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खुद नहीं तोड़ा, तो नगर निगम चलायेगा हथौड़ा

पटना: शहर में इनकम टैक्स के किदवईपुरी स्थित होटल नेश इन को हाइकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद अब निगम ने कार्रवाई की शुरुआत कर दी है. नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने बताया कि हाइकोर्ट ने रिव्यू में पुराने फैसले को ही बरकरार रखा है. अब निगम होटल व बिल्डर को नोटिस देकर 15 […]

पटना: शहर में इनकम टैक्स के किदवईपुरी स्थित होटल नेश इन को हाइकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद अब निगम ने कार्रवाई की शुरुआत कर दी है. नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने बताया कि हाइकोर्ट ने रिव्यू में पुराने फैसले को ही बरकरार रखा है. अब निगम होटल व बिल्डर को नोटिस देकर 15 दिनों का समय देगा. इतने दिनों के अंदर बिल्डर और मालिक को होटल के अवैध निर्माण को तोड़ कर निगम को सूचना देनी होगी. अगर तय समय के अंदर कार्रवाई नहीं होती है, तो नगर निगम अपने स्तर से अवैध निर्माण को तोड़ेगा और इसमें जितना पैसा लगेगा, वह बिल्डर को ही देना होगा.
तीन वर्ष पहले आया था तोड़ने का फैसला : होटल नेश इन पर वर्ष 2014 की जुलाई में कार्रवाई का फैसला नगर आयुक्त के कोर्ट से आया था. इसके बाद कानूनी पेच का सहारा लेकर बिल्डर ट्रिब्यूनल व हाइकोर्ट में मामले को ले जाता रहा. लेकिन, इस बार हाइकोर्ट से भी राहत नहीं मिलने के बाद निगम को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ रही है. नगर आयुक्त ने बताया कि भले ही बिल्डर सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की कोशिश करे, लेकिन निगम उससे पहले ही कार्रवाई को अंजाम देगा.
पहले एकलपीठ, फिर एलपीए ने नगर आयुक्त के फैसले को ठहराया वैध
नगर आयुक्त के कोर्ट के फैलने के बाद मामला ट्रिब्यूनल से होते हुए हाइकोर्ट तक पहुंच गया. इसके बाद बीते वर्ष जुलाई माह में हाइकोर्ट की एकलपीठ ने नगर आयुक्त के कोर्ट के फैसले को वैध ठहराया. हाइकोर्ट के फैसले के बाद भी नगर निगम ने निर्माण के अवैध हिस्से को तोड़ने की कार्रवाई शुरू नहीं की. निगम प्रशासन निर्माणकर्ता को एलपीए में अपील करने का इंतजार करता रहा, फिर वर्ष 2016 में अक्तूबर माह में हाइकोर्ट के एलपीए के अपील को बरखास्त कर दिया और पूर्व के न्यायालयों के फैसले को बरकरार रखा. बावजूद इसके निगम ने कार्रवाई शुरू नहीं की.
तीस दिनों के भीतर तोड़ने का था आदेश
आयकर गोलंबर के पास अपार्टमेंट के नक्शे पर होटल का निर्माण किया गया है. मामले पर निगम ने संज्ञान लेते हुए अवैध निर्माण पर निगरानीवाद 139 ए/2013 दायर किया गया था. जांच में नक्शा से लेकर सहकारी गृह निर्माण समिति की भूमि पर बहुमंजिली इमारत बनाने का मामला आया. वहीं, अपार्टमेंट की जगह होटल (नेश इन) बनाने का मामला भी बना. साथ ही जी प्लस छह की जगह जी प्लस आठ का निर्माण किया गया है. इसकी सुनवाई करते हुए आयुक्त के कोर्ट ने जुलाई, 2014 में निर्माण कार्य को तत्काल रोकते ऊपरी दो तल्ले व सेटबैक विचलन को 30 दिनों के भीतर तोड़ने का आदेश दिया था.
अनिसाबाद स्थित होटल पाटलिपुत्र पर निगरानीवाद शुरू : नगर निगम ने अनिसाबाद स्थित होटल पाटलिपुत्र काॅटिनेंटल पर भी निगरानीवाद शुरू कर दिया गया है. नगर अायुक्त ने बताया कि होटल मालिक को नोटिस देख कर बुलाया गया था, फिर से नापी की गयी है. दोबारा निगम की कार्रवाई में भाग नहीं लेने पर कार्रवाई की जायेगी.

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