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जी प्लस थ्री भवनों का नक्शा नहीं हुआ ऑनलाइन
पटना : राज्य में बिल्डिंग बायलॉज लागू हो गया है. किसी भी नगरपालिका में बिल्डिंग बॉयलॉज के अनुसार ही नक्शा पास किया जा रहा है, पर सरकार के आदेश के नौ माह बाद भी किसी नगर निकाय ने एक भी भवन के नक्शे को ऑनलाइन नहीं किया है. नगर विकास एवं आवास विभाग ने भवनों […]
पटना : राज्य में बिल्डिंग बायलॉज लागू हो गया है. किसी भी नगरपालिका में बिल्डिंग बॉयलॉज के अनुसार ही नक्शा पास किया जा रहा है, पर सरकार के आदेश के नौ माह बाद भी किसी नगर निकाय ने एक भी भवन के नक्शे को ऑनलाइन नहीं किया है. नगर विकास एवं आवास विभाग ने भवनों के नक्शा पास करने में अधिक पारदर्शिता को लेकर सभी निकायों को निर्देश दिया है.
नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने सभी नगर निगमों के नगर आयुक्तों, सभी नगर परिषद और नगर पंचायतों के कार्यपालक पदाधिकारियों को निर्देश दिया था कि सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर जी प्लस थ्री या 11 मीटर से ऊंचे भवनों के नक्शों को वेबसाइट पर अपलोड किया जाये.
नगर निकायों को यह भी कहा गया था कि इस प्रकार के भवनों के नक्शे को स्वीकृति के बाद विभाग द्वारा निर्धारित फार्मेट में सूचना को दर्ज करते हुए नक्शे के हर तल्ले के प्लान को स्कैन करके उसकी शॉफ्ट कापी को पीडीएप फार्म में अपलोड करना है. इस प्रकार के भवनों के लिए यह कार्रवाई करने के बाद ही अन्य भवनों के लिए यह कार्य किया जायेगा.
जी प्लस थ्री भवनों के फार्मेट में स्वीकृति का वर्ष, आवेदक, स्वामी, निर्माता का नाम एवं पता, भवन का नाम यदि कोई हो तो, प्लान केस नंबर, नक्शा पर हस्ताक्षरित तकनीकी कर्मी का नाम एवं स्ट्रक्चरल अभियंता का नाम, पंजीकरण संख्या के साथ दर्ज करना है.
भूखंड का मौजा, सर्वे प्लॉट नंबर, खाता नंबर, थाना नंबर, भूखंड के सामने सड़क की चौड़ाई, भूखंड के सामने अवस्थित सड़क का नाम, भवन का प्रकार, बेसमेंट की स्थिति, बेसमेंट की संख्या व ऊंचाई, तलों की संख्या एवं भवन की ऊंचाई, फ्लोर एरिया रेसियो और ग्राउंड कवरेज, स्वीकृति आदेश की तिथि और अपलोड करने की तिथि को दर्ज करना है.
प्रधान सचिव द्वारा दिये गये निर्देश के नौ माह बाद भी विभाग के वेबसाइट पर एक भी इस प्रकार के बिल्डिंग का नक्शा अपलोड नहीं किया गया है. विभाग ने यह भी निर्धारित किया है कि अब कोई भी नक्शा पास करने के लिए ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार किये जायेंगे. पर अधिकारियों द्वारा इस मामले में पारदर्शिता का पालन नहीं किया जा रहा है. स्थिति यह है कि पारदर्शी व्यवस्था नहीं होने के कारण विभाग के यह सूचना नहीं है कि किस शहर में जी प्लस थ्री के कितने भवनों के नक्शे की स्वीकृति दी गयी है. इधर विभाग पदाधिकारियों का कहना है कि कर्मियों की कमी के कारण नक्शों को अपलोड नहीं किया जा रहा है. इसके साथ ही नगर निकायों में इसके लिए संरचना की जानी है.
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