विवाद के नासूर अब भी गहरे 29 साल बाद भी नहीं सुलझा सड़क निर्माण का विवाद सड़क निर्माण को लेकर नूरीचक चंडीनावां के लोगों में नहीं बन सका है सामंजस्य फोटो-4 प्रतिनिधि, काशीचक लगभग तीन दशक से एक ही पंचायत के दो गांवों के बीच संपर्क पथ को लेकर तनाव है. मामला ऊपर तक पहुंचा, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका है. पहली बार 29 साल पहले सड़क का निर्माण हुआ तो मामला इतना बिगड़ा कि पुलिस को आना पड़ा और फाइरिंग हुई तो कई लोग गंभीर भी हुए़ दूसरी बार जब इस साल पिछले महीने प्रयास हुआ, तो दूसरी गांव के लोगों ने रातोरात अर्थमूवर से रास्ते को काट दिया. यानी की तीन दशक बाद भी दोनों गांवों के बीच बर्फ पिघली नहीं है, विवाद के नासूर अब भी गहरे हैं. गौरतलब है कि चंडीनावां पंचायत के नूरीचक गांव के लोगों ने 26 फरवरी, 1986 को सड़क का निर्माण शुरू किया था. इस पर चंडीनावां के लोगों ने आपत्ति जतायी और निर्माण कार्य को रोका दिया. इधर, नूरीचक के लोगों ने पिछले महीने फिर से निर्माण का प्रयास शुरू किया, तो चंडीनावां के लोगों ने रातों-रात पूरी सड़क को दो स्थानों पर अर्थमूवर (जेसीबी) से काट कर रास्ते को बाधित कर दिया. इसकी सूचना प्रशासन को दी गयी है. प्रखंड से लेकर राज्य स्तर के अधिकारियों और संबंधित मंत्रालयों को भी सूचित किया गया है. फिलहाल सड़क निर्माण कार्य को लेकर दोनों पक्षों में आपसी सामांजस्य नहीं बन सका है. दोनों गांवों में हुआ तनाव 1986 में नूरीचक के लोगों ने अपने गांव के लिए सुगम रास्ता बनाने को लेकर काम शुरू कराया. इस निर्माण कार्य को चंडीनावां के ग्रामीणों ने रोक दिया. इससे दोनों गांवों के बीच तनाव हो गया. स्थिति गंभीर हो गयी. घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. इसमें चंडानावां निवासी रवींद्र सिंह की मौत गोली लगने से हो गयी. चंडीनोवां के ही देवेंद्र सिंह व अशोक कुमार पुलिस की गोली से जख्मी हो गये़ घटना के बाद पुलिस ने चंडीनावा गांव के कुल 21 लोगों को आरोपित बनाया. इस मामले के सभी आरोपित काेर्ट से बरी हो चुके हैं. तब से अब तक इस स्थल पर किसी तरह का कोई मरम्मत या निर्माण का कार्य नहीं हो सका है.क्या है मामलाचंडीनावां व नूरीचक के पास परतातर आहर है. इसके अलंग से होकर नूरीचक के लोग आते-जाते हैं. चंडीनावां के किसान आहर को सिंचाई की जरूरतों के हिसाब से इस्तेमाल करते हैं. पानी अधिक होने या कम होने दोनों ही स्थिति में यह अलंग इनके लिए उपयोगी होता है. यहां के किसान किसी भी हालत में इस अलंग पर स्थायी निर्माण नहीं होने देना चाहते हैं. वहीं, नूरीचक के लोगों के लिए हमेशा से यह अलंग आम रास्ते के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है. लिहाजा स्थायी सड़क के जरिये नूरीचक के लोग इसे और भी सुगम बनाना चाहते हैं. यही विवाद दोनों गांवों के लोगों के बीच उनके आपसी सौहार्द को बिगाड़ रखा है. चंडीनोवा के लोगों के अनुसार, उक्त विवादित स्थल पइन का अलंग है. इससे पटवन का कार्य होता है. सुविधा के अनुसार, पानी की जरूरत होने पर नाला द्वारा पटवन किया जाता है. अथवा जमा पानी को अलंग के रास्ते नदी में छोड़ दिया जाता है. ग्रामीणों ने कहा लगभग 30 वर्ष से विवादित इस जमीन पर सड़क निर्माण का कार्य बिल्कुल गलत है. इसमें गांव के एक युवा की जान जा चुकी है. बगैर किसी सरकारी आदेश के इस पर सड़क निर्माण गलत है. इसका हर हाल में विरोध किया जायेगा. इससे कभी भी स्थिति खराब हो सकती है़ इतना के बाद भी कोई गांव वाले अपना नाम इस विवाद से नहीं जोड़ना चाहते हैं.दूसरी तरफ से मिल चुका है रास्ता प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत काफी प्रयास के बाद नूरीचक के ग्रामीणों को दूसरी ओर से गांव के लिए सड़क निर्माण की योजना स्वीकृत हो गया है. इससे नूरीचक को सड़क नसीब हो सकी है. इधर, इसी माह इस पुरानी सड़क की मरम्मत को लेकर मिट्टी भराई की बात सामने आयी है. इसका चंडीनोवा के ग्रामीणों ने विरोध किया और काम बंद करा दिया गया. अब क्या है रास्ते की स्थिति आज उक्त स्थल की कटाई से अलंग खाई में तब्दील हो गया है. इसमें अनजान लोगों को बरसात के पानी में आने जाने में खतरा है. पैदल चलनेवालों के लिए भी यह सुगम रास्ता नहीं रह गया है. इसकी कटाई दीपावली की रात में कर दी गयी है. इस मामले में कथित तौर पर चंडीनावां के लोगों को आरोपित किया जा रहा है. पर, खुल कर कोई सामने नहीं आ रहा हैं. नूरीचक के लोगों ने इस मामले को लेकर बड़े अधिकारियों के पास गुहार लगायी है. पर, वह भी आवेदन में किसी का नाम देने से इनकार करते हैं.निर्माण की जानकारी नहीं इस सड़क निर्माण कार्य की जानकारी हमें नही है. हां, इस रास्ते से ग्रामीणों का आना जाना होता था, जो अभी बंद है़ सरिता देवी, मुखिया, चंडीनावां पंचायत नहीं मिला कोई आदेश 30 साल पुरानी बातों की जानकारी कागजात देख कर ही ली जा सकती है़ हालांकि, इस संबंध में जांच के लिए कोई अाधिकारिक आदेश नहीं प्राप्त हुए है़ ग्रामीण स्तर के अलावा दोनों गांवों के लोगों निजी तौर पर बयान देने से इनकार करते हैं.अमित कुमार, अंचल अधिकारी मामले पर प्रशासन गंभीर इस मामले को लेकर प्रशासन गंभीर है. स्थानीय मुखिया और प्रमुख ने आपसी सहमति के आधार पर इसे सुलझा लेने का भरोसा दिलाया है. शीघ्र ही दोनों गांवों के लोगों की बैठक बुलाकर मामले को सुलझाया जायेगा.राजेश कुमार, एसडीओ
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विवाद के नासूर अब भी गहरे
विवाद के नासूर अब भी गहरे 29 साल बाद भी नहीं सुलझा सड़क निर्माण का विवाद सड़क निर्माण को लेकर नूरीचक चंडीनावां के लोगों में नहीं बन सका है सामंजस्य फोटो-4 प्रतिनिधि, काशीचक लगभग तीन दशक से एक ही पंचायत के दो गांवों के बीच संपर्क पथ को लेकर तनाव है. मामला ऊपर तक पहुंचा, […]
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