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BIHAR : हर आठ घंटे में एक महिला से हो रहा रेप

अपराध. प्रदेश में अपहरण और छेड़खानी की दर में भी हो रहा है इजाफा, पुलिस फेल अहले सुबह और ढलती शाम महिलाओं के लिए ज्यादातर खतरनाक विजय सिंह पटना : पिछले दिनाें फतुहा में गैंगरेप के बाद युवती की हत्या की कोशिश की गयी, उसे नदी में फेंक दिया गया. लेकिन, किस्मत उसके साथ रही […]

अपराध. प्रदेश में अपहरण और छेड़खानी की दर में भी हो रहा है इजाफा, पुलिस फेल
अहले सुबह और ढलती शाम महिलाओं के लिए ज्यादातर खतरनाक
विजय सिंह
पटना : पिछले दिनाें फतुहा में गैंगरेप के बाद युवती की हत्या की कोशिश की गयी, उसे नदी में फेंक दिया गया. लेकिन, किस्मत उसके साथ रही और वह बच गयी. लेकिन, उसके साथ हुई दरिंदगी की सच्चाई सबके सामने आयी. जुलाई में समस्तीपुर में शौच को निकली युवती का अपहरण किया गया और बलात्कार के बाद उसे ट्रेन से नीचे फेंक दिया गया. कभी स्कूल जाते वक्त, कभी कोचिंग जाते समय.
हर पल, हर वक्त युवतियाें और महिलाओं पर बुरी नजरें होती हैं. अहले सुबह और ढ़लती शाम का वक्त महिलाओं के लिये ज्यादातर खतरनाक साबित हो रहे हैं. ये वही वक्त हैं, जब महिलाएं अगवा कर ली जाती हैं और फिर सुनसान जगह पर अपराधी अपना मुंह काला करते हैं.
ऐसी घटनाओं की फेहरिस्त अगर साल-दर साल देखें, तो कभी आंकड़े बढ़ जाते हैं, तो कभी घट जाते हैं. लेकिन, पिछले सात सालों में बिहार पुलिस की रिकाॅर्ड में बलात्कार के जो आंकड़े दर्ज हुए हैं उनकी गणना करें, तो औसतन 24 घंटे में तीन महिलाएं बलात्कार की शिकार होती हैं. यह तसवीर पूरे बिहार की है. ये वो आंकड़े हैं जिनका रिकाॅर्ड है, लेकिन सच्चाई यह भी है कि बहुत सी महिलाएं, युवतियां थाने तक पहुंच नहीं पाती हैं या तो पंचायत या फिर थाने के दलाल सबकुछ मैनेज कर देते हैं.
लव, सेक्स और धोखा में फंस रहीं नाबालिग लड़कियां
राजधानी में ऐसी तमाम घटनाएं लगातार हो रही हैं जिनमें कम उम्र की लड़कियों को हवस का शिकार बनाया जा रहा है. ऐसा करनेवाले उनके कथित प्रेमी होते हैं, जो पहले प्रेम का झूठा नाटक करते हैं और शादी का झांसा देकर यौनशोषण करते हैं. तीन महीने, छह महीने और कुछ मामले में तो साल भर तक युवतियां हवस की शिकार बनती है.
पटना में बीए की छात्रा को झांसा देकर श्वान दस्ते के सिपाही सागर गहलोत ने भी ऐसा भी किया. मंदिर में शादी की, महेंद्रु स्थित क्वार्टर में पत्नी बना कर रखा और एक साल बाद दूसरी शादी कर ली. पुलिस उसे अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है. ऐसी तमाम घटनाएं हैं जिसमें अपने ही प्रेमी के हाथों युवतियां बलात्कार की शिकार हुई हैं. उन्हें अश्लील वीडियो बना कर ब्लैकमेल भी किया जाता है.
छेड़खानी रोकने में पुलिस फेल, नहीं सुरक्षित हैं युवतियां : राजधानी की सड़कों पर कैमरे हैं, पुलिस की तैनाती है, लेकिन फिर भी छेड़खानी की घटनाएं नहीं रुक रही है. साल दर साल इन घटनाओं में इजाफा हो रहा है. घर से लेकर स्कूल तक उन पर बुरी निगाहें होती है. सिर्फ 2015 और 2016 के आंकड़े को देखें, तो क्रमश: छेड़खानी के 206 और 342 केस दर्ज हुए है. पुलिस की कोशिश जरूर है, लेकिन घटनाओं का ग्राफ बढ़ता जा रहा है.

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