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हजारों छात्र-छात्राएं होंगे मैट्रिक परीक्षा से वंचित

नौवीं की वार्षिक परीक्षा के आवेदन के साथ ही मैट्रिक के लिए भी ऑनलाइन भरा जा रहा रजिस्ट्रेशन फॉर्म 45, 472 विद्यार्थियों में अंतिम तिथि तक केवल 27, 535 ने ही किये ऑनलाइन आवेदन नवादा (नगर) : वीं की वार्षिक परीक्षा के लिए ऑनलाईन आवेदन शुरू होने के आखिरी तिथि बीत जाने के बाद भी […]

नौवीं की वार्षिक परीक्षा के आवेदन के साथ ही मैट्रिक के लिए भी ऑनलाइन भरा जा रहा रजिस्ट्रेशन फॉर्म

45, 472 विद्यार्थियों में अंतिम तिथि तक केवल 27, 535 ने ही किये ऑनलाइन आवेदन

नवादा (नगर) : वीं की वार्षिक परीक्षा के लिए ऑनलाईन आवेदन शुरू होने के आखिरी तिथि बीत जाने के बाद भी जिले के हजारों छात्रों ने अपना आवेदन नहीं किया है. नौवीं की वार्षिक परीक्षा के आवेदन के साथ ही मैट्रिक के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरा जा रहा है, जो विद्यार्थी यह ऑनलाइन आवेदन नहीं करेगा, उसे मैट्रिक की परीक्षा से वंचित होना पड़ेगा.

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में 45 हजार चार सौ 72 विद्यार्थी विभिन्न स्कूलों में नौवीं में नामांकित है. लेकिन ऑनलाइन आवेदन करने के अंतिम तिथि तक केवल 27 हजार पांच सौ 35 विद्यार्थियों ने ही ऑनलाइन आवेदन किया है. इस प्रकार देखा जाये तो मैट्रिक की परीक्षा के लिए जो व्यवस्था की गयी, उससे हजारों छात्र-छात्राएं भाग नहीं ले पायेंगे.

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा नौवीं की वार्षिक परीक्षा से ही ऑनलाइन आवेदन द्वारा फॉर्म भरने की जो व्यवस्था की गयी है. इसमें कई विद्यार्थी फॉर्म भरने से वंचित रह गये है. यदि विद्यालयों द्वारा दिये गये आंकड़ों के अनुरूप ऑनलाइन आवेदन विद्यार्थियों द्वारा नहीं किया गया है, तो निश्चित ही यह बड़ी समस्या का कारण बन सकता है. ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए 16 मई तक का समय दिया गया था. लेकिन विभिन्न स्कूलों से जो रिपोर्ट शिक्षा विभाग को मिली है, इसमें हजारों छात्र आवेदन करने से वंचित रहे हैं.

गड़बड़ी की दिख रही आशंका

नामांकित विद्यार्थियों द्वारा कम ऑनलाइन आवेदन किये जाने की रिपोर्ट स्कूल प्रबंधन द्वारा की गयी गड़बड़ी को उजागर कर रहा है. साइकिल व पोशाक राशि जैसी योजनाओं का लाभ लेने के लिए विद्यार्थी एक से अधिक स्कूलों में अपना नामांकन करवा लेते हैं. साथ ही स्कूल प्रबंधन द्वारा भी गड़बड़ी की आशंका दिख रही है.

अन्यथा लगभग 18 हजार विद्यार्थियों ने समय सीमा में अपना ऑनलाइन आवेदन नहीं किया है. स्कूल प्रबंधन द्वारा जो नामांकन दिखाया गया है, इनमें से ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या 18 हजार से अधिक दिख रही है. सरकार द्वारा शुरू इस व्यवस्था से न केवल नामांकन के समय की गड़बड़ी उजागर हुई है.

साथ ही मैट्रिक का फॉर्म भरने के समय बाहरी छात्रों को रेगूलर विद्यार्थी दिखाकर जो फॉर्म भरा जाता था, उस पर भी नकेल कसने में यह व्यवस्था कारगर साबित होगी. हालांकि कई रेगूलर विद्यार्थी ऐसे छूट रहे हैं, जो अब तक ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पाये है.

परीक्षा समिति द्वारा काफी कम समय दिया गया है. इसे बढाना चाहिए. कई विद्यार्थी बैंक एकाउंट नहीं खुले होने व गांवों में ऑनलाइन सुविधा की कमी के कारण भी अब तक फॉर्म नहीं भर सके हैं. कुछ विद्यार्थी शहर या गांव से बाहर होने की स्थिति में भी फॉर्म भरने से वंचित रहे है. विद्यार्थियों ने ऑनलाइन आवेदन की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है.

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