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ब्रजेश की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

फैसला. दलित लड़की से दुष्कर्म मामले में कांग्रेस नेता को राहत नहीं, आत्मसमर्पण का निर्देश पटना : हाइकोर्ट ने दलित लड़की से दुष्कर्म मामले में अभियुक्त बनाये गये कांग्रेस नेता ब्रजेश पांडेय उर्फ बृजेश कुमार व मृणाल किशोर को किसी भी प्रकार का राहत देने से साफ तौर पर इनकार करते हुए अग्रिम जमानत याचिका […]

फैसला. दलित लड़की से दुष्कर्म मामले में कांग्रेस नेता को राहत नहीं, आत्मसमर्पण का निर्देश
पटना : हाइकोर्ट ने दलित लड़की से दुष्कर्म मामले में अभियुक्त बनाये गये कांग्रेस नेता ब्रजेश पांडेय उर्फ बृजेश कुमार व मृणाल किशोर को किसी भी प्रकार का राहत देने से साफ तौर पर इनकार करते हुए अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने दोनों को निचली अदालत में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है. जस्टिस विनोद कुमार सिन्हा की एकलपीठ ने ब्रजेश पांडेय व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.
गौरतलब है कि बिहार के इस बहुचर्चित दुष्कर्म कांड का मुख्य अभियुक्त निखिल प्रियदर्शी है. मामले में निखिल के अलावा उसके भाई तथा पिता को अभियुक्त बनाते हुए मामला दर्ज कराया गया था. बाद में पीड़िता ने इस कांड में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष ब्रजेश पांडेय, मृणाल किशोर तथा संजीत कुमार के शामिल होने की बात बतायी थी.
आरोपों के बाद ब्रजेश पांडेय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. गिरफ्तारी से बचने को अंडर ग्राउंड हो गये हैं. पीड़िता का आरोप है कि ब्रजेश पांडेय और निखिल प्रियदर्शी सेक्स रैकेट चलाते हैं. उसमें बिहार के कई रसूखदार नेता और ब्यूरोक्रेट भी शामिल हैं. पुलिस ने इस मामले में एसआइटी गठित कर जांच शुरू की.
पटना : हाइकोर्ट ने लोकसभा चुनाव 2009 में लोजपा प्रत्याशी रहे फिल्म डायरेक्टर प्रकाश झा के पास से मिले 10 लाख से अधिक की राशि मामले में दर्ज प्राथमिकी पर निचली अदालत के फैसले को खारिज कर दिया.
कोर्ट ने प्रकाश झा को राहत देते हुए निचली अदालत की ओर से लिये गये संज्ञान तथा उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को निरस्त कर दिया. जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह की एकलपीठ ने प्रकाश झा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया. गौरतलब है कि वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रकाश झा लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे.
प्रचार के दौरान 22 अप्रैल को बेतिया स्थित गेस्ट हाउस से इनके पास से करीब 10, 25,350 रुपये पुलिस ने जब्त की थी. इन पर यह आरोप लगाया गया था कि इन्होंने यह पैसा चुनाव में मतदाताओं को वोट के बदले वितरित करने को रखा है. इस मामले को लेकर 22 अप्रैल, 2009 को बेतिया थाने में एक प्राथमिकी भी दर्ज की गयी. इस प्राथमिकी पर बेतिया के एसीजेएम ने संज्ञान ले लिया था तथा पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट भी अदालत के समक्ष प्रस्तुत कर दिया था.

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