे कोई थाना बंद नहीं करेगा. अगर किसी तकनीकी कारणों से कोई कैमरा बंद होता है, तो उसका कारण संबंधित थानों को बताना पड़ेगा. इस योजना को शुरू करने की घोषणा करीब 11 महीने पहले सीएम ने राज्य की विधि-व्यवस्था से जुड़ी समीक्षा के दौरान की थी. इसके बाद से काफी उठा-पटक के बाद यह योजना अब जाकर आकार लेनी लगी है.
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