बिहारशरीफ : एमएलसी हीरा बिंद के गुर्गों द्वारा पत्रकार राजेश सिंह को धमकी दिये जाने के विरोध में शुक्रवार को जिले के पत्रकारों ने काला बिल्ला लगा कर विरोध मार्च निकाला. अस्पताल मोड़ से पत्रकारों का दल विरोध मार्च शुरू किया. इसकी सूचना मिलते आरक्षी अधीक्षक कुमार आशीष विरोध मार्च स्थल पर पहुंचे और पत्रकारों से इस मुद्दे पर बातचीत कर धमकी देने वाले युवकों को शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
उन्होंने पत्रकारों के साथ घंटों वार्ता की. इसके बाद सभी पत्रकार आरक्षी अधीक्षक के आश्वासन के बाद अपना विरोध मार्च समाप्त कर दिया. एसपी ने बताया कि कांड के पर्यवेक्षण के क्रम में कांड के वादी एवं गवाहों द्वारा बताया गया कि एमएलसी हीरा बिंद अच्छे व्यक्ति हैं. उनकी किसी तरह की शिकायत नहीं है. हो सकता है कि उनका नाम लेकर उनके व्यक्तियों द्वारा इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया हो.
अनुसंधान के क्रम में जिस मोबाइल का उपयोग हीरा बिंद द्वारा किया जा रहा है. उसका सीडीआर प्राप्त किया गया. जिससे पता चला कि 19 मई की सुबह 08 बजे से 12 बजे तक उपयोग किये मोबाइल से कहीं बात नहीं हुई है एवं उनके मोबाइल के टावर का लोकेशन बड़ी पहाड़ी, गया मोड़, पटना पाया गया. एमएलसी हीरा बिंद का कोई अपराधिक इतिहास भी नहीं पाया गया और न ही किसी थाने में उनके खिलाफ कोई शिकायत ही दर्ज है.
धमकी देने के आरोप में चार युवकों को पकड़ा गया था, जिसे पत्रकार से शिनाख्त करायी गयी, मगर किसी की पहचान नहीं हुई. एसपी ने बताया कि अनुसंधान, वादी एवं गवाहों के बयान व पर्यवेक्षण से कांड में अज्ञात चार युवकों के विरूद्ध धारा 387/504/34भादवि के तहत सत्य पाया गया है. कांड में बताये गये प्राथमिक अभियुक्त हीरा बिंद की कांड में संलिप्तता नहीं पायी गयी एवं उनके विरुद्ध दोषारोपण असत्य पाया गया.