योजनाओं की सफलता में मीडिया महत्वपूर्ण : डीएम राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर प्रेस की स्वतंत्रता बनाये रखने का लोगों ने दिया विचारसूचना एवं जन संपर्क विभाग ने किया आयोजन कार्टून व व्यंग चित्रों की महत्ता पर हुई चर्चा फोटो- 6प्रतिनिधि, नवादा कार्यालयप्रेस की स्वतंत्रता अक्षुन्न बनी रहनी चाहिए, सरकार की योजनाओं का लाभ मिल पा रही है या नहीं इसका आकलन एक स्वतंत्र व निष्पक्ष पत्रकार ही करता है. यह बातें डीएम मनोज कुमार ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं. जिला सूचना भवन में राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर जन संपर्क विभाग के तरफ से आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम मनोज कुमार, अपर समाहर्ता महर्षि राम, डीपीआरो परिमल कुमार ने किया. डीएम ने कहा कहा कि सरकार की विकास व सामाजिक योजनाओं पर सार्थक पहल करते हुए जनता के बीच पहुंचाने का काम पत्रकार करते हैं. डीएम ने कहा कि वह प्रशासक के साथ-साथ सामान्य नागरिक के रूप में पत्रकारिता के महत्ता को सलाम करते हैं. यदि पत्रकार सकारात्मक भूमिका नहीं निभाये, तो प्रशासनिक स्तर पर लिये गये सारे निर्णय असफल हो जाये. उन्होंने कार्टून के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चित्रात्मक प्रदर्शन लेखन से कई गुणा अधिक प्रभावी होता है. उन्होंने प्रेस क्लब के निर्माण कार्य सही स्थान मिलने के बाद तत्काल शुरू करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन पत्रकारों के साथ प्रत्येक माह निश्चित तौर से वार्ता करने का काम करेगी. डीपीआरओ परिमल कुमार ने कहा कि मीडिया के माध्यमों जैसे समाचार पत्र, खबरिया चैनलों, दूरदर्शन आदि पर प्रस्तुत होनेवाले कार्टून सामाजिक मुद्दों पर समालोचनात्मक भाव प्रस्तुत करता है. कार्टून व व्यंग चित्र विचारों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है. उन्होंने कई चैनलों पर प्रस्तुत कार्टून कार्यक्रमों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण, राजेंद्र पूरी को श्रद्धांजलि व्यक्त करने के लिए प्रेस दिवस के मौके पर कार्टून व व्यंगात्मक चित्रों के महत्व पर चर्चा की गयी. कार्यक्रम में अजय कुमार ने समकालीन मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर कार्टून व व्यंगात्मक चित्रण में हमारी कोई विशेष भूमिका नहीं है. ग्रामीण परिवेश में भी कार्टून लोगों तक अपनी बात पहुंचाने का बेहतर माध्यम है. उदय भारती ने अपनी स्वरचित कविता कभी ‘कलम तो कभी तलवार है पत्रकार वक्त पड़े तो वज्र का प्रहार है पत्रकार’ का पाठ कर लोगों को प्रभावित किया. उन्होंने अपनी सधी हुई लेखनी और कसे हुए शब्द रचना से लोगों को पत्रकारिता की गरिमा और उसके कर्तव्यों से परिचित करवाया. विजय भान सिंह ने कहा कि पत्रकारिता से बढ़कर कोई समाज सेवा नहीं हो सकता. उन्होंने जिले के प्रत्येक क्षेत्र को शांति, समृद्धि व सौहार्द के साथ पत्रकारों के अमूल्य योगदान को जोड़ा. उन्होंने शांति समिति के सदस्यों में पत्रकारों के सहभागिता की अनदेखी पर चिंता व्यक्त किया. एसबी सिन्हा ने कार्टून व व्यंगात्मक चित्रण करने वाले पत्रकारों के हत्या पर गहरा दु:ख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति के माध्यम पर कोई बंदिश नहीं लगाया जा सकता. उन्होंने जिक्र किया कि केवल वर्ष 2015 में 50 से अधिक पत्रकारों की हत्या की गयी है. जिन्होंने धार्मिक, राजनैतिक और सामाजिक मुद्दों को निष्पक्ष होकर उठाने का काम किया था. राम रतन सिंह रत्नाकर ने कहा कि भारतीय संस्कृति में नारद मुनि को पहला पत्रकार माना जाना चाहिए. उन्होंने पत्रकारिता के बदलते स्वरूप का जिक्र किया. कार्यक्रम में अपर समाहर्ता महर्षि राम ने कहा कि कार्टून बड़े ही सलीके से बात को आम लोगों पर पहुंचाता है, जो पढ़ भी नहीं सकते वे भी कार्टून को देखकर उसमें कही जानेवाली बातों को समझ लेते हैं. कार्यक्रम को मनमोहन कृष्ण, राजेश मंझवेकर, विनय पांडेय आदि ने भी अपने विचार रखें. कार्यक्रम में मंच का संचालन सृजन आट्स के निदेश विजय शंकर पाठक ने किया. संस्था के छात्राओं ने आकर्षक तरीके से स्वागत गान भी प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में जिला के कई मीडिया हाउसों के पत्रकार भी मौजूद थे.
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योजनाओं की सफलता में मीडिया महत्वपूर्ण : डीएम
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