पटना : अब गंगा नदी से जुड़ी आपराधिक गतिविधियों पर पुलिस की विशेष नजर होगी. इसके लिए सेंट्रल रेंज के डीआइजी राजेश कुमार ने माय गंगा नाम से प्रोजेक्ट शुरू किया है. इसका वर्क प्लान तैयार हो गया. इस संबंध में शनिवार की दोपहर पटना के एनआइटी घाट पर एक बैठक किया गया. इस दौरान […]
पटना : अब गंगा नदी से जुड़ी आपराधिक गतिविधियों पर पुलिस की विशेष नजर होगी. इसके लिए सेंट्रल रेंज के डीआइजी राजेश कुमार ने माय गंगा नाम से प्रोजेक्ट शुरू किया है. इसका वर्क प्लान तैयार हो गया. इस संबंध में शनिवार की दोपहर पटना के एनआइटी घाट पर एक बैठक किया गया.
इस दौरान दीघा, बुद्धा कॉलोनी, पीरबहोर, फतुहा, बाढ़, मोकामा, पंचमहला समेत गंगा नदी से जुड़े सभी थानेदार, डीएसपी, एएसपी इसमें शामिल रहे. डीआइजी ने इस दौरान सभी थानेदारों को वर्क प्लान के हिसाब से काम करने का निर्देश दिया है.
डीआइजी ने करीब चार घंटे तक बैठक किया. इस दौरान बताया कि गंगा नदी में चलने वाली नाव से अपराधियों का मूमेंट होता है. तस्करी की जाती है. गांजा व शराब भी इधर से उधर होता है. इसके अलावा दियारा इलाके में अपराधी शरण लेते रहे हैं. इस तरह से तमाम बिंदुओं पर काम होगा. डीआइजी ने कहा जब नदी में पानी कम हो जाता है तो छोटे-छोटे पॉकेट बन जाते हैं, यहां से बालू खनन काम होता है. कुछ जगहों पर अतिक्रमण जैसी शिकायत मिलती हैं. इन सब गतिविधियों पर लगाम लगाने की जरूरत है.
डॉलफिन के संरक्षण को एनजीओ से भी ली जायेगी मदद : डीआइजी ने कहा कि गंगा नदी में साफ-सफाई के लिए एेसे एनजीओ से भी संपर्क किया जायेगा जो पहले से इस कार्य से जुड़े हैं. पर्यावरण पर काम करने वाले लोग हैं उनसे भी पुलिस को समन्वय बनाना होगा. इस मुद्दे पर डीआइजी ने लंबी चरचा की है और सभी थानेदारों को गंगा से जुड़े इस वर्क प्लान पर काम करने का कड़ा निर्देश दिया है.