पटना: स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर पीएमसीएच में मरीजों को यूनिफॉर्म पहनाने की योजना बनी. लगभग 2200 यूनिफॉर्म लाये गये, लेकिन यूनिफॉर्म मरीजों तक नहीं पहुंचा. सूत्रों के मुताबिक 300 यूनिफॉर्म गायब हो गये,जिसके बाद से मरीजों को यूनिफॉर्म मिलना बंद हो गया. योजना को शुरू करने के पहले परिसर में कार्यशाला हुई थी. कार्यशाला में मेट्रोन, सिस्टर इंचार्ज व नर्सो को दिशा-निर्देश दिया गया था कि कैसे मरीजों को इस योजना से जोड़ा जाये. कुछ दिनों तक इस पर तेजी से काम भी हुआ. बाद में स्थिति पूर्ववत हो गयी. मरीजों के लिए कुरता-पैजामा आया था.
महिलाएं कुरता-पैजामा नहीं पहनती हैं. इस कारण सिस्टर इंचार्ज को परेशानी होती है. महिलाओं के लिए यूनिफॉर्म बदलने की बात भी हो रही है. बच्चों के लिए भी छोटे कपड़े नहीं थे. अधीक्षक ने मेट्रोन को खपत की रिपोर्ट छह माह पहले देने को कहा था ताकि योजना को ठीक से चलाया जा सके. महिला,पुरुष एवं बच्चों के लिए अलग-अलग ड्रेस करने की योजना बन रही है.
अधीक्षक के पास पहुंचा कक्षपाल का मामला
पीएमसीएच के पैथोलॉजी विभाग में कक्षपाल वर्षो से मरीजों की जांच के नाम पर पैसा वसूलता था. राशि शीघ्र रिपोर्ट देने या पहले जांच कराने के नाम पर लेता था. पीएमसीएच अधीक्षक डॉ लखींद्र प्रसाद ने बताया कि कर्मी को पैथोलॉजी विभाग से हटा दिया गया है और आचार संहिता के कारण प्रतिनियुक्ति अपने कार्यालय में कर दी है. उन्होंने बताया कि आरोप की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि कुछ और लोगों की भी शिकायत मिली है. ऐसे सभी कर्मचारियों पर नजर रखी जा रही है.