नवादा कार्यालय : शहर का प्रमुख दिगंबर जैन मंदिर धर्मशाला पिछले कई सालों से विवादों में उलझा है. वर्ष 2008 में विवाद उत्पन्न होने के बाद इसे जिला प्रशासन को सुपुर्द कर चलाया जाने लगा. लेकिन, इस धर्मशाला का विवाद उस वक्त गहरा गया, जब बिहार राज्य दिगंबर जैन धार्मिक न्यास बोर्ड पटना के अध्यक्ष गोपाल जैन व सदस्य ज्ञान चंद्र जैन व शरत कुमार जैन ने धर्मशाला को तोड़ कर मार्केट बनाने का प्रस्ताव इस जिले के जैन समाज को दिया, तो मामला भड़क उठा. सोमवार अस्पताल रोड स्थित जैन धर्मशाला में जैन धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के साथ बैठक हुई. स्थानीय लोगों ने इसमें काफी हंगामा किया.
जैन समाज के अभय जैन ने बताया कि बगैर स्थानीय समाज के लोगों की अनुमति के ही धर्मशाला को तोड़ कर मार्केट बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है, जो सरासर गलत है. उन्होंने बताया कि इसका स्थानीय समाज के लोगों ने विरोध किया है. साथ ही प्रशासन को दिये गये धर्मशाला समाज को वापस करने का भी मांग की है. उन्होंने कहा कि इसके लिए डीएम को भी लिखा गया है. बोर्ड के गलत रवैये से स्थानीय जैन समाज के लोगों में रोष व्याप्त है. गौरतलब है कि न्यास बोर्ड ने 20 जून 2008 को भेजे पत्र के अनुसार एक वर्ष के लिए जैन मंदिर समिति नवादा का अधिग्रहण जिला प्रशासन की देख-रेख में दिया गया था, लेकिन सात वर्षो के बाद भी जिला प्रशासन अपने कब्जे में रखे हुए है. न्यास बोर्ड ने 9 जुलाई, 2010 को सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर धर्मशाला का विवाद समाप्त करने और चुनाव कराने के लिए कमेटी का गठन किया था.