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निजी स्कूलों की मनमानी रोकने को सरकार क्या कर रही उपाय
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने सीबीएसइ व आइपीएस से संबद्ध विद्यालयों में शिक्षा के नाम पर बरती जा रही अनियमितता के मामले में सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई का ब्योरा मांगा है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन व जस्टिस डाॅ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने दीपक कुमार व अन्य की दायर […]
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने सीबीएसइ व आइपीएस से संबद्ध विद्यालयों में शिक्षा के नाम पर बरती जा रही अनियमितता के मामले में सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई का ब्योरा मांगा है.
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन व जस्टिस डाॅ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने दीपक कुमार व अन्य की दायर लोकहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया की प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा के नाम पर लूट मचायी जा रही है. प्राइवेट स्कूलों में मनमाने तरीके से फीस वसूली, छात्रों का प्रतिवर्ष नामांकन, प्राइवेट पब्लिकेशन की किताबें, ड्रेस आदि स्कूल से खरीदने के लिए अभिभावकों को बाध्य किये जाने का मामला लगातार प्रकाश में आ रहा हैं. परंतु इन स्कूलों की कार्यप्रणाली के निर्धारण हेतु अभी तक सरकार की ओर से कोई नियमन नहीं बनाया गया है.
गणित और जीव विज्ञान के शिक्षकों की बहाली नहीं होने पर शिक्षा विभाग तलब : पटना
हाइकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में गणित और जीव विज्ञान के रिक्त पदों के रहने के बावजूद अब तक बहाली नहीं किये जाने के मामले को गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने 28 जुलाई को शिक्षा विभाग के सचिव और प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक को अदालत में उपस्थित होकर जवाब देने का निर्देश दिया है. न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने रविकांत कुमार, सौरभ कुमार व अन्य की ओर से दायर अवमाननावाद पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
पटना : पटना हाइकोर्ट ने शिक्षा विभाग के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें जीविका की दीदियों को जिम्मेवारी दी गयी है. कोर्ट ने सरकार को छह सप्ताह के भीतर यह बताने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार बताये कि शिक्षकों को शिक्षण कार्य से इतर कोई अन्य कार्य नहीं करने के लिये क्या कार्रवाई कर रही है? जस्टिस एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की एकलपीठ ने बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि बिहार सरकार की शिक्षा विभाग ने जीविका समूह के सामाजिक कार्यसमिति को सभी प्राथमिक विद्यालयों का निरीक्षण करने एवं अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा करने का आदेश एक अधिसूचना प्रकाशित कर दिया है. जबकि, जीविका स्वयं एक एनजीओ है जो सरकारी सहायता के माध्यम से संचालित हो रही है. ऐसे में वह सरकारी कर्मचारियों के कार्यकलापों का निरीक्षण और अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा कैसे कर सकता है.
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