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इंटर रिजल्ट : इसी साल से 3000 हाइस्कूलों में इ-लर्निंग, 1000 में वर्चुअल क्लास

िशक्षा मंत्री ने िदया स्क्रूटनी फीस Rs 120 से घटा Rs 70 करने का निर्देश एक्शन प्लान को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ मंत्री की बैठक पटना : शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने कहा कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा में सुधार के लिए प्रधान सचिव आरके महाजन को जल्द ही कमेटी […]

िशक्षा मंत्री ने िदया स्क्रूटनी फीस Rs 120 से घटा Rs 70 करने का निर्देश
एक्शन प्लान को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ मंत्री की बैठक
पटना : शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने कहा कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा में सुधार के लिए प्रधान सचिव आरके महाजन को जल्द ही कमेटी बनाने को कहा गया है. शिक्षा विभाग छात्रों की समस्या को दूर करने के लिए एक्शन प्लान बना रहा है. राज्य में चालू वर्ष में तीन हजार हाइस्कूलों में इ-लर्निंग और एक हजार हाइस्कूलों में वर्चुअल क्लास की व्यवस्था की जायेगी.
प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को अब माध्यमिक शिक्षा की भी जिम्मेवारी मिलेगी. किसी तरह की गड़बड़ी होने पर शिक्षक से लेकर बीइइओ तक को जवाब देना होगा.
डाॅ चौधरी ने मंगलवार को विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में शिक्षा मंत्री ने इंटर की कंपार्टमेंटल परीक्षा जुलाई के पहले सप्ताह और उसका रिजल्ट जुलाई के अंतिम सप्ताह में जारी करने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने स्क्रूटनी की फीस 120 रुपये से घटा कर 70 रुपये करने का निर्देश दिया है. स्क्रूटनी के लिए 30 जून तक का समय दिया गया है. डॉ चौधरी ने स्क्रूटनी में जेइइ व नीट में पास परीक्षार्थियों को प्राथमिकता देने और 15 जून तक उनका रिजल्ट देने का निर्देश दिया है.
प्रथम श्रेणी से मैट्रिक परीक्षा पास कराने के लिए लेते थे 10 से 30 हजार रुपये
समस्तीपुर : आर्ट्स टॉपर गणेश कुमार के आरएनजेएसएन उच्च माध्यमिक विद्यालय, चकहबीब के प्रिंसिपल और कमेटी के सदस्यों की तलाश में पटना पुलिस की टीम छापेमारी कर रही है. सूत्रों की मानें तो पुलिस ने एक रजिस्टर बरामद किया है, जिसमें कई छात्रों का नामांकन है.
इनसे नौवीं में फाॅर्म भराने से लेकर मैट्रिक में प्रथम श्रेणी से पास कराने के लिए आठ हजार से 30 हजार रुपये लेने का हिसाब है. इसकी जांच चल रही है. वित्तरहित विद्यालय होने के कारण फॉर्म और दाखिले के नाम पर अभिभावकों से वसूली होती थी. उक्त विद्यालय में धांधली और फर्जीवाड़े की शिकायत 2015 से की जा रही है. मुखिया ने डीइओ, बोर्ड ऑफिस में भी शिकायत की थी.
हालांकि, डीइओ बीके ओझा ने शिकायत करने से संबंधित बातों को सिरे से खारिज किया है. मालूम हो कि यह विद्यालय भाजपा नेता जवाहर प्रसाद सिंह का है. उनका बेटा अभितेंद्र ही यहां का प्रभारी प्रिंसिपल है. प्राथमिकी के बाद दोनों फरार हैं.
इधर, माध्यमिक शिक्षा के निदेशक (प्रशासन) ने संजय गांधी हाइस्कूल, लक्ष्मीनिया, शिवाजीनगर की हेडमास्टर देव कुमारी को पत्र भेज कर आर्ट्स टॉपर गणेश कुमार की उम्र में हेराफेरी मामले में स्पष्टीकरण पूछा है. साथ ही कई बिंदुओं पर जबाव तलब करते हुए एक सप्ताह में जवाब मांगा गया है. पूछा गया है कि ऐसी गड़बड़ी के लिए क्यों न संबद्धता रद्द कर दी जाये. मालूम हो कि इसी विद्यालय से गणेश ने 2015 में जन्मतिथि बदल कर दोबारा मैट्रिक परीक्षा दी थी.
पटना : इंटर की कंपार्टमेंटल परीक्षा तीन से 13 जुलाई तक ली जायेगी. इसके लिए आठ से 14 जून तक आॅनलाइन फॉर्म जमा होगा. बिहार बोर्ड के अनुसार जो परीक्षार्थी अधिकतम दो विषयों में फेल हुए हैं, वही यह परीक्षा दे पायेंगे. कंपार्टमेंटल परीक्षा में वे विद्यार्थी भी शामिल हो सकेंगे, जिनका रजिस्ट्रेशन तो 2017 की इंटर परीक्षा के लिए हुआ था, लेकिन परीक्षा फाॅर्म नहीं भरने के कारण परीक्षा में शामिल नहीं हो पाये थे. ऐसे विद्यार्थी सारे विषयों की परीक्षा में शामिल होंगे. मालूम हो कि इंटर परीक्षा के लिए लगभग 14 लाख परीक्षार्थियों का रजिस्ट्रेशन हुआ था, लेकिन ढाई लाख परीक्षार्थी फाॅर्म नहीं भर पाये थे.
नौ से शुरू होगी स्क्रूटनी
इंटर की कॉपियों की स्क्रूटनी नौ जून से शुरू होगी. बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि कम अंक लाने वाले परीक्षार्थियों से अभी स्क्रूटनी का आॅनलाइन और ऑफलाइन आवेदन लिया जा रहा है. आवेदन की प्रक्रिया 12 जून तक चलेगी. आवेदन के अनुसार उत्तरपुस्तिका को लोकेट किया जा रहा है. साथ ही स्क्रूटनी का काम नौ जून से जिला स्तर पर की जायेगी. इसको लेकर बुधवार को सभी जिलों के डीएम और डीइओ के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग होगी. बोर्ड अध्यक्ष ने कहा पहले जेइइ और नीट में सफल अभ्यर्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं की स्क्रूटनी की जायेगी.
कंपार्टमेंटल नहीं लिखा रहेगा प्रमाणपत्र और अंकपत्र पर : पहली बार बिहार बोर्ड ने अंकपत्र और प्रमाणपत्र पर ‘कंपार्टमेंटल’ दर्ज नहीं करने का फैसला लिया है. बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि इस बार कंपार्टमेंटल परीक्षा को स्पेशल एग्जाम के तौर पर लिया जा रहा है. ऐसे में प्रमाणपत्र पर कंपार्टमेंटल नहीं लिखा रहेगा. इसका फायदा छात्रों को बाद में नामांकन लेने में होगा.

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