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निजी आईटीआई की जांच के लिए बनेगी टीम

मापदंड पूरा नहीं करनेवाले आईटीआई हो सकता है बंद पटना : मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद निर्धारित मापदंड पूरा नहीं करने वाले निजी आईटीआई पर खतरा मंडराने लगा है. श्रम संसाधन विभाग राज्य के सभी निजी आइटीआइ की टीम बनाकर जांच करेगा. जांच के बाद उसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजा जायेगा. विभाग निर्धारित मानक […]

मापदंड पूरा नहीं करनेवाले आईटीआई हो सकता है बंद
पटना : मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद निर्धारित मापदंड पूरा नहीं करने वाले निजी आईटीआई पर खतरा मंडराने लगा है. श्रम संसाधन विभाग राज्य के सभी निजी आइटीआइ की टीम बनाकर जांच करेगा. जांच के बाद उसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजा जायेगा.
विभाग निर्धारित मानक पूरा नहीं करने वाले आईटीआई की मान्यता रद्द करने की सिफारिश नेशनल काउंसिल वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) को करेगा. राज्य में अभी 1061 निजी आइटीआइ है, जिसमें पौने दो लाख के करीब छात्र पढ़ते हैं. पिछले एक दशक में राज्य में निजी आईटीआई की बाढ़ आ गयी है. राज्य सरकार का सीधा नियंत्रण इनपर नहीं था. इनको मान्यता भी एनसीवीटी से मिलता था. विभाग में पहले भी कई बार शिकायत निजी थी कि निजी आईटीआई मानक के अनुसार नहीं है.
श्रम संसाधन विभाग सिर्फ परीक्षा को लेकर गाइड लाइन जारी करता है. विभागीय सूत्रों के अनुसार जांच में राज्य में जो निजी आईटीआई है उनमें एक चौथाई से अधिक निर्धारित मापदंड को पूरा नहीं करते. खासकर ग्रामीण क्षेत्र में जो आईटीआई है उनके पास सुविधाओं और आधारभूत संरचनाओं में काफी कमी है.
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद अब जल्द ही विभाग में इस मुद्दे को लेकर बैठक होने वाली है. श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि निजी आईटीआई के जांच के लिए जरूरत के हिसाब से टीम बनेगी. जल्द ही टीम जांच शुरू करेगी. जांच टीम में मुख्यालय के साथ-साथ जिले के अधिकारी भी रहेंगे.
आइटीआइ को लेकर सरकार गंभीर
राज्य सरकार आइटीआइ को लेकर गंभीर है. राज्य सरकार सभी जिला में महिला अाइटीआइ व हरेक अनुमंडल में सामान्य आइटीआइ खोल रही है. इस साल 25 नया आइटीआइ खुला.
तीन हजार वर्गफीट का चाहिए वर्कशॉप
निजी आईटीआई में तीन ट्रेड फीटर, इलेक्ट्रिशियन और डीजल मैकेनिक की अधिक पढ़ाई होती है. एक ट्रेड में 42 छात्रों का नामांकन होता है.
मापदंड के अनुसार हरेक ट्रेड के लिए कम से कम 3000 वर्गफीट का सुसज्जित वर्कशॉप होना चाहिए. ऑफिस कंक्रीट का होगा या वर्कशॉप कंक्रीट की जगह शेडनुमा भी हो सकता है. पांच साल पर इसका निरीक्षण होगा. निजी आइटीआइ में उपस्थिति बायोमैट्रिक तरीके से होगा. इसी के आधार पर एडमिट कार्ड मिलेगा. वर्कशॉप में प्रशिक्षण के लिए ट्रेड के अनुसार आधुनिक मशीनें और उनके प्रशिक्षक को रहना है.

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