पटना : देश के सभी परीक्षा बोर्डों का एक दिनी नेशनल कॉन्क्लेव पटना में आयोजित किया गया. इसमें सीबीएसई व आईसीएसई समेत देश के 16 से अधिक परीक्षा बोर्डों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. कॉन्क्लेव के बाद बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि बिहार बोर्ड की सभी परीक्षाओं के लिए अब ‘आधार’ अनिवार्य होगा. हालांकि, वर्ष 2018 की इंटर-मैट्रिक वार्षिक परीक्षा में आधार नंबर नहीं होने पर वैकल्पिक पहचान पत्र जमा करने की छूट मिलेगी, लेकिन वर्ष 2019 से परीक्षा देने के लिए आधार नंबर के बिना रजिस्ट्रेशन भी नहीं किया जायेगा.
करीब नौ घंटे तक परीक्षा की कार्यप्रणालियों पर होती रही चर्चा
बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि सुबह 9.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक करीब नौ घंटे चली बैठक के दौरान बोर्ड प्रतिनिधियों ने परीक्षा पैटर्न में सुधार पर कई महत्वपूर्ण सुझाव साझा किये. एक-दूसरे की परीक्षा कार्य प्रणालियों पर चर्चा करते हुए इसके सकारात्मक व नकारात्मक पहलुओं पर भी चर्चा की गयी. इनसे मिले सुझावों के आधार पर परीक्षा का नेशनल रोडमैप तैयार करने में मदद मिलेगी.
दो वर्ष में पूरी तरह पेपरलेस होगा बिहार बोर्ड
आनंद किशोर ने बताया कि कॉन्क्लेव के दौरान भविष्य में सभी बोर्ड को पेपरलेस करने की योजना पर मुख्य रूप से चर्चा हुई. निर्णय किया गया कि परीक्षा व्यवस्था को पूरी तरह कंप्यूटरीकृत करते हुए मानव बल का कम से कम इस्तेमाल किया जायेगा. ऐसी व्यवस्था विकसित होगी, जिसमें छात्र से लेकर स्कूल प्राचार्य तक कंप्यूटर के क्लिक पर ही सभी काम कर सकें. अगले दो वर्ष के अंदर बिहार बोर्ड को पूरी तरह पेपरलेस कर लिया जायेगा. कॉन्क्लेव के दौरान बिहार बोर्ड के रिजल्ट की सराहना हुई. प्रस्ताव दिया गया कि हर वर्ष किसी न किसी राज्य में यह आयोजन होगा. पहले दो वर्षों के लिए ओड़िशा और गुजरात बोर्ड ने सहमति दी है.
अब जिलास्तर पर बनेगी मेधा सूची, होगा सम्मान
बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि मेधा को प्रश्रय देने के लिए अब राज्य की तरह जिला स्तर पर भी अच्छे रैंक लानेवाले छात्राओं की मेधा सूची बनायी जायेगी और उनको सम्मानित किया जायेगा. साथ ही जिला, विषय व संकाय वार परीक्षा परिणाम का विश्लेषण कर हर साल बुकलेट तैयार किया जायेगा. इससे परीक्षा परिणाम को समझने तथा उसकी विसंगतियों को दूर करने में मदद मिलेगी. यह बुकलेट शिक्षा विभाग से लेकर सभी स्कूल प्राचार्यों व डीइओ को भी भेजे जायेंगे. कॉन्क्लेव में आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, केरल, पश्चिम बंगाल एवं हरियाणा के परीक्षा बोर्ड के साथ-साथ सीबीएसइ व न्यूपा (एनयूइपीए) बोर्ड के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.