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बिहार सृजन घोटाला : मनोरमा देवी, निदेशक समेत ये लोग बने अभियुक्त
पटना : सीबीआई ने सृजन घोटाले मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. इस मामले में फिलहाल 10 अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गयी है, जिनमें सृजन संस्थान की भूतपूर्व निदेशक मनोरमा देवी, सृजन के मौजूदा निदेशक समेत इसमें काम करने वाले सभी स्तर के कर्मचारी, कई बैंकों के ब्रांच मैनेजर, सहरसा भू-अर्जन कार्यालय के तत्कालीन […]
पटना : सीबीआई ने सृजन घोटाले मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. इस मामले में फिलहाल 10 अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गयी है, जिनमें सृजन संस्थान की भूतपूर्व निदेशक मनोरमा देवी, सृजन के मौजूदा निदेशक समेत इसमें काम करने वाले सभी स्तर के कर्मचारी, कई बैंकों के ब्रांच मैनेजर, सहरसा भू-अर्जन कार्यालय के तत्कालीन कैशियर, बड़ा बाबू समेत अन्य स्तर के सरकारी और बैंक कर्मियों को मुख्य रूप से अभियुक्त बनाया गया है. दिल्ली में तैनात सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई की एसपी किरण एस को इसकी जांच की जिम्मेवारी सौंपी गयी है.
इनके नेतृत्व में कई डीएसपी की अलग-अलग टीम तैयार की गयी है, जो इस मामले की जांच हर पहलुओं पर करेगी. एफआइआर दर्ज होने के बाद शनिवार की शाम को ही सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम सहरसा और करीब 15 सदस्यीय टीम भागलपुर पहुंच चुकी है. हालांकि इसकी अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी, क्योंकि टीम ने देर शाम तक अपनी कोई गतिविधि शुरू नहीं की है. समझा जा रहा है कि जब गतिविधि शुरू होगी, तभी सब को इसके बारे में कोई स्पष्ट सूचना मिल सकेगी. इससे संबंधित सभी कागजातों और दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी गयी है.
सीबीआई ने इस मामले में अब तक जो 10 एफआइआर दर्ज की है, उनमें नौ भागलपुर में हैं और एक सहरसा में दर्ज की गयी है. सभी प्राथमिकी आर्थिक अपराध इकाई की तरफ से दर्ज मूल एफआइआर पर ही आधारित है. दर्ज सभी एफआइआर में अलग-अलग अभियुक्त बनाये गये हैं. एक एफआइआर में सृजन महिला विकास समिति की भूतपूर्व निदेशक मनोरमा देवी के अलावा तत्कालीन बैंक और सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है.
अन्य एफआइआर में मुख्य रूप से उन बैंक शाखाओं के तत्कालीन शाखा प्रबंधकों और कर्मचारियों को अभियुक्त बनाया गया है, जिनकी बैंक शाखाओं में मौजूद सरकारी खातों से पैसे सृजन के एकाउंट में ट्रांसफर होने का प्रमाण मिला है. इसके अलावा एक एफआइआर में सहरसा स्थित भू-अर्जन कार्यालय के तत्कालीन कैशियर, बड़ा बाबू समेत सभी कर्मी को भी अभियुक्त बनाया गया है.
सबौर स्थित सृजन के कार्यालय के मौजूदा निदेशक समेत यहां काम करने वाले सभी कर्मचारियों को भी अभियुक्त बनाया गया है. जिन बैंक शाखाओं के ब्रांच मैनेजर समेत अन्य कर्मियों को अभियुक्त बनाया गया है, उसमें सहरसा के बैंक ऑफ बड़ौदा, भागलपुर के घंटाघर और आरपी रोड समेत अन्य स्थानों पर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा और पटेल बाबू पथ समेत अन्य स्थानों पर स्थित इंडियन बैंक शाखा शामिल हैं.
इन आरोपों और धाराओं के तहत दर्ज हुआ मामला
सीबीआई ने सृजन घोटाले में आपराधिक साजिश, साजिशन विश्वासघात, चीटिंग, अत्यंत महत्वपूर्ण एवं गोपनीय जानकारियों के साथ जालसाजी के तहत फर्जीवाड़ा, फर्जी करने के लिए दस्तावेजों का उपयोग करना और नकली कागजों की मदद से बड़े स्तर पर धोखाधड़ी करना जैसे संगीन आरोप लगाये हैं. इसमें आपराधिक षडयंत्र के तहत धोखाधड़ी करने का सबसे संगीन आरोप लगाया गया है. इसमें जो धाराएं लगायी गयी हैं, उनमें 120-बी, 406, 409, 419, 420, 467, 468 और 471 शामिल हैं. इसके अलावा मामले की जांच जैसे-जैसे बढ़ेगी, धाराएं और अभियुक्तों के नाम जुटते चले जायेंगे.
जल्द दर्ज होगी कुछ अन्य एफआईआर
सूचना के अनुसार सीबीआई जल्द ही इस मामले में चार-पांच अतिरिक्त एफआईआर दर्ज कर सकती है. इसमें इस घोटाले में शामिल अन्य स्तर के कई दूसरे लोगों को अभियुक्त बनाया जा सकता है.
इस बात की पूरी संभावना बन रही है कि भागलपुर से जुड़े कुछ बड़े ओहदेदार और सफेदपोश भी इसमें मुख्य अभियुक्त बनाये जा सकते हैं. फिलहाल सीबीआई इस मामले में कई स्तर पर गहन तहकीकात करने के मूड में है, इसके बाद ही अन्य एफआइआर दर्ज की जायेगी. इस मामले की जांच के सिलसिले में सीबीआई की अभी कई टीमें अलग-अलग जिलों और स्थानों पर मौजूद सरकारी कार्यालयों का भ्रमण कर सकती हैं.
पहुंची सीबीआई की टीम, दस्तावेज लिया अपने कब्जे में
भागलपुर : सृजन समिति, बैंक कर्मी और सरकारी विभागों के कर्मचारियों द्वारा सैकड़ों करोड़ सरकारी राशि के धोखाधड़ी मामले में दर्ज हुए केस की जांच के लिए सीबीआई की टीम शनिवार की देर शाम भागलपुर पहुंची. आधा दर्ज अधिकारी एसएसपी आवास पर पहुंचे. उन्होंने एसएसपी से कुछ देर तक मामले की जानकारी ली और पुलिस एवं इओयू द्वारा तैयार किये गये दस्तावेज को अपने कब्जे में ले लिया.
एसएसपी मनोज कुमार ने बताया कि सीबीआइ के और अधिकारी भागलपुर आयेंगे. सीबीआइ की टीम के आने पर सभी डीएसपी भी वहां पहुंचे. एसडीएम भी सर्किट हाउस पहुंचे. सीबीआइ की टीम कुछ ही देर बाद एसएसपी आवास से निकल गयी. इस बात की संभावना है कि टीम शनिवार रात से ही विभिन्न जगहों पर जांच और छापेमारी के लिए जायेगी.
जांच के लिए आ रही सीबीआइ टीम
सहरसा. जिलाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि सृजन घोटाला जांच के लिए पांच सदस्यीय सीबीआइ की टीम शनिवार को ही सहरसा आ रही है, जबकि भागलपुर से ऑडिट की टीम पहुंच चुकी है. उन्होंने बताया कि 28 अगस्त तक जिले के सभी निकासी व व्ययन पदाधिकारियों से खाते का प्रतिवेदन मांगा गया है. इसमें 75 प्रतिशत से अधिक प्रतिवेदन प्राप्त हो चुका है.
उन्होंने कहा कि प्राप्त प्रतिवेदन में किसी तरह की हेराफेरी या गबन का मामला नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी मुख्य कार्यालयों का जांच प्रतिवेदन मिल चुका है. जिन निकासी व व्ययन पदाधिकारियों की ओर से प्रतिवेदन समय पर नहीं दिया जायेगा, उनका वेतन अवरुद्ध करते हुए स्पष्टीकरण पूछा जायेगा. उन्होंने बताया कि 28 अगस्त को रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी जायेगी.
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