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बिहार : 62 की जगह 65 में रिटायर्ड हुए प्राचार्यों का कटेगा वेतन
10 तक राजभवन ने विवि से मांगी रिपोर्ट पटना : राज्य के विश्वविद्यालयों में सेवानिवृत्ति उम्र पार करने के बाद भी कई सालों तक काम करने वाले प्राचार्यों से वेतन और पेंशन की राशि से वसूली की जायेगी. इसके लिए राजभवन के साथ-साथ शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है. राजभवन ने विश्वविद्यालयों से 10 […]
10 तक राजभवन ने विवि से मांगी रिपोर्ट
पटना : राज्य के विश्वविद्यालयों में सेवानिवृत्ति उम्र पार करने के बाद भी कई सालों तक काम करने वाले प्राचार्यों से वेतन और पेंशन की राशि से वसूली की जायेगी. इसके लिए राजभवन के साथ-साथ शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है.
राजभवन ने विश्वविद्यालयों से 10 अक्तूबर तक जवाब देने का निर्देश दिया है कि एक्ट के अनुसार जब प्राचार्यों को 62 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाना था तो 65 साल तक उन्होंने कैसे काम किया. विश्वविद्यालयों की ओर से जवाब आने के बाद जहां संबंधित प्राचार्यों से वेतन-पेंशन की वसूली होगी, वहीं तत्कालीन कुलपतियों को भी नोटिस जायेगा. इस मामले में अब तक 38 कॉलेजों के प्राचार्य चिह्नित हुए हैं. ऐसे प्राचार्यों की संख्या 50 से ज्यादा जाने की पूरी संभावना है.
राजभवन और शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो यह पूरा मामला अनियमितता, एक्ट का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन और आपराधिक है. इस पर प्राथमिकी भी दर्ज हो सकती है. विश्वविद्यालयों से क्या जवाब आता है, उसके बाद यह तय किया जायेगा कि इसमें अनियमितता किस स्तर पर थी.
एक्ट में जब साफ-साफ लिखा था कि कॉलेजों के प्राचार्य शिक्षकेतर कर्मचारियों की कोटि में और उनकी सेवानिवृत्ति की उम्र 62 साल निर्धारित थी तो कैसे कोई प्राचार्य 65 साल तक अपनी सेवा दे सकते हैं? इसमें हुई अनियमितता की पूरी जांच कराने की तैयारी की जा रही है. तीन साल तक ज्यादा काम करने वाले करीब 50 प्राचार्यों से राशि की वसूली होगी. प्राचार्यों से सीधी वसूली या फिर पेंशन राशि से कटौती की जा सकेगी.
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