15 हजार किलोलीटर पानी की जरूरत
शहर में प्रतिदिन 15 हजार किलोलीटर पेयजल की आवश्यकता है, जिसकी पूर्ति लोग निजी हैंडपंप व मोटर से करते हैं. पीएचइडी द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, बिजली उपलब्ध रहने पर प्रतिदिन दो हजार 864 किलोमीटर पानी ही सप्लाइ हो पाती है. यानी आंकड़ों के मुताबिक भी पीएचइडी पूरे शहर की प्यास बुझाने में सक्षम नहीं है.
कई वार्डो में नहीं बिछा पाइप
शहर के कई बड़े मुहल्लों में पीएचडी द्वारा सप्लाइ पाइप बिछाया ही नहीं गयी है. शहर के विस्तार के बाद वार्डो की संख्या 33 हो गयी, लेकिन वाटर सप्लाइ कई वार्डो तक पहुंचा ही नहीं है. न्यू एरिया, नवीननगर, गढ़पर, माल गोदाम आदि कई बड़े मुहल्ले हैं, जहां वाटर सप्लाइ पाइप लाइन ही नहीं बिछी है. इन क्षेत्रों में अब भी सरकारी नलों से पानी गिरने का इंतजार है.
उच्च प्रवाही नलकूप से आपूर्ति
नगर भवन में आठ उच्च प्रवाही नलकूपों की मदद से पानी की सप्लाइ होती है. नलकूपों को संचालित करने के लिए अलग-अलग कर्मचारी नियुक्त हैं. साढ़े सात हॉर्स पावर से 35 हॉर्स पावर तक के मोटर की मदद से पूरे शहर में पानी की सप्लाइ होती है. सर्किट हाउस, नगर थाना परिसर, समाहरणालय, मिर्जापुर, पार नवादा बुंदेलखंड, हरिश्चंद्र स्टेडियम, ऑफिसर कॉलोनी, विजय बाजार व सदर अस्पताल में नलकूप हैं, जो बिजली रहने पर ही पानी की सप्लाइ करते हैं.
प्राइवेट सप्लायरों की चांदी
शहर में शुद्ध पेयजल आपूर्ति का करोबार बढ़ गया है. दुकानों व विभिन्न कार्यालयों में लोग महंगे दामों पर पानी खरीदने को मजबूर हैं. 20 लीटर के गैलन के माध्यम से फिल्टर पानी सप्लाइ किया जाता है. इसकी कीमत 25 से 30 रुपये वसूले जाते हैं. सार्वजनिक स्थानों पर हैंडपंप या नल की कमी के कारण लोग बोतलबंद पानी खरीदने को विवश हैं.
पानी सप्लाइ का समय
सर्किट हाउस नलकूप के ऑपरेटर राजेंद्र हंसदा ने कहा कि बिजली रहने पर ही पानी की सप्लाइ होती है. सुबह में पांच से नौ बजे तक, दोपहर में 11 से दो बजे तक व शाम में चार से सात बजे तक पानी की सप्लाइ होती है, लेकिन यह सभी काम बिजली रहने पर ही संभव है.