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राज्य में हैं अवैध वधशाला, पकड़े जाने पर होगा मुकदमा : पारस

पटना : पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि राज्य में संचालित अवैध वधशालाओं की जानकारी सरकार एकत्र कर रही है. ऐसे अवैध वधशालाओं की जानकारी मिलने पर उनके खिलाफ मुकदमा किया जायेगा. उन्होंने बताया कि आरा में ट्रक पर पकड़ा गया मांस किसी अवैध वधशाला का हो सकता है. […]

पटना : पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि राज्य में संचालित अवैध वधशालाओं की जानकारी सरकार एकत्र कर रही है. ऐसे अवैध वधशालाओं की जानकारी मिलने पर उनके खिलाफ मुकदमा किया जायेगा.
उन्होंने बताया कि आरा में ट्रक पर पकड़ा गया मांस किसी अवैध वधशाला का हो सकता है. वहां से पकड़े गये मांस को जांच के लिए भेजा गया है. जांच रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है.
उसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. मंत्री बनने के बाद पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पशुपति कुमार पारस ने बताया कि वधशालाओं का लाइसेंस नगर निकायों द्वारा दी जाती है. ऐसे में अभी उनके विभाग के पास वधशालाओं की सूची उपलब्ध नहीं है. इसे नगर विकास एवं आवास विभाग से मंगाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि गौ वध को लेकर 1956 में कानून बना था.
तब से ही गाय, बछड़ा और सांड के वध पर रोक लगी है. इसमें उन जानवरों को इससे छूट दी गयी है जो 15 वर्ष से अधिक उम्र के है और उनका कोई उपयोग नहीं रह गया है अथवा बीमार हैं. अब इसे कड़ाई से लागू करने के लिए कमेटी का गठन किया जायेगा.
मंत्री ने कहा कि यह विभाग शुरू से ही चर्चित रहा है. 20 वर्ष पहले देश व विदेश में चर्चित रहा है. अब इसे अच्छे रूप में स्थापित करना है. यह गरीबों का विभाग है.
इस मौके पर उपस्थिति विभाग की सचिव एन विजय लक्ष्मी ने बताया कि राज्य में पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई हो रही है. राज्य स्तर पर और जिला स्तर पर कमेटी बना दी गयी है. तस्करी से लेकर अन्य तरह के पकड़े जानेवाले जानवरों के रखरखाव के लिए जिलों को राशि भेजी गयी है. पटना जिला में 50 लाख दिया गया है.
राज्य में होगा दोगुनी मछली का उत्पादन
विभाग की सचिव एन विजय लक्ष्मी ने बताया कि राज्य में नयी तकनीक से मछली का उत्पादन किया जायेगा. इयरलिंक्स तकनीक के उपयोग करने से मछली का उत्पादन दोगुना हो जायेगा. इसमें मछली के बच्चों का वैज्ञानिक तरीके से पालन करने के बाद तालाब या जलाशय में डाला जायेगा. इससे साल में दो बार उत्पादन लिया जा सकेगा.
उन्होंने बताया कि राज्य 2020-21 तक 7.7 लाख मीट्रिक टन हो जायेगा. आज भी बिहार 25 हजार टन मछली का निर्यात नेपाल और पश्चिम बंगाल को करता है. इसके साथ ही विभाग ने मुसल्हरपुर हाट में एक मछली बाजार के निर्माण करायेगा.
52 लोग शराब की दुकान बंद कर सुधा का दूध बेच रहे हैं
कंफेड की एमडी सीमा त्रिपाठी ने बताया कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी होने के बाद 1960 लोगों ने सुधा के बूथ के लिए आवेदन किया था. इसमें से 66 लोगों के आवेदन को स्वीकृत किया गया जबकि वर्तमान में 52 शराब के कारोबारी ही सुधा का बूथ चला रहे हैं.
उन्होंने बताया कि किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए दूध के मानकों में छूट दी गयी है. पूर्व में फैट की मात्रा को 3.5 से घटाकर 3.2 कर दिया गया है.
इसी तरह से एसएनएफ की मात्रा को भी अब कम करके 8.3 कर दिया गया है. राज्य में दुग्ध के पाउच के उत्पादन में 10.41 फीसदी की वृद्धि हुई है जबकि मार्केटिंग में भी 10.95 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी है.

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