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खाद्य पदार्थों की जांच में सुस्ती

अनदेखी : बाजारों में हो रही मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री लोग बाजारों में डिब्बा बंद या खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थों की खरीदारी करने में लगे हैं. जिसमें गुणवत्ता निम्न स्तर की होती है. खाद्य पदार्थों में भरपूर मिलावट रहती है जो सेहत व स्वास्थ्य के लिए खतरा है. ऐसे खाद्य पदार्थों के […]

अनदेखी : बाजारों में हो रही मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री

लोग बाजारों में डिब्बा बंद या खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थों की खरीदारी करने में लगे हैं. जिसमें गुणवत्ता निम्न स्तर की होती है. खाद्य पदार्थों में भरपूर मिलावट रहती है जो सेहत व स्वास्थ्य के लिए खतरा है. ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन करने से पाचन तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इन मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने या नियमित जांच के प्रति खाद्य सुरक्षा विभाग भी गंभीर नहीं है. यही वजह है कि खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की नियमित रूप से जांच नहीं हो पा रही है.
स्वास्थ्य पर पड़ रहा प्रतिकूल असर
बिहारशरीफ : पहले खाने-पीने की वस्तुओं मशाले,हल्दी मिर्च,धनिया आदि शिलट पर पीसे जाते थे. गांव ,देहातों से लेकर शहर व बाजारों के घरों में यह परंपरा अब खत्म होती जा रही है. लोग बाजारों में डिब्बा बंद या खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थों की खरीदारी करने में लगे हैं. जिसमें गुणवत्ता निम्न स्तर की होती है.
खाद्य पदार्थों में भरपूर मिलावट रहती है जो सेहत व स्वास्थ्य के लिए खतरा है. ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन करने से पाचन तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इन मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने या नियमित जांच के प्रति खाद्य सुरक्षा विभाग भी गंभीर नहीं है. यही वजह है कि खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की नियमित रूप से जांच नहीं हो पा रही है. लिहाजा बाजारों में इन दिनों मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
मिठाइयों में भी मिलावट
मिठाइयों में भी मिलावट बदस्तूर जारी है. छेना की मिठाई कृत्रिम रूप से तैयार किया जा रहा है. पर्व -त्योहारों के अवसर पर नकली खोवा से बनी मिठाइयों बाजारों में प्रचुर मात्रा में बेची जाती है. मिलावटी मिठाइयों की बिक्री पर रोक लगाने की दिशा में भी खाद्य सुरक्षा विभाग या जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से छापेमारी अभियान नहीं चलाया जा रहा है. साल में कभी कभार विभाग की ओर छापेमारी कर खानापूर्ति कर दी जाती है. लेकिन मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने की दिशा में नियमित रूप से जांच अभियान नहीं चलाया जाता है. किसी भी मिठाई की दुकान में मिठाइयों की गुणवत्ता और मिलावटी जांच के लिए सैंपल जांच के लिए नहीं लिये जा रहे हैं. विभाग पूरी तरह से उदासीन बना हुआ है.
जिला खाद्य सुरक्षा विभाग में एक चतुर्थवर्गीय कर्मी ही तैनात
खाद्य सुरक्षा विभाग में इन दिनों सिर्फ एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी ही पदस्थापित हैं. ऐसी स्थिति में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने व जांच के लिए नमूने कैसे संग्रह किये जा सकते हैं. जिला में खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी का पद ही स्वीकृत नहीं है. अब प्रमंडलीय स्तर पर इसके अधिकारी फूड सेफ्टी अफसर पदस्थापित हैं. जिनके पास कई जिलों का प्रभार है. ऐसे परिस्थिति में विभाग अधिकारी व कर्मी चाह कर भी नियमित रूप से अभियान चलाने में असमर्थ है.
मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन से किडनी पर प्रतिकूल असर
पावापुरी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डाॅ केके मणि कहते हैं कि मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन से पाचन तंत्र प्रभावित होता है,मस्तिक चर्म रोगों में इजाफा होता है. इतना ही नहीं मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन करने से किडनी भी प्रभावित होता है. मिलावट खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए घातक है. लोगों को मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन करने से वर्जित व पूरी तरह से परहेज करना चाहिए.
सिंथेटिक मावे से बनीं मिठाइयों की खूब होरही बिक्री
बाजार में इन दिनों सिंथेटिक मावा से बनी मिठाइयों की खूब बिक्री हो रही है. शहर के हर चौक -चौराहों पर ,सड़क किनारे स्टॉल व ढेले पर मिठाइयों की बिक्री हो रही है. धूल कण हवा के माध्यम से उड़कर चली जा रही है़ ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ प्रशासन भी सख्ती नहीं दिखा पा रही है. चौक -चौराहों पर बिकने वाली मिठाइयों को लोग बड़े चाव से खा रहे हैं. ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से लोग बचें, ताकि शरीर स्वस्थ रह सके.
रोक के लिए टीम करेगी छापेमारी
फूड सेफ्टी अफसर ,पटना प्रमंडलीय नारायण राम ने बताया कि मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए जल्द ही छापेमारी टीम गठित की जायेगी. गठित टीम दुकानों में छापेमारी कर जांच के लिए नमूने लेगी. संग्रहित नमूने को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजी जायेगी़ जांच रिपोर्ट में मिलावट की पुष्टि होने पर संबंधित विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. सिविल सर्जन सर्जन डाॅ सुबोध प्रसाद सिंह ने बताया कि इस दिशा में ठोस कदम उठाये जायेंगे़
मसालों में भी मिलावट
खाद्य पदार्थों में मसाले जैसे हल्दी,मिर्च,धनिया,काली मिर्च के पावडर (चूर्ण) में प्राय: मिलावट की शिकायत होती है. इन मसाले में गुणवत्ता की भारी कमी होती है. उक्त मसाले बाजारों की दुकानों से लेकर फुटपाथी दुकानों में बेची जा रही है. शहर के चौक -चौराहे पर फुटपाथी दुकानदार खुले तौर मसाले की बिक्री खुलेआम कर रहे हैं.
खुले में बिक्री किये जाने से धूल-कण भी हवा के साथ उड़कर उक्त मसाले के चूर्ण में मिल जा रहे हैं. जिसके सेवन करने से शरीर पर प्रतिकूल असर पड़ता है. मिलावट का धंधा तेजी से फल फूल रहा है. प्रशासनिक कार्रवाई ऐसे लोगों पर नहीं हो पा रही है.

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