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एक लाख कामगार होंगे लाभान्वित

पहल. बिहारशरीफ के बीड़ी मजदूर अस्पताल बनेगा इएसआइसी अस्पताल पटना/बिहारशरीफ : नालंदा जिले के बिहारशरीफ में कर्मचारी राज्य बीमा निगम यानी इएसआइसी नया अस्पताल बनायेगी. बिहारशरीफ में बने हुए बीड़ी मजदूर अस्पताल को ही इएसआइसी अस्पताल के रूप में बदल दिया जायेगा और उसके दायरे में नालंदा, नवादा और जमुई जिले के एक लाख से […]

पहल. बिहारशरीफ के बीड़ी मजदूर अस्पताल बनेगा इएसआइसी अस्पताल

पटना/बिहारशरीफ : नालंदा जिले के बिहारशरीफ में कर्मचारी राज्य बीमा निगम यानी इएसआइसी नया अस्पताल बनायेगी. बिहारशरीफ में बने हुए बीड़ी मजदूर अस्पताल को ही इएसआइसी अस्पताल के रूप में बदल दिया जायेगा और उसके दायरे में नालंदा, नवादा और जमुई जिले के एक लाख से ज्यादा लोग आयेंगे. इएसआइसी ने इसके लिए केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है जिस पर जल्द ही मुहर लग जाने की उम्मीद है. इसके बाद इस अस्पताल को इएसआइसी का नाम मिल जायेगा. कर्मचारी बीमा निगम ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि सभी बीड़ी मजदूर को वे इएसआइसी स्कीम से जोड़ने के लिए सहमत हैं. इस अस्पताल के इएसआइसी में तब्दील होने से बीड़ी मजदूरों को भी काफी राहत मिलेगी.
नालंदा, नवादा और जमुई जिले के कामगारों के साथ उन्हें भी इलाज के लिए पटना नहीं जाना पड़ेगा और इएसआइसी की लाभकारी योजनाओं का लाभ उसी अस्पताल में मिल सकेगा.बिहारशरीफ के कामगारों को जनवरी महीने में वहां स्वास्थ्य की सुविधाएं मिलने की कवायद की जा रही है. इएसआइसी अभी वहां जनवरी के पहले सप्ताह में 1600 वर्ग फीट में एक डिस्पेंसरी खोलने जा रही है जिसमें सभी जरूरी सुविधाएं फरवरी से हर हाल में मिलने लगेगी. निगम के क्षेत्रीय निदेशक के मुताबिक वहां पर 1500 बीमित लोगों और उनके परिवार को तो तुरंत इसका लाभ मिलने लगेगा. यह डिस्पेंसरी रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के आसपास खुलेगा ताकि यहां आने में लोगों को परेशानी नहीं हो.
जनवरी में पहले सप्ताह में कागजी औैपचारिकतायें पूरी हो जायेगी और फरवरी में डिस्पेंसरी काम करने लगेगी. वर्ष 2004 में जार्ज फर्नाडिंस के सांसदी कार्यकाल में इस अस्पताल का उद्घाटन किया गया था. उस वक्त महानगरों की तर्ज पर इस अस्पताल को विकसित करने की रूपरेखा तैयार की गयी थी लेकिन केंद्र सरकार बदलने के बाद इस अस्पताल की ओर किसी का ध्यान नहीं गया. यही वजह रही कि करोड़ों की लागत से बनी इस अस्पताल की स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है. यहां भव्य बिल्डिंग तो बनी हुई है लेकिन डाक्टरों से लेकर बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. अब यदि इएसआइसी इसे टेकओवर करेगी तो यहां पर ना फंड की दिक्कत होगी ना ही सुविधाओं की. निगम के पास डाक्टरों का भी पैनल है.
प्राइवेट डॉक्टरों की भी सेवा
बिहारशरीफ में बीड़ी मजदूर के लिए बने अस्पताल को टेकओवर करने के लिए हमने श्रम कल्याण मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है. उम्मीद है इस पर जल्द सहमति हो जायेगी. इसके साथ ही हमने एक वैकल्पिक प्लान भी बनाया है जिसके तहत वहां डिस्पेंसरी फरवरी से काम करने लगेगी जिसमें हम प्राइवेट डाक्टरों की सुविधा दे सकेंगे. जनवरी में सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली जायेगी.
अरविंद कुमार, क्षेत्रीय निदेशक, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, बिहार

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