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नवादा विधायक पर कार्रवाई या पार्टी का हाइवोल्टेज ड्रामा!

क्या पार्टी से बड़ी है नवादा विधायक राजबल्लभ प्रसाद की शख्सियत? नवादा कार्यालय : नवादा के राजद विधायक राजबल्लभ प्रसाद पर एक नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म के आरोप लगे हैं. नवादा विधायक के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप की पुलिस द्वारा पुष्टि के बाद इस मामले में पार्टी की राज्य इकाई अपनी छवि को दागदार […]

क्या पार्टी से बड़ी है नवादा विधायक राजबल्लभ प्रसाद की शख्सियत?
नवादा कार्यालय : नवादा के राजद विधायक राजबल्लभ प्रसाद पर एक नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म के आरोप लगे हैं. नवादा विधायक के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप की पुलिस द्वारा पुष्टि के बाद इस मामले में पार्टी की राज्य इकाई अपनी छवि को दागदार होने से बचाने के लिए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया.
इस मामले में उपमुख्यमंत्री व पार्टी के शीर्ष नेताओं में से एक तेजस्वी प्रसाद व प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे का बयान भी आ चुका है. संभवत: इसके बाद ही पार्टी ने उन्हें निलंबित करने का फैसला भी लिया. प्रदेश की राजनीति और बढ़ते अपराध में संलिप्त पार्टी कार्यकर्ताओं व विधायकों पर लिये गये निर्णय का लोगों ने सराहना भी की.
लगे हाथ राजद की जिला इकाई ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश इकाई के फैसले को धत्ता बता दिया. इसमें जिलाध्यक्ष महेंद्र कुमार व रजौली के विधायक प्रकाशवीर भी शामिल हुए. लोगों ने खुल कर निलंबित व आरोपित विधायक राजबल्लभ प्रसाद का बचाव किया. यह बताने की कोशिश की गयी कि जिलास्तर पर पार्टी का मतलब राजबल्लभ होते हैं न कि राजद. आरोप कितना भी संगीन क्यों न हो, जिला इकाई राजबल्लभ प्रसाद के साथ ही खड़े दिखेंगे. ऐसा दिख भी रहा है. अब सवाल यह उठता है कि क्या राजद की संवैधानिक मर्यादा की समझ क्या जिला इकाई को नहीं है.
अथवा निलंबन एक औपचारिकता भर है. क्या जिला इकाई ने पार्टी से इस संबंध में दिशा निर्देश लिया था, अथवा इसकी जरूरत ही महसूस नहीं की. ऐसी परिस्थिति में जब जिला इकाई प्रदेश के निर्णय से इतर आचरण कर रहा हो, तो पार्टी का प्रदेश नेतृत्व चुप क्यों है. इन सवालों के पीछे एक जवाब छिपा है, वह है राजबल्लभ प्रसाद की शख्सियत, जो जिलास्तर पर कार्यकर्ताओं के लिए पार्टी संविधान से ऊपर है.
रजौली विधायक भी थे शामिल:
एक तरफ पार्टी का निर्णय दूसरी तरफ निजी संबंध. फैसला करना मुश्किल तो होता है, पर ऐसी ही घड़ी राजनीतिक सूझबूझ की कसौटी होती है. जिस प्रेस काॅन्फ्रेंस में रजौली विधायक जिलाध्यक्ष के साथ मौजूद थे. वह पूरी तरह पार्टी अनुशासन के विपरीत था. पर निजी संबंधों का हवाला देते हुए उन्होंने जिला इकाई के साथ सुर मिलाया. अंदरखाने की आवाज यही कहती है कि पार्टी आरोपित विधायक के साथ है. पार्टी के विधायक भी उनके साथ हैं. फिर निलंबन का मतलब क्या औपचारिकता से ज्यादा रह जाता है.

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