पटना: अगर आप बैंकों के माध्यम से पैसे का लेन-देन करते हैं, तो सावधान हो जाएं. 31 मार्च को पांच बजे के बाद भारतीय स्टेट बैंक के केंद्रीयकृत मॉनीटरिंग ऑफिस का सर्वर काम करना बंद कर देगा.
इसके बाद बैंक की सभी शाखाओं का इंटर कनेक्टिंग लिंक फेल हो जायेगा और पैसे का लेन-देन रुक जायेगा. एक अप्रैल को वार्षिक लेखा बंदी घोषित है. इस दिन बैंक केवल अपना लेखा-जोखा दुरुस्त करेगा, ग्राहकों का कामकाज नहीं होगा. यानी, दो अप्रैल से ही बैंकों में पैसे का ट्रांजेक्शन शुरू होगा.
सरकार की अग्रिम व्यवस्था : एसबीआइ प्रबंधन ने राज्य सरकार को आगाह किया है कि वित्तीय कार्य यानी जितने भी सरकारी बिल हैं, उनका भुगतान शाम पांच बजे तक कराना सुनिश्चित कर लें, नहीं तो इसके बाद परेशानी होगी. सरकार ने भी सभी विभागों से कह रखा है कि जितने भी सरकारी बिल हैं, उन्हें 15 मार्च तक ट्रेजरी में जमा करा दें, ताकि समय सीमा के अंदर प्रक्रिया को पूरा कर उसकी निकासी हो सके. सरकार के आदेश का उद्देश्य है कि वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में वित्तीय स्थिति नियंत्रण में रहे तथा जाली दस्तावेज के आधार पर अवैध निकासी हो. अवैध निकासी को रोकने व कोषागार में फर्जी निकासी पर नजर रखने के लिए निगरानी विभाग ने भी अपनी टीम तैनात कर रखा है.
सरकारी व निजी प्रतिष्ठानों की होती है एकाउंट क्लोजिंग : इधर, एसबीआइ बैंक प्रबंधन ने सरकार को आगाह किया है कि मुंबई के बेलापुर स्थित केंद्रीयकृत सर्वर 31 मार्च को शाम पांच बजे के बाद काम करना बंद कर देगा. मार्च के अंतिम दिन बैंकों से सबसे ज्यादा गैर योजना मद यानी वेतन, भत्ता, सामान की खरीदारी, विकास योजनाओं की राशि की निकासी को लेकर कोषागारों में अत्यधिक भीड़ रहती है. पटना की ही बात करें, तो विकास भवन, सिंचाई भवन, विश्वेश्वरैया भवन, पटना समाहरणालय आदि कोषागारों से ही मूल रूप से राशि की निकासी होती है. निजी प्रतिष्ठानों में भी बैंकों से वित्तीय लेन- देन व वार्षिक खाता बंदी 31 मार्च को होता है. इसके चलते भी बैंकों में भीड़ भाड़ रहेगी.